हृदय एवं रक्ताभिसरण संस्था – २०

हृदय एवं रक्ताभिसरण संस्था – २०

आज हम हमारे शरीर की लिंफॅटिक संस्था का अध्ययन करेंगें। लिंफॅटिक संस्था, रक्ताभिसरण संस्था की पूरक संस्था है। पेशियों के बीच की जगह का द्राव (Interstitial fluid) लिंफॅटिक नलिका के द्वारा पुन: रक्त में भेजा जाता है। महत्त्वपूर्ण बात यह है कि इस द्राव में उपस्थित प्रथिने तथा अन्य बड़े अणु (particulate matter) जिन्हें रक्तवाहिनी […]

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हृदय एवं रक्ताभिसरण संस्था – १९

हृदय एवं रक्ताभिसरण संस्था – १९

सूक्ष्म रक्त-अभिसरण में रक्त के अन्न तथा अन्य घटकों का पेशियों के साथ आदान-प्रदान कैसे होता है, हम इसका अध्ययन कर रहे हैं। रक्त के द्राव को प्लाझ्मा और इंटरस्टिशिअम के द्राव को इंटरस्टिशिअल द्राव कहते हैं। प्लाझ्मा का वॉल्युम और इंटरस्टिशिअल द्राव का वॉल्युम उसमें उपस्थित प्रथिनों के नियंत्रण में होता है। केशवाहनियों में […]

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हृदय एवं रक्ताभिसरण संस्था – १८

हृदय एवं रक्ताभिसरण संस्था – १८

हम सूक्ष्म रक्त-अभिसरण का अध्ययन कर रहे हैं। केशवाहिनियों से होनेवाला रक्तप्रवाह यह इसका मुख्य भाग है। केशवाहिनियों में रक्त हमेशा नहीं बहता है बल्कि थोड़ी-थोड़ी देर बाद बहता है। कुछ सेकंडों तक या मिनटों तक रक्त बहता है, फ़िर कुछ सेकंडों या मिनटों तक रक्तप्रवाह रुका रहता है। फ़िर इसी तरह रक्तप्रवाह शुरु होता […]

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हृदय एवं रक्ताभिसरण संस्था – १७

हृदय एवं रक्ताभिसरण संस्था – १७

हमारे शरीर की रक्तवाहनियों में लगातार रक्तप्रवाह शुरु रहता है। परन्तु इस रक्ताभिसरण का सबसे ज्यादा सार्थक कार्य सूक्ष्म रक्ताभिसरण स्तर पर होता है। यह कार्य है अन्नघटकों को पेशियों तक पहुँचाना और पेशियों में से त्याज्य पदार्थों को पेशीओं से दूर बहाकर ले जाना। छोटी आटिरिओल्स पेशी समूहों को होनेवाले रक्त की आपूर्ति पर […]

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हृदय एवं रक्ताभिसरण संस्था – १६

हृदय एवं रक्ताभिसरण संस्था – १६

हम रक्ताभिसरण में वेन्स के कार्यों का अध्ययन कर रहे हैं। वेन्स का प्रमुख कार्य है – विभिन्न पेशी समूहों और अवयवों में से रक्त को पुन: हृदय तक पहुँचाना। इससे हम समझ सकते हैं कि वेन्स में प्रवाहित हो रहे रक्त की दिशा हृदय की ओर ही होनी चाहिये, तभी यह संभव हो सकता […]

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हृदय एवं रक्ताभिसरण संस्था – १५

हृदय एवं रक्ताभिसरण संस्था – १५

आज हम रक्ताभिसरण संस्था के वेन्स एवं अन्य रक्तवाहनियों के कार्यों का अध्ययन करेंगें। हृदय, आरटरीज, उन में रक्तदाब, रक्त का प्रवाह इत्यादी बातें महत्त्वपूर्ण होती हैं, ऐसा सर्वसाधारण मत है। वेन्स कोई महत्त्वपूर्ण रक्तवाहिनियाँ नहीं हैं। इनका कार्य तो अशुद्ध रक्त को शरीर की कोशिका-समूहों से हृदय तक पहुँचाना इतना ही होता है, ऐसी […]

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हृदय एवं रक्ताभिसरण संस्था – १४

हृदय एवं रक्ताभिसरण संस्था – १४

हमारी रक्तवाहिनियाँ, रक्त के प्रवाह पर किस प्रकार के परिणाम करती हैं, इसकी जानकारी हम प्राप्त कर रहें हैं। रक्तवाहिनियों के विविध गुणधर्म, रक्ताभिसरण में आवश्यक सहायता करते हैं। Vascular distensibility अर्थात रक्तवाहिनियों के व्यास का बढ़ना। जब रक्तवाहिनियों में दाब बढ़ जाता है तो वे फैल (dilate) जाती हैं, यह हमने आर्टिरिओल्स के बारे […]

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हृदय एवं रक्ताभिसरण संस्था – १३

हृदय एवं रक्ताभिसरण संस्था – १३

हम रक्ताभिसरण संस्था में रक्त प्रवाह के विभिन्न पहलुओं की जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। रक्त की गतिशीलता अथवा प्रवाह के बारे में समझ रहे हैं। प्रवाह ‘चल’ स्थिति में होने के कारण उसकी स्थिति को भौतिकशास्त्र में डायनॅमिक्स (Dynamics) कहते हैं। रक्त से संबंधित बातों को वैद्यकीय भाषा में हिमो (Haemo) यह विशेषण लगाया […]

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हृदय एवं रक्ताभिसरण संस्था- १२

हृदय एवं रक्ताभिसरण संस्था- १२

अब तक हम ने हृदय एवं रक्तवाहनियों की रचना का अध्ययन किया। उनका सर्वसाधरण कार्य कैसे चलता है, यह देखा। अब हम उनके कार्यों का सविस्तर अध्ययन करेंगे। रक्ताभिसरण संस्था एक ‘सेवाभावी’ संस्था है। शरीर की प्रत्येक पेशी (सेल), पेशीसमूह, अवयव इत्यादि सभी की यह संस्था निरंतर सेवा करती रहती है। ये कार्य कुछ इस […]

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हृदय एवं रक्ताभिसरण संस्था- ११

हृदय एवं रक्ताभिसरण संस्था- ११

गर्भावस्था में बच्चे के शरीर में रक्ताभिसरण किस तरह होता है, यह हमने देखा। जनम के समय होनेवाले बदलावों को देखा। गर्भावस्था में हृदय का विकास होते समय कभी-कभी उसमें रचनात्मक दोष निर्माण हो जाते हैं और जन्म के बाद ये दोष वैसे ही रह जाते हैं। इन्हें हृदय के जन्मजात दोष कहते हैं। इन […]

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