चीन तालिबान का भरोसा ना करें – चीन में नियुक्त अफगानी राजदूत की चेतावनी

afghan-envoy-china-taliban-3बीजिंग – ईस्ट तुर्कमेनिस्तान को चीन से आज़ाद करने के लिए संघर्ष करनेवाले ‘ईटीआयएम’ के आतंकवादियों को अफगानिस्तान की भूमि का इस्तेमाल करने नहीं देंगे, ऐसा आश्वासन तालिबान ने चीन को दिया है। लेकिन ‘ईटीआयएम’ जैसी ही विचारधारा और मानसिकता होनेवाले तालिबान के आश्वासनों पर चीन कतई भरोसा ना करें, तालिबान से सावधान रहें, ऐसा मशवरा चीन में नियुक्त अफगानिस्तान के राजदूत जावेद अहमद कईम ने दिया। उसी के साथ, चीन अफगानिस्तान सरकार अथवा तालिबान इनमें से एक का चयन करें, ऐसा अफगानिस्तान के राजदूत ने चीन को डटकर कहा है।

पिछले हफ्ते में चीन ने तालिबान के वरिष्ठ कमांडर्स की विशेष बैठक आयोजित की थी। चीन स्थित तियांजिन में संपन्न हुई इस बैठक में तालिबान का नेता मुल्ला बरादर सहभागी हुआ था। ‘तालिबान यह अहम लष्करी और राजनीतिक संगठन होकर, अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण में वे महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे’, ऐसा चीन के विदेश मंत्री वँग ई ने उस समय कहा था। चीन के झिंजियांग प्रांत को तोड़कर स्वतंत्र ईस्ट तुर्कमेनिस्तान के लिए संघर्ष करनेवाले ‘ईस्ट तुर्कीस्तान इस्लामिक मुव्हमेंट-ईटीआयएम’ का मुद्दा चीन के विदेश मंत्री ने रखा था। इस आतंकवादी संगठन को तालिबान अफगानिस्तान में आश्रय ना दें, ऐसी माँग वँग ई ने की थी।

afghan-envoy-china-taliban-2मुल्ला बरादर ने भी, चीन के झिंजियांग प्रांत में उइगर इस्लामधर्मियों पर जारी अत्याचारों में दखल नहीं देंगे, ऐसा इस बैठक में घोषित किया। साथ ही, अफगानिस्तान की भूमि का इस्तेमाल चीन विरोधी कारनामों के लिए ना होने देंगे, ऐसा आश्वासन बरादर ने दिया था। लेकिन अफगानिस्तान में अपनी क्रूर हुकूमत को चीन का समर्थन मिलें, इसके लिए तालिबान ने यह आश्वासन दिया है। इस कारण चीन आतंकवादी संगठन के इन आश्वासनों से सावधान रहें, ऐसी सलाह अफगानिस्तान के चीन में नियुक्त राजदूत जावेद अहमद कईम ने दी।

‘तालिबान, ईटीआयएम तथा अन्य आतंकवादी संगठनों की विचारधारा एकसमान है। इस कारण, एक ही विचारधारा के ये दो गुट एक-दूसरे के विरोध में लड़ेंगे, ऐसा चीन सोच भी कैसे सकता है?’ ऐसा सवाल अफगानी राजदूत कईम ने अन्तर्राष्ट्रीय न्यूज़ एजेंसी के साथ वार्तालाप करते समय किया। इसके लिए अफगानिस्तान के राजदूत ने पिछले महीने में संयुक्त राष्ट्र संघ ने जारी की रिपोर्ट की याद करा दी।

afghan-envoy-china-taliban-1दोहा में हुए समझौते में तालिबान ने अलकायदा समेत अन्य किसी भी आतंकवादी संगठन के साथ सहयोग ना करने की बात मान्य की थी। लेकिन आज भी तालिबान अल कायदा, ईटीआयएम तथा पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों के साथ सहयोग कर रहा है, ऐसा राष्ट्र संघ ने अपनी रिपोर्ट में कहा था। उसी में, ईटीआयएम यह अल कायदा से जुड़ा संगठन होकर, तालिबान उनके साथ बना सहयोग तोड़ना मुश्किल है, ऐसा दावा कईम ने किया।

तालिबान के साथ चर्चा करने से पहले चीन ने अफगानी सरकार को इसकी जानकारी दी थी। लेकिन एक ही समय पर अफगानी सरकार और तालिबान के साथ चर्चा करनेवाला चीन इन दोनों में से एक का चयन करें, ऐसा अफगानिस्तान के राजदूत ने जताया है। साथ ही, अगर अफगानिस्तान में शांति चाहते हैं, तो चीन तालिबान की सहायता करनेवाले पाकिस्तान को रोकें और पाकिस्तान को अफगानिस्तान सरकार का भरोसा प्राप्त करने की सूचना करें, ऐसा कईम ने सुझाया है।

इसी बीच, चीन की सीमा के पास अफगानिस्तान के बडाकशान प्रांत में ‘ईटीआयएम’ इस संगठन के अड्डे होने का दावा किया जा रहा है। इन स्थानों पर ईटीआयएम के आतंकवादी प्रशिक्षण ले रहे होने का वीडियो हाल ही में सामने आया था। 

Leave a Reply

Your email address will not be published.