१७. ‘एक्झोडस्’- पहला संघर्ष; ‘एक राष्ट्र’ बनने की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम

१७. ‘एक्झोडस्’- पहला संघर्ष;  ‘एक राष्ट्र’ बनने की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम

उस प्रकार भूखमरी से त्रस्त हो चुके ज्यूबांधवों को दैवी खाने की आपूर्ति कर ईश्‍वर ने उनकी भूखमरी से रक्षा की – एक दो नहीं, बल्कि अगले पूरे चालीस वर्षों तक! सीन के रेगिस्तान से ज्यूधर्मीय अगले प्रवास के लिए रवाना हुए। दिन में उस बादलों के स्तंभ के और रात को अग्निस्तंभ के पीछे […]

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१६. ‘एक्झोडस्’- रेगिस्तान में दौड़धूप

१६. ‘एक्झोडस्’- रेगिस्तान में दौड़धूप

इस प्रकार सेना के साथ ज्यूधर्मियों का पीछा करनेवाले फारोह से होनेवाला ख़तरा ईश्‍वर की कृपा एवं लीला से टल गया था और ज्यूधर्मियों ने अब निश्‍चिंत होकर आगे का प्रवास शुरू किया। लेकिन अब धीरे धीरे मनुष्यबस्ती पीछे छूट गयी थी और उनका प्रवास सुनसान रेगिस्तान में शुरू हुआ था। अब उनके पास का […]

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१५. ‘एक्झोडस्’ – लाल समुद्र में से रास्ता

१५. ‘एक्झोडस्’ – लाल समुद्र में से रास्ता

अब ईश्‍वर ने ग़ुलामी में से मुक्त किये हुए और ‘प्रॉमिस्ड लँड’ की ओर निकल पड़े ज्यूधर्मीय अच्छेख़ासे कैची में फ़ँसे थे। उन्हें पुनः ग़ुलामी में फ़ँसाने की इच्छा से ख़ौल उठा क्रूर फारोह अपनी सेना के साथ उनका पीछा करते हुए नज़दीक आ रहा था और आगे जाने के लिए रास्ता ही नहीं था […]

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१४. ‘एक्झोडस्’

१४. ‘एक्झोडस्’

ज्यूधर्मियों के इतिहास के इस सबसे महत्त्वपूर्ण घटनाक्रम की – ‘एक्झोडस्’ की शुरुआत हुई थी! इजिप्त के बाहर होनेवाले सूखे के हालातों के कारण, विभिन्न स्थानों से इजिप्त में अलग से आये ज्यूधर्मीय, वहाँ की इतनीं सदियों की ग़ुलामी के बाद अब इजिप्त में से बाहर निकल रहे थे, वह ‘एकराष्ट्र’भावना के साथ….ईश्‍वर ने उन्हें […]

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१३. ‘पासओव्हर’

१३. ‘पासओव्हर’

ज्यूधर्मियों को ग़ुलामी से मुक्ति दिलाने से इन्कार करनेवाले इजिप्त के फ़ारोह पर तथा इजिप्तवासियों पर ईश्‍वर ने जो एक के बाद एक ऐसी नौं आपत्तियाँ भेजीं थीं, उससे फ़ारोह तथा इजिप्तवासी अत्यधिक परेशान हो चुके थे, यहाँ तक कि उनकी रात की नींद तक हराम हो गयी थी। लेकिन हर बार अगली आपत्ति आती […]

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१२. मोझेस का इजिप्त वापस लौटना; ‘टेन प्लेग्ज ऑफ़ इजिप्त’

१२. मोझेस का इजिप्त वापस लौटना;  ‘टेन प्लेग्ज ऑफ़ इजिप्त’

मोझेस के सारे बहाने ख़त्म हो चुके थे और ‘ज्यूधर्मियों के इजिप्त की ग़ुलामी से आज़ाद करके, ईश्‍वर द्वारा अभिवचन देकर बहाल की गयी भूमि में (‘प्रॉमिस्ड लँड’ में) उन्हें ले जाने का काम मोझेस को ही करना है’ ऐसा ईश्‍वर ने उसे स्पष्ट रूप से बताया था। साथ ही, ‘मैं सारा समय तुम्हारे साथ […]

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११. मोझेस को ईश्‍वर का दृष्टान्त; ईश्‍वर के नाम का पहली बार उच्चारण

११. मोझेस को ईश्‍वर का दृष्टान्त; ईश्‍वर के नाम का पहली बार उच्चारण

अब मोझेस ४० वर्ष का हो चुका था। अपने अंगभूत सद्गुणों के कारण तथा अपने ज्यूबांधवों के प्रति उसके मन में होनेवाली अनुकंपा के कारण इजिप्त स्थित ज्यूधर्मियों का मानो नायक ही बने मोझेस का मन, अपने ज्यूबांधवों पर तत्कालीन इजिप्शियन लोगों से ढ़ाये जानेवाले कहर के बारे में गंभीरतापूर्वक सोचने लगा था। अपने बांधवों […]

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१०. ज्यूधर्मीय इजिप्त में सैंकड़ों वर्ष ग़ुलामी में; मोझेस का जन्म

१०. ज्यूधर्मीय इजिप्त में सैंकड़ों वर्ष ग़ुलामी में; मोझेस का जन्म

इजिप्त में जेकब के साथ स्थानांतरित होते समय संख्या में केवल ७० (‘सेवन्टी सोल्स’) होनेवाले इन ज्यूधर्मियों की संख्या अगली कुछ पीढ़ियों में तेज़ी से बढ़ते हुए हज़ारों-लाखों की तादाद में गयी थी। ये लोग हालाँकि अब इजिप्शियन समाजजीवन में घुलमिल गये थे, मग़र फिर भी अपना धर्म, अपने आद्य पूर्वज अब्राहम को हुआ ईश्‍वरी […]

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०९. जेकब का इजिप्त में आगमन तथा मृत्यु; जोसेफ़ की मृत्यु

०९. जेकब का इजिप्त में आगमन तथा मृत्यु; जोसेफ़ की मृत्यु

अपने भाइयों को अपने पैर पकड़कर गिड़गिड़ाते हुए देखकर जोसेफ़ गद्गद हो उठा, लेकिन उसने अपना कड़ा रूख़ क़ायम रखते हुए अपने भाइयों को कारागृह भेज दिया। लेकिन कारावास में अपने भाइयों का संभाषण गुप्त रूप से सुनते हुए उसे यह एहसास हुआ कि अपने भाई अब बदल चुके हैं। ख़ासकर, ‘हमपर लगाया गया यह […]

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०८. जोसेफ़ की इजिप्त के कारागृह से रिहाई; राजा के सपनों का अर्थ बताया

०८. जोसेफ़ की इजिप्त के कारागृह से रिहाई; राजा के सपनों का अर्थ बताया

इस प्रकार इजिप्त में बतौर ग़ुलाम बेचे गये जोसेफ़ की रवानगी आख़िरकार कारागृह में हुई। लेकिन यहाँ पर भी उसका ईश्‍वर उसकी रक्षा कर ही रहा था। यहाँ कारागृह में भी उसे अधिक दिक्कतें सहनी न पड़ते हुए, अल्प-अवधि में ही उसके स्वभाव से तथा बुद्धिमत्ता से प्रभावित होकर कारागृह के अधिकारी ने उसकी नियुक्ति […]

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