एकजुटता का प्रदर्शन करने के लिए तालिबान ने जारी किया मुल्ला बरादर का वीडियो

काबुल – ‘तालिबान में किसी भी तरह की दरार निर्माण नहीं हुई है। हम बिल्कुल चुस्त हैं’, यह बयान करनेवाला मुल्ला बरादर का वीडियो तालिबान ने जारी किया है। तालिबान के बरादर और हक्कानी गुट में संघर्ष भड़कने की खबरें प्रसिद्ध हुईं थी। इस वजह से बरादर ने काबुल छोड़कर कंदहार में ड़ेरा बनाया है, ऐसा कहा जा रहा था। इस पर तालिबान ने बरादर का वीडियो जारी करके अपनी एकता दिखाने की कोशिश की। लेकिन, हथियारों से लैस आतंकियों की मौजूदगी में बरादर उसके हाथो में रखा निवेदन पढ़ता हुआ इस वीडियो से सामने आया है। इस वजह से हक्कानी गुट ने बरादर को नज़रबंद किया होने की आशंका बढ़ी है।

mulla-baradar-video-taliban-2काबुल के राष्ट्राध्यक्षीय निवास में बीते हफ्ते सत्ता का बटवारा करने के बाद हुए मतभेद से बरादर और हक्कानी गुट के समर्थकों के बीच संघर्ष हुआ था। इसके बाद बरादर अपने समर्थकों के साथ कंदहार पहुँचा था। तालिबान के ही वरिष्ठ कमांडर ने अंतरराष्ट्रीय समाचार चैलन से यह जानकारी साझा की थी। बरादर ने काबुल का बहिष्कार किया है, ऐसा इस तालिबानी कमांडर ने कहा था। इस वजह से तालिबान में दरार निर्माण होने की खबरें विश्‍वभर में प्रसिद्ध हुईं थी।

इससे इन्कार करने के लिए तालिबान ने बरादर का वीडियो प्रसिद्ध किया। इसमें बरादर के करीब रायफल थामे हुए आतंकी दिखाई दे रहे हैं। साथ ही बरादर हाथ में रखा निवेदन पढ़कर तालिबान में दरार निर्माण होने की खबरों से इन्कार करता हुआ इस वीडियो से सामने आया है।

mulla-baradar-video-taliban-1अपनी खुशहाली और तालिबान की एकजुटता बरकरार होने का बयान करने के लिए बरादर को कागज पढ़कर दिखाना पड़ता है, इस पर माध्यम और विश्‍लेषक आश्‍चर्य जता रहे हैं। साथ ही हथियारबंद आतंकियों की मौजूदगी में बरादर ने निवेदन पढ़कर दिखाने से बरादर को नज़रबंद किया गया होगा, यह संभावना भी जताई जा रही है।

बरादर के वीडियो के बाद हक्कानी नेटवर्क का नेता अनस हक्कानी ने सोशल मीडिया पर अपना वीडियो जारी किया। इसमें अनस भी कागज पर लिखा संदेश पढ़ता दिखाई दे रहा है। लेकिन, उसके करीब हथियारों से लैस तालिबानी नहीं हैं, इस ओर विश्‍लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। इससे बरादर को नज़रबंद किया गया है, यह आशंका बढ़ रही है।

इसी बीच संयुक्त राष्ट्रसंघ की विशेषदूत डेबोरा लियॉन्स ने तालिबान के हक्कानी गुट का नेता सिराजुद्दीन हक्कानी से भेंट की। इस पर आश्‍चर्य जताया जा रहा है क्योंकि, सिराजुद्दीन का नाम अमरीका की ‘एफबीआय’ ने बनाई ‘मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट’ के साथ संयुक्त राष्ट्रसंघ की ‘ब्लैक लिस्ट’ में दर्ज़ है। इस वजह से लियॉन्स और सिराजुद्दीन की मुलाकात ध्यान आकर्षित करती है। अभी तक किसी भी देश ने तालिबान सरकार को स्वीकृति प्रदान नहीं की है। ऐसी स्थिति में लियॉन्स और सिराजुद्दीन की इस मुलाकात पर कुछ लोगों ने जोरदार आपत्ति जताई है।

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