ब्रिटेन की युद्धपोतों पर जल्द ही ‘ड्रॅगनफायर लेजर वेपन सिस्टम’ तैनात होगी

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरलंदन – अमरिका, रशिया, चीन और जर्मनी जैसे प्रमुख देशों के साथ-साथ अब ब्रिटेन भी अपने सुरक्षा दलों में ‘लेजर वेपन सिस्टम’ तैनात करेगा, यह संकेत ब्रिटेन के सुरक्षा विभाग ने दिए हैं| ब्रिटेन के लेजर वेपन सिस्टम को ‘ड्रॅगनफायर’ यह नाम दिया गया हैं और उसके संदर्भ के कुछ महत्वपूर्ण परीक्षण हाल ही में ही हुए हैं| ब्रिटेन की यह नई ‘लेजर वेपन्स सिस्टम’ ड्रोन तथा मिसाइल के विरोध में उपयुक्त साबित होगी, ऐसी जानकारी भी सूत्रों ने दी हैं|

पिछले दो सालों में विश्व के उच्चतर देशों ने ‘लेजर वेपन्स सिस्टम’ विकसित कर उसके तैनातीकरण के लिए जोरदार प्रयत्न शुरू किए हैं| हथियारों के उत्पादन में अग्र स्थान पर होने वाले अमरिका के ‘लॉकहिड मार्टिन’ इस कंपनी ने इससे पहले ही अमरिकी लड़ाकू जहाजों पर लेजर यंत्रणा सज्ज करने की तैयारी की हैं| उसके साथ-साथ अमरिका के लड़ाकू विमान भी जल्द ही लेजर से सज्ज होने की जानकारी ‘एअर फोर्स रिसर्च लॅबोरेटरी’ के प्रवक्ता ‘इव्हा ब्लेलॉक’ ने कुछ महीनों पहले दी थीं|

रशिया ने, एक सेकंड में टार्गेट ध्वस्त करने की क्षमता होने वाले ‘पेरेसव्हेट’ इस लेजर यंत्रणा के तैनाती की घोषणा की थी| चीन ने उपग्रह भेदी लेजर यंत्रणा का छिपा अड्डा स्थापित करने का सामने आया हैं| तो जर्मनी की ‘र्‍हाईनमेटल’ इस कंपनी में हाल ही में १०० किलोवॅट क्षमता के उन्नत ‘लेजर वेपन सिस्टम’ का सफलतापूर्वक परीक्षण करने का दावा किया था| इस संपूर्ण पृष्ठभूमि पर ब्रिटेन से दी गई जानकारी ध्यान आकर्षित करने वाली साबित होती हैं|

ब्रिटेन के सुरक्षा विभाग ने ‘ड्रॅगनफायर’ नाम की ‘लेजर वेपन्स सिस्टम’ विकसित की हैं| इस यंत्रणा के लिए मुख्य घटक होने वाले ‘एनर्जी स्टोरेज’ के लिए नए तंत्रज्ञान का उपयोग किया गया हैं जिसे ‘फ्लायव्हील एनर्जी स्टोरेज सिस्टम’ ऐसा नाम दिया गया हैं| अमरिका के सहयोग से विकसित किए गए यह तंत्रज्ञान ‘लेजर’ यंत्रणा में होने वाली दुर्घटना की संभावना कम करने वाला साबित होते हुए लड़ाकू जहाज पर तैनात करने पर अत्यंत उपयुक्त साबित होगा, ऐसी जानकारी ब्रिटिश सुरक्षा विभाग ने दी हैं|

अमरिका और ब्रिटेन दोनों देशों में इसका परीक्षण होने के साथ उसका वीडियो भी प्रसिद्ध किया गया हैं| आने वाले समय में ब्रिटिश लड़ाकू जहाज पर भी परीक्षण करने की तैयारी शुरु होने का सूत्रों ने स्पष्ट किया हैं| लड़ाकू जहाज के साथ ही लष्करी अड्डों पर भी इसकी तैनाती संभव होते हुए ड्रोन तथा मिसाइलों को नष्ट करने के लिए यह नई यंत्रणा महत्वपूर्ण योगदान देगी, ऐसा दावा सुरक्षा विभाग ने किया हैं|

Leave a Reply

Your email address will not be published.