‘तिआनमेन स्क्वेअर’ के नरसंहार का समर्थन कर रहे चीन को अमरिका, ब्रिटेन और तैवान की फटकार – इस नरसंहार की जानकारी दुनिया के सामने लाने के लिए अमरिका ने रखी मांग

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरबीजिंग/वॉशिंगटन/लंदन – तिआनमेन स्क्वेअर में हुए नरसंहार को ३० वर्ष पूर्ण हो रहे है| इस दौरान चीन इस नरसंहार की पूरी जानकारी घोषित करें तथा मानव अधिकार के आरोप लगाकर कारावास में बंद किए सभी लोगों को रिहा करे, ऐसी मांग अमरिका ने की है| ब्रिटेन ने भी इस मुद्दे पर चीन के सत्ताधारी प्रशासन पर निशाना साधते हुए चीन अपने नागरिकों को वास्तव में स्वतंत्रता दे, ऐसी सलाह दी है| तथा तैवान ने चीन की हुकूमत ने तिआनमेन स्क्वेअर की सच्चाई छिपा कर रखी है, ऐसा आरोप किया है|

वर्ष १९८९ के जून महीने में चीन में सत्ताधारी कम्युनिस्ट प्रशासन ने तिआनमेन स्क्वेअर में शुरू हुए प्रदर्शन अत्यंत क्रूरता से दबाया था| यह आंदोलन तोड़ने के लिए चीन ने निर्दयता से लष्करी कार्रवाई की थी| ३ एवं ४ जून के रोज हुई इस कार्रवाई के लिए सेना के टैंक का इस्तेमाल किया गया था एवं इसमें हजारों नि:शस्त्र विद्यार्थियों की जान गई थी| चीन प्रशासन ने इस बारे में दिए आंकड़ों से वास्तव में इस कार्रवाई में बलि गए लोगों की संख्या अधिक होने के दावे किए जा रहे हैं|

पिछले तीन दशकों से चीन ने तिआनमेन स्क्वेअर के बारे में किसी भी प्रकार का बयान देना अथवा जानकारी प्रसिद्ध करना टाला था| पर पिछले २ दिनों से चीन के रक्षामंत्री ने इस कार्रवाई का समर्थन करनेवाला विधान करके खलबली फैलाई है| चीन के सत्ताधारी प्रशासन के वरिष्ठ नेता ने तिआनमेन मामले में चीन से आया यह अधिकृत विधान होने से उसे बहुत बड़ा राजनीतिक महत्व प्राप्त हुआ है| चीन के इस समर्थन के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तिआनमेन के मुद्दे पर आक्रामक प्रतिक्रिया उमड़ रही है|

वर्ष १९८९ में चीन ने जनतंत्र की मांग के साथ आंदोलन करनेवाले विद्यार्थियों के विरोध में किए कार्रवाई की पूर्ण जानकारी सार्वजनिक स्तर पर खुली करें| कार्रवाई में यकीनन कितने लोगों की जान गई एवं कितने लापता है, इसकी जानकारी दुनिया के सामने आनी चाहिए| इसकी वजह से चीन की कम्युनिस्ट पार्टी मानव अधिकार एवं मूलभूत स्वतंत्रता का कैसा आदर करते हैं? यह दिखाई देगा, ऐसे शब्दों में अमरिका के विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने चीन को फटकार लगाई है| उस समय चीन में मानवाधिकार के मुद्दे पर गिरफ्तार नागरिकों को रिहा करे ऐसी मांग पोम्पिओ ने रखी है|

ब्रिटेन ने भी तिआनमेन के मुद्दे पर स्वतंत्र निवेदन प्रसिद्ध करके चीन को कड़े बोल सुनाए हैं| चीन में नागरिकों को आज भी शांति के मार्ग से प्रदर्शन करने का हक एवं स्वतंत्रता का अधिकार नहीं मिला है| चीन प्रशासन अपने नागरिकों को अधिकार देने के लिए कदम उठाएं, ऐसा ब्रिटेन के विदेशमंत्री जेरेमी हंट ने कहा है| तथा तैवान की राष्ट्राध्यक्षा त्साई इंग वेन ने चीन तिआनमेन के बारे में शोक व्यक्त करने के बजाय इसे छुपाने की कोशिश कर रहा है, ऐसा आरोप किया है|

तिआनमेन स्क्वेअर के हत्याकांड को ३० वर्ष पूर्ण होने के बाद भी चीन के सत्ताधारी प्रशासन पर होनेवाली आलोचना अभी भी रुकी नहीं है| इसके विपरीत पाश्चात्य देश इस मुद्दे का लगातार उपयोग करके चीन को लक्ष्य करने का प्रयत्न कर रहे है और इसकी वजह से चीन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिमा को अधिक झटके लगते दिखाई दे रहे है|

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