तालिबान को अफ़गान सेना के पूर्व अधिकारियों की चुनौती

काबुल – तालिबान की हुकूमत को अफ़गानिस्तान का कारोबार ठीक करने के लिए एक साल की अवधि देने का हमने तय किया था| लेकिन, पिछले आठ महीनों में तालिबान ने अफ़गानिस्तान में भयंकर स्थिति निर्माण की है| इसपर गौर करें तो तालिबान का राज इसके आगे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता| इसी वजह से हम और हमारे सहयोगियों ने तालिबान के विरोध में हथियार उठाने का निर्णय किया है| अफ़गानिस्तान को फिर से आज़ाद किए बिना यह जंग थमेगी नहीं, ऐसा ऐलान अफ़गान सेना के पूर्व लेफ्टनंट जनरल सामी सदात ने किया|

taliban-afghan-military-chief-1तालिबान के विभिन्न गुटों के बीच ही कई मुद्दों पर मतभेद होने की बात सामने आ रही है| ये मतभेद तीव्र होने के बाद अफ़गान सेना के पूर्व अधिकारियों ने यह चेतावनी दी| अंतरराष्ट्रीय वृत्तसंस्था को दिए साक्षात्कार के दौरान ले.जनरल सामी सदात ने तालिबान के खिलाफ हथियार उठाने का ऐलान किया| तालिबान की हुकूमत जुल्मी है और इस हुकूमत के कार्यकाल में अफ़गानिस्तान की गिरावट हो रही है| अफ़गान सैनिक, अधिकारी, महिला, छात्रों पर अत्याचार हो रहे हैं और ऐसी स्थिति में हम और हमारे सहयोगी चूप नहीं बैठ सकते| अफ़गानिस्तान को तालिबान से आज़ाद करके देश में फिर से जनतंत्र स्थापित करना ही हमारा ध्येय होगा| इसे प्राप्त करने तक हमारी जंग जारी रहेगी, यह ऐलान ले.जनरल सदात ने किया|

taliban-afghan-military-chief-2नए संघर्ष की वजह से अफ़गानिस्तान में फिर से खूनखराबा शुरू हो सकता है, इस खतरे के बावजूद क्या आप तालिबान से संघर्ष नहीं करेंगे, ऐसा सवाल ले.जनरल सदात को इस साक्षात्कार के दौरान किया गया था| लेकिन, अफ़गानिस्तान में फिलहाल शांति नहीं रहेगी, ऐसा सदात ने कहा| साथ ही, तालिबान को जंगी चुनौती दिए बगैर अफ़गानिस्तान का भविष्य बन ही नहीं सकता, ऐसा सदात ने ड़टकर कहा| साथ ही, तालिबान के उदार गुट का हम स्वागत करेंगे, वे हमारी जंग का हिस्सा बनें| क्योंकि, हमारा विरोध तालिबान से नहीं, उसकी कार्यपद्धती से हैं, ऐसा दावा ले.जनरल सदात ने किया|

देश पर प्रेम करनेवाले अफ़गान स्वयं ही आगे आकर हमारी इस जंग के लिए संपत्ति प्रदान कर रहे हैं| उनके समर्थन पर ही हम संघर्ष करेंगे, यह जानकारी सदात ने इस दौरान साझा की| साथ ही, तालिबान को अफ़गानिस्तान में सुव्यवस्था निर्माण करने के लिए अवधि गुज़रने दें, यह सलाह दे रहें पश्‍चिमी देशों की सदात ने कड़ी आलोचना की| दूर रहकर ऐसी सलाह देना आसान होता है| लेकिन, तालिबान के अत्याचार बर्दाश्त करना अलग बात होती है, ऐसी आलोचना सदात ने की है| सदात के इस दावे की वजह से अफ़गानिस्तान में और एक संघर्ष शुरू होने के आसार स्पष्ट दिख रहे हैं|

तालिबान के हमले के बाद बिखरी अफ़गान सेना में अगर फिर से एकजूट हुई और तालिबान विरोधी गुटों का उन्हें समर्थन प्राप्त हुआ, तो तालिबान की हुकूमत को खतरा बन सकता है| यदि इस हुकूमत के सामने चुनौती खड़ी हुई, तो इसका काफी बड़ा असर अफ़गानिस्तान और पड़ोसी देशों पर हो सकता है|

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