‘एलएसी’ की स्थिति बदलने की एकतरफा कोशिश गई की तो भारत-चीन संबंध सुधरने की संभावना नहीं – विदेश मंत्री एस.जयशंकर का खुलासा

नई दिल्ली – नियंत्रण रेखा (एलएसी) की स्थिति बदलने के लिए चीन ने एकतरफा कोशिश की गई तो भारत और चीन के संबंध सुधरने की संभावना नहीं रहेगी, ऐसा विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने स्पष्ट किया। ‘एलएसी’ की स्थिति पर भारत की भूमिका चीन के सामने बिल्कुल स्पष्ट रूप से रखी गई है और इसके आगे कोई भी हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी, ऐसा विदेशमंत्री ने आगाह किया है। भारत के विदेशमंत्री चीन की भूमिका बयान कर रहे थे, तभी चीन का जासूसी जहाज़ हिंद महासागर क्षेत्र में दाखिल हुआ। पिछले कुछ हफ्तों में भारत की समुद्री सीमा के करीब चीन का ज़ासूसी जहाज दाखिल होने का यह तीसरा अवसर है।

एकतरफा कोशिशराज्यसभा में भारत की विदेशनीति पर किए गए सवाल पर एस.जयशंकर ने चीन के मुद्दे पर पुख्ता शब्दों में अपनी भूमिका स्पष्ट की। राजनीतिक स्तर पर भारत ने काफी साफ और पुख्ता शबदों में अपनी नीति बयान की है। एलएसी पर स्थिति बदलने के लिए चीन ने एकतरफा कार्रवाई की तो भारत इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। चीन ने अपनी सैन्य तैनाती बढ़ाई या कोशिश जारी रखी तो वह सीमा मसले के लिए काफी गंभीर बात होगी और ऐसी स्थिति में चीन के साथ ताल्लुकात सुधरने की संभावना ही नहीं रहेगी’, ऐसा इशारा विदेशमंत्री जयशंकर ने दिया।

पिछले वर्ष भारत और चीन के संबंध सामान्य नहीं रहे, इस पर भी भारतीय विदेशमंत्री ने ध्यान आकर्षित किया। लेकिन, दोनों देशों के सेना अधिकारियों में बातचीत जारी है और आगे भी जारी रहेगी, यह विदेशमंत्री ने स्पष्ट किया। भारतीय विदेश मंत्री राज्यसभा में चीन की यह भूमिका बयान कर रहे थे, इसी बीच चीन का जासूसी जहाज ‘युआन वैंग ५’ हिंद महासागर क्षेत्र में दाखिल हुआ। पिछले कुछ दिनों में चीन के जासूसी जहाज भारतीय समुद्री सीमा के करीब आने का यह तीसरा अवसर है। अग्नी-५ मिसाइल का परीक्षण करने की भारत ने तैयारी की है और इसकी जानकारी पाने की कोशिश चीन अपने जासूसी जहाज भारतीय सीमा के करीब भेज रहा है।

५,५०० किलोमीटर दूरी की मारक क्षमता वाले अग्नी-५ की कक्षा में चीन का अधिकांश क्षेत्र आता है और इसकी वजह से चीन इस मिसाइल परीक्षण का गंभीरता से संज्ञान लेता दिख रहा है। भारत का मिसाइल कार्यक्रम चीन से काफी पिछे होने के दावे करने वाला चीन अग्नी-५ के सदमे में होने की बात भी इससे स्पष्ट हुई है। चीन की यह स्थिति इस देश की असुरक्षितता की भावना को लेकर काफी कुछ बयान करती है।

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