भारत-चीन संबंधों पर सरहद के तनाव का परिणाम हुआ है – विदेश मंत्री एस.जयशंकर

नई दिल्ली – भारत और चीन की सीमा पर स्थिति सामान्य नहीं है। सीमा के इस तनाव का असर भारत-चीन संबंधों पर भी हुआ है, ऐसे सीधे शब्दों में विदेश मंत्री जयशंकर ने फिर से चीन को आगाह किया। आतंकवाद को सीर्फ आम बात साबित करने के लिए पाकिस्तान की कोशिश भारत कभी भी बर्दाश्त नहीं करेगा, ऐसी चेतावनी भी विदेश मंत्री जयशंकर ने दी है। साथ ही खलिस्तानी अलगाववादियों को अपनी वोट की राजनीति के लिए बढ़ावा दे रहे कनाड़ा को भारत मुंहतोड़ जवाब देगा, यह इशारा भी जयशंकर ने दिया है। इसी बीच, रशिया और भारत का सहयोग स्थिर और मज़बूत होने का दावा विदेश मंत्री ने किया। प्रधानमंत्री मोदी के अमरीका दौरे को मिली बड़ी सफलता की गूंज पड़ोसी चीन और पाकिस्तान में भी सुनाई दे रही है। अमरीका अपनी चीन विरोधी राजनीति के लिए भारत का इस्तेमाल कर रहा हैं, यह दावा करके चीन के माध्यम भारत को अमरीका से सावधान रहने की सलाह दे रहे हैं। साथ ही दो देशों का सहयोग तीसरे देश के खिलाफ ना हो, ऐसी उम्मीद चीन के विदेश मंत्रालय ने व्यक्त की थी। लेकिन, भारत और चीन के संबंधों में बने तनाव के लिए चीन की हरकतें ही ज़िम्मेदार है, इसका स्पष्ट अहसास विदेश मंत्री जयशंकर ने कराया। 

भारत-चीनभारत के हीतों का ध्यान रखने के लिए चीन तैयार नहीं। इस तरह से दोनों देश एक दूसरे के हितसंबंधों को लेकर संवेदना नहीं दिखाता है तो उनके संबंध अच्छे है, यह दावा नहीं कर सकते, इन शब्दों में जयशंकर ने चीन को फटकार लगाई। कुछ दिन पहले ही मुंबई पर हुए २६/११ के आतंकवादी हमले के एक मास्टरमाइंड साजिद मीर जैसे पाकिस्तानी आतंकवादी पर सुरक्षा परिषद को कार्रवाई करने से चीन ने रोक दिया था। चीन ने पहले भी नकाराधिकार इस्तेमाल करके पाकिस्तानी आतंकवादियों को बचाया था। स्पष्ट नाम लिए बिना जयशंकर ने चीन को भारत के हितसंबंधों की परवाह ना होने का आरोप लगाकर इस मुद्दे पर ध्यान आकर्षित किया। साथ ही दोनों देशों की सीमा पर अभी भी तनाव जारी हैं और इससे द्विपक्षीय संबंधों में बना तनाव भी अभी खत्म नहीं हुआ है, यह अहसास जयशंकर ने चीन को कराया।

भारत चीन विरोध में खड़े होकर अमरीका से सहयोग ना करें, ऐसी मांग कर रहा चीन पहले अपनी भारत विरोधी सुरू गतिविधियां रोक दे, यह संदेश सटिक शब्दों में विदेश मंत्री देते दिख रहे हैं। 

इसके साथ ही पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की आलोचना करते हुए जयशंकर ने आतंकवादी कार्रवाईयां बंद ना कर रहे पाकिस्तान के साथ सहयोग का सवाल ही नहीं बनता, यह स्पष्ट किया। रात के समय आतंकवादी गतिविधियां और सुबह व्यापार, ऐसा हो नहीं सकता, पाकिस्तान आतंकवाद की समस्या की गंभीरता जान लेना ही होगा, ऐसा जयशंकर ने कहा। आतंकवाद एक आम बात होने का विचार पाकिस्तान में फैल रहा है। इसका समर्थन करना मुमकिन नहीं हैं, यह जयशंकर ने स्पष्ट किया था। 

वोट की राजनीति के लिए खलिस्तानी अलगाववादियों की हरकतें बर्दाश्त कर रहे और उन्हें बढ़ावा दे रहे कनाड़ा को भारत मूंहतोड़ प्रत्युत्तर देगा, ऐसी चेतावनी जयशंकर ने दी। कनाड़ा की इस नीति का अहस द्विपक्षीय संबंधों पर होने का अहसास दोनों देशों पर होने का अहसास भी उन्होंने दर्शाया। इसके साथ ही भारत के विदेश मंत्री ने रशिया और अमरीका के सहयोग पर देश की भूमिका रखी। 

भारत और रशिया का सहयोग स्थिर और मज़बूत होने का दावा करके इन संबंधों पर भारत-अमरीका सहयोग का असर नहीं हुआ है, ऐसे संकेत विदेश मंत्री जयशंकर ने दिए। अमरीका के सहयोग के लिए रशिया जैसे पारंपरिक मित्र देश से संबंध तोड़ना गलत होगा। भारत यह भूल नहीं करेगा, ऐसे संकेत जयशंकर ने दिए। साथ ही अमरीका के साथ भारत का अच्छा सहयोग विकसित हो रहा है और यह सकारात्मक सहयोग विश्व को आकार देगा, यह विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया। प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में लिया अमरीका दौरा सबसे अधिक सफल होने का दावा भी विदेश मंत्री ने किया।

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