ईरान के पीछे सौदी भी परमाणु बम से सज्जित होगा – अमरिकी सैन्य विश्‍लेषक की चेतावनी

वॉशिंग्टन – ‘बायडेन प्रशासन ने परमाणु समझौता करने के बावजूद यदि ईरान परमाणु हथियारों से सज्जित हुआ तो सौदी अरब शांत नहीं रहेगा| बिल्कुल दूसरें ही दिन सौदी भी परमाणु बम प्राप्त कर सकता हैं’, ऐसा इशारा अमरीका के सैन्य विश्‍लेषकों ने दिया हैं| पाकिस्तान से परमाणु बम खरीद कर सौदी ईरान को चुनौती दे सकता हैं, ऐसा दावा इन विश्‍लेषकों ने किया| ईरान मात्रा कुछ ही हफ्तों में परमाणु बम का निर्माण कर सकता हैं, ऐसी चेतावनी अमरिकी विदेशमंत्री ने कुछ ही दिन पहले दी थी| इसके बाद अमरीका के सैन्य विश्‍लेषक बायडेन प्रशासन को इशारा देते दिख रहे हैं|

पिछले छह महीनों से अमरीका और ईरान परमाणु समझौते के मुद्दे पर वियना में बातचीत कर रहे हैं और यह बातचीत नाकाम होने की खबरें सामने आ रही हैं| व्हाईट हाऊस ने ईरान के परमाणु समझौते के टूटने के संकेत दिए हैं| मौजूदा स्थिति में परमाणु समझौते की कोशिश असफल हुई तो मात्र कुछ ही हफ्तों में यहा उससे भी कम समय में ईरान परमाणु बम बना सकता हैं, ऐसा अमरीका का कहना है|

इसी के साथ बायडेन प्रशासन का एक गुट अभी भी परमाणु समझौते पर कायम होने की बात पर अमरीका के विश्‍लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं| वियना में जारी परमाणु समझौते की बातचीत अभी खत्म नहीं हुई| बायडेन प्रशासन इस परमाणु समझौते के लिए कोशिश कर रहा हैं, ऐसा दावा अमरिकी विश्‍लेषक कर रहे हैं| लेकिन, आनेवाले दिनों में परमाणु समझौता हुआ तो भी यह समझौता ईरान को परमाणु बम बनाने से नहीं रोक सकेगा| क्यों कि, इस परमाणु समझौते से ईरान के परमाणु समझौते का सीर्फ अवधि बढ़ेगा, ऐसें संकेत अमरिकी सैन्य विश्‍लेषक दे रहे हैं|

ऐसी स्थिति में ईरान परमाणु बम से सज्जित होता हैं तो उसके दूसरें ही दिन सौदी अरब पाकिस्तान से परमाणु बम खरीद करेगा, ऐसी चेतावनी ‘दी हेरिटेज फाऊंडेशन’ नामक अमरिकी अभ्यासगुट के खाड़ी विभाग से संबंधित विश्‍लेषक जिम फिलिप्स ने दी| शुरू के दिनों में सौदी ने पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम को आर्थिक सहायता प्रदान की थी| इसकी कीमत के तौर पर सौदी अरब पाकिस्तान से परमाणु बम प्राप्त कर सकता हैं, यह दावा फिलिप्स ने किया|

सौदी ने अबतक ईरान के परमाणु समझौते को लेकर राजनीतिक बातचीत के माध्यम का समर्थन किया था| लेकिन, साल २०१५ का परमाणु समझौता ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने में नाकाम होने के बाद सौदी और एक परमाणु समझौते पर भरोसा नहीं कर सकता, इसपर फिलिप्स ने ध्यान आकर्षित किया| इशके साथ ही सौदी ने कुछ ही महीनें पहले अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन के फोन का जवाब देना टाल दिया था| इसकी याद अमरिकी विश्‍लेषकों ने करायी| इससे ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर सौदी की बायडेन प्रशासन पर बनी नाराज़गी स्पष्ट दिख रही हैं, यह दावा फिलिप्स ने किया|

इसी बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ की अस्थायी सरकार सौदी समर्थक हैं| पाकिस्तान की बागड़ोर संभालने के बाद प्रधानमंत्री शरीफ ने पहली सौदी यात्रा की| इसपर खाड़ी के विश्‍लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं| पूर्व प्रधानमंत्री इम्रान खान के तीन सालों के कार्यकाल मे पाकिस्तान और सौदी के संबंध बिगड़े थे| प्रधानमंत्री इम्रान और पाकिस्तानी माध्यमों ने सौदी विरोधी भूमिका अपनाकर चीन के नज़दिकीयॉं बढ़ाई थी| ऐसी स्थिति में पाकिस्तान की शरीफ की नई सरकार सौदी के लिए सहायक साबित होगी, ऐसा खाड़ी के विश्‍लेषकों का कहना हैं|

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