‘ईटीआयएम’ पर कार्रवाई टालनेवाले तालिबान को चीन ने खरी खरी सुनाई

Baradar-Wangदोहा/बीजिंग – अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय तालिबान को मान्यता दें, ऐसा आवाहन चीन ने कुछ ही दिन पहले किया था। लेकिन अब चीन ने तालिबान के संदर्भ में कठोर भूमिका अपनाई है। चीन में उइगरवंशियों पर होनेवाले अत्याचारों के विरोध में लड़ने वाले ‘ईस्ट तुर्कीस्तान इस्लामिक मुव्हमेंट-ईटीआयएम’ के नेता और आतंकी अफगानिस्तान में हैं। उन पर कार्रवाई करने का आश्वासन देकर भी तालिबान ने वैसी कार्रवाई नहीं की है। साथ ही, ईटीआयएम के नेताओं को भी अपने हवाले नहीं किया है, ऐसी चीन की शिकायत है। इस कारण, तालिबान अमरीका के एजेंट जैसा काम कर रहा है, ऐसा शक चीन को होने लगा है। उसी प्रकार, अमरीका की अफगानिस्तान से सेनावापसी, यह अमरीका और भारत ने मिलकर चीन के विरोध में रची साजिश होगी, ऐसी संभावना चीन के विश्लेषक ज़ाहिर करने लगे हैं।

China-base-Tajikistanतीन दिन पहले कतर की राजधानी दोहा में चीन के विदेश मंत्री वँग ई और तालिबान की हुकूमत के उप प्रधानमंत्री मुल्ला बरादर की मुलाकात हुई। इस मुलाकात के बाद सीन गाने स्थान के लिए आर्थिक सहायता देने वाला है, ऐसा तालिबान ने घोषित किया। लेकिन अंतरराष्ट्रीय माध्यमों ने ऐसे दावे किए हैं कि इस बैठक में चीन के विदेश मंत्री ने तालिबान को आड़े हाथ लिया।

जुलाई महीने से तालिबान के नेता और चीन के अधिकारियों के बीच दो महत्वपूर्ण बैठकें हुईं हैं। इन में से तियांजीन में हुई बैठक में विदेश मंत्री हो वँग ने की तालिबान का नेता बरादर के सामने ईटीआयएम के आतंकियों को चीन के हवाले करने की माँग की थी।

वहीं, पिछले महीने चीन की गुप्तचर यंत्रणा के प्रमुख चेन वेंगिंग ने अफगानिस्तान का दौरा करके तालिबान के हक्कानी नेटवर्क का प्रमुख सिराजुद्दीन हक्कानी से मुलाकात की। इस मुलाकात में भी उन्होंने, तालिबान ने ईटीआयएम के साथ सहयोग तोड़ा नहीं है ऐसा आरोप करके उस पर ग़ुस्सा ज़ाहिर किया। साथ ही, ईटीआयएम के आतंकियों को जल्द से जल्द चीन के हवाले करें, ऐसी सूचना चीन ने की थी।

Taliban-ETIMसोमवार को दोहा में हुई बैठक में, पिछले दो महीनों में तालिबान ने तालिबान ने ईटीआय के साथ संबंध तोड़ा नहीं है, इसकी याद दिलाकर चीन के विदेश मंत्री वँग ई ने तालिबान को आड़े हाथ लिया। उल्टे अफगानिस्तान के कुंदूझ इस उत्तरी प्रांत में स्थित प्रार्थना स्थल पर हुए आत्मघाती विस्फोट के पीछे ईटीआयएम का आतंकवादी था, इस पर चीन ने गौर फरमाया। चीन को दिए आश्वासन तालिबान पूरा नहीं कर रहा है, ऐसी शिकायत विदेश मंत्री वँग ने की।

चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा यंत्रणा का अधिकृत अभ्यास गुट ‘चायना इन्स्टिट्युट्स ऑफ कंटेम्पररी इंटरनॅशनल रिलेशन्स-सीआयसीआर’ के विश्‍लेषक हु शिशेंग ने, तालिबान के संदर्भ में चीन को प्रतीत हो रहा शक जाहिर किया। लष्करी विश्लेषकों की एक बैठक में उन्होंने इस बारे में अपने देश को सचेत किया। अफगानिस्तान से सेनावापसी यह अमरीका की व्यापक नीति का भाग हो सकता है। अफगानिस्तान से वापसी करने के बाद अमरीका भारत के साथ मज़बूत लष्करी सहयोग स्थापित करके चीन को चुनौती देने की तैयारी में है। ऐसी परिस्थिति में तालिबान अमरीका के एजेंट जैसा काम कर सकता है, ऐसी चिंता चीन को लग रही है। अपनी माँग के अनुसार तालिबान ईटीआयएम पर कार्रवाई ना कर रहा होने के कारण, चीन का तालिबान पर होने वाला शक अधिक ही मज़बूत हुआ है। इसी कारण, ईटीआयएम से होनेवाले खतरे को मद्देनज़र रखते हुए चीन ने अफगानिस्तान की सीमा के पास ताजिकिस्तान में लष्करी अड्डा बनाने की तैयारी की है। 

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