ताइवान, अमरीका और पेलोसी पर चीन का आग उगलना जारी

बीजिंग – नैन्सी पेलोसी के ताइवान दौरे पर तीखी प्रतिक्रिया देने की तैयारी चीन ने की है। ताइवान के इर्दगिर्द चीन ने छह ठिकानों पर युद्धाभ्यास का आयोजन किया है। वहां पर चीन के सौ से अधिक लड़ाकू विमान और दस युद्धपोत ‘लाईव फायर’ का अभ्यास कर रहे हैं। किसी भी क्षण ताइवान पर हमला किया जा सकता है, इस युद्धाभ्यास से चीन ताइवान समेत पूरे विश्व को यही दिखा रहा है। साथ ही पेलोसी और उनके परिवार पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान चीन ने किया है। तथा अमरीका के साथ मौसम से बदलाव एवं सैन्य सहयोग के सभी स्तरों की चर्चा चीन ने रद्द कर दी हैं। इसके अलावा ताइवान के पक्ष में बयान कर रहे यूरोपिय महासंघ के राजनीतिक अधिकारियों को चीन ने समन्स थमाए हैं।

पेलोसीअमरीका ने पेलोसी की ताइवान यात्रा का आयोजन करके काफी बड़ी गलती की है और इसकी भयंकर कीमत ताइवान के साथ अमरीका को भी चुकानी पड़ेगी, यही चीन विभिन्न मार्ग से दिखा रहा है। इसके लिए चीन ने युद्धाभ्यास का आयोजन करके मिसाइल्स भी दागीं। इसके अलावा ताइवान के निर्यात को लक्ष्य करने के निर्णय भी चीन ने घोषित किए हैं। इसके साथ ही ताइवान के पक्ष में या हमारे विरोध में बयान करनेवाले देशों को भी सबक सिखाया जाएगा, ऐसी चेतावनी देने की कोशिश चीन कर रहा है। आनेवाले समय में किसी भी अमरिकी या अन्य देशों के बड़े नेता चीन के खिलाफ ताइवान का दौरा ना करें, इसी लिए चीन की यह कोशिश जारी होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

ताइवान की खाड़ी में जारी चीन के ‘जॉईंट ब्लॉकेज ऑपरेशन्स’ युद्धाभ्यास के वीडियोज्‌‍ चीन के माध्यमों ने प्रसिद्ध किए हैं। इस युद्धाभ्यास में शामिल हुए चीन के सौ से अधिक लड़ाकू विमानों में से कुछ विमानों के पायलट ‘चलो हम ताइवान पर फिर से कब्ज़ा करें’, इस तरह के दावे करते हुए इन वीडियोज्‌‍ में दिख रहे हैं। अपनी सेना ने इस युद्धाभ्यास में ताइवान की खाड़ी में नए मिसाइलों से हमला किया, यह जानकारी साझा की। इससे चीन ने हम ताइवान पर कब्ज़ा करने के लिए पूरी तरह से तैयार होने का संदेश देने की कोशिश की है। साथ ही पेलोसी की ताइवान यात्रा हम आसानी से बर्दाश्त नहीं करेंगे, इसके विरोध में सख्त कदम उठाए गए हैं, यही चीन की हुकूमत अपनी जनता को दिखाने की कोशिश करने में जुटी होने की बात इससे फिर से स्पष्ट हुई।

पेलोसी की ताइवान यात्रा चीन की संप्रभुता और अखंड़ता को चुनौती देती है और इसके ज़रिये अमरीका ने वन चाइना पॉलिसी को झटका दिया, ऐसी प्रतिक्रिया चीन के विदेश मंत्रालय ने दी है। इस वजह से ताइवान की खाड़ी में अस्थिरता और अशांति निर्माण हुई, यह कहकर इसके लिए चीन के विदेश मंत्रालय ने अमरीका को ही ज़िम्मेदार बताया है। इसी बीच चीन का युद्धाभ्यास और राजनीतिक स्तर पर चीन, अमरीका और यूरोपिय महासंघ के खिलाफ उठा रहे कदम, सब प्रतिकात्मक हैं। असल में चीन ताइवान पर हमला करने का खतरा फिलहाल नहीं उठाएगा, ऐसा कुछ विश्लेषक कह रहे हैं। बल्कि, अमरीका ने पेलोसी की यात्रा के ज़रिया चीन की धमकियाँ खोखली हैं, यह विश्व को दिखाया है, ऐसा दावा यह विश्लेषक कर रहे हैं।

अब तक ताइवान के मुद्दे पर हम किसी भी तरह का समझौता नहीं करेंगे, यह इशारा चीन दे रहा था। ताइवान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी भी तरह का प्रतिनिधित्व प्राप्त ना हो सके, इसके लिए चीन विशेष सावधानी दिखा रहा था। अमरीका की बागड़ोर राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने संभालने के बाद चीन की ताइवान संबंधि नीति में आक्रामक बदलाव हुए थे। चीन के राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ताइवान जल्द ही हमारे देश में शामिल होगा, ऐसें दावे करने लगे थे। साथ ही ताइवान के मसले पर चीन अमरीका से टकराने की क्षमता रखता है, ऐसा विश्वास चीन के नेते लगातार व्यक्त कर रहे थे। लेकिन, पेलोसी की इस यात्रा ने चीन के यह दावे खोखले होने की बात पूरे विश्व में फैली है। इसी वजह से चीन को अपने युद्धाभ्यास और राजनीतिक स्तर पर आक्रामक गतिविधियाँ करके इस माध्यम से हम काफी कुछ कर रहे हैं, यह भ्रम निर्माण करना है। वास्तव में चीन युद्ध या सीधे सैन्य कार्रवाई करने का खतरा फिलहाल नहीं उठाएगा, ऐसा सामरिक विश्लेषकों का कहना है।

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