पड़ोसी देशों के खतरों का मुकाबला करने के लिए भारत तैयार – रक्षाबलप्रमुख जनरल रावत

रक्षाबलप्रमुखनई दिल्ली – भारत ‘एलएसी’ पर तनाव बढ़ाने की कोशिश में होने का आरोप चीन लगा रहा है। लेकिन, असल में भारत को चीन से ही खतरा बना है, यह इशारा रक्षाबलप्रमुख जनरल बिपीन रावत ने दिया है। समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार के दौरान जनरल रावत ने चीन और पाकिस्तान का ज़िक्र करके भारत को दोनों ओर से खतरा होने की बात कही। लेकिन, अपने बड़े पड़ोसी देश की क्षमता को ध्यान में रखकर भारत अपनी तैयारी बढ़ा रहा है, यह बयान भी रक्षाबलप्रमुख ने किया। इसके साथ ही लद्दाख की ‘एलएसी’ पर वर्ष २०२० के अप्रैल महिने से पहले जैसी स्थिति स्थापित हुए बगैर वहां का तनाव कम नहीं होगा, इन शब्दों में जनरल रावत ने चीन को फटकार लगाई।

बीते कुछ दिनों से चीन ने भारत को लेकर दोगली नीति अपनाई हुई दिख रही है। राजनीतिक स्तर पर चीन भारत को शांति, सहयोग का संदेश दे रहा है। चीन के भारत में नियुक्त राजदूत तो दोनों देशों के बीच संघर्ष नहीं, सहयोग चाहिये, ऐसा कह रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर लद्दाख के ‘एलएसी’ के करीब चीन हवाई युद्धाभ्यास करके भारत को चेतावनी दे रहा है। चीन के सरकारी मुखपत्र भारत के विरोध में ही जंग होने के बेताल आरोप लगाकर गंभीर परिणामों की धमकियां दे रहा है। ऐसी स्थिति में चीन के प्रलोभन एवं धमकियों का हमारे निर्धार पर असर नहीं होगा, यह संदेश भी भारत दे रहा है। विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने स्पष्ट शब्दों में चीन को इसका अहसास कराया है। अब रक्षाबलप्रमुख जनरल रावत ने भी माध्यमों के साथ बातचीत करते समय चीन को सख्त शब्दों में इशारा दिया।

‘दोनों सीमाओं पर भारत को चुनौती मिल रही है। लेकिन, भारत अपने बड़े पड़ोसी देशों को अधिक सावधानी से देख रहा है। अधिक लष्करी क्षमता, प्रगत तकनीक वाले देश के खिलाफ भारत ने आवश्‍यक पूरी तैयारी की है’, इन शब्दों में जनरल रावत ने देश की भूमिका रखी। इसी बीच, ‘एलएसी’ विवाद का हल निकालने के लिए भारत और चीन के वरिष्ठ अफसरों की अगले हफ्ते बैठक हो रही है। इस बैठक में लद्दाख के ‘एलएसी’ पर अप्रैल २०२० से पहले जैसी स्थिति स्थापित करने का उद्देश्‍य भारत के सामने है। चीन को इसकी पूरी कल्पना दी गई है, यह जानकारी जनरल रावत ने प्रदान की। इस उद्देश्‍य को प्राप्त करने में सफलता मिली तो एक-दूसरे पर कुछ हद तक तो भरोसा किया जा सकेगा, ऐसा सूचक बयान जनरल रावत ने किया।

इस वजह से ‘एलएसी’ का विवाद अधिक बिगड़ेगा नहीं, इसका संतोषजनक हल निकलेगा, इस ओर रक्षाबलप्रमुख ने ध्यान आकर्षित किया। चीन के साथ ही भारत को पाकिस्तान से खतरा होने पर भी जनरल रावत ने अहम बयान किए है। भारत के इस ओर का पड़ोसी देश अपने स्वार्थ के लिए किसी भी हद तक जाएगा। इस देश के आतंकवादी भारत में हमले करते हैं या कारगिल जैसी स्थिति भी निर्माण की जाती है। फिर से इस तरह की स्थिति निर्माण हुई तो इस पड़ोसी देश से भी काफी बड़ी चुनौती सामने आएगी, ऐसा जनरल रावत ने कहा।

पाकिस्तान को भारतीय सीमा पर युद्धविराम चाहिये तो यह युद्धविराम सभी मोर्चों पर करना होगा। पाकिस्तान ने आतंकवादियों को सहायता प्रदान ना करना भी इस युद्धविराम का हिस्सा होता है। ऐसा नहीं हुआ तो इसे करारा प्रत्युत्तर देने के लिए भारतीय रक्षाबलों ने आवश्‍यक तैयारी कर रखी है, इस बात का अहसास भी रक्षाबलप्रमुख ने कराया।

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