भारत के प्रधानमंत्री और रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने फोन पर की बातचीत – भारत-रशिया मित्रता के संबंध अबाधित होने का दिया संदेश

नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन की फोन पर चर्चा हुई। ‘वैग्नर ग्रुप’ के विद्रोह के बाद दोनों देशों के नेताओं की हुई यह बातचीत काफी अहम समझी जाती है। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने यह कहा कि, राष्ट्राध्यक्ष पुतिन को भारत का पूरा समर्थन हैं। हाल ही में आयोजित प्रधानमंत्री मोदी के अमरीका दौरे का भारत-रशिया संबंधों पर असर नहीं हुआ है, यही बात दोनों नेताओं की बातचीत से स्पष्ट हुई। साथ ही राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने रशिया में आयोजित एक समारोह में बोलते हुए यह दावा किया कि, प्रधानमंत्री मोदी रशिया के ‘बिग फ्रेंड’ हैं। साथ ही भारत के ‘मेक इन इंडिया’ की रशिया भी कॉपी करें, ऐसा आवाहन राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने किया।

कुछ दिन पहले रशियन निजी सैन्य कंपनी वैग्नर ग्रुप के प्रमुख ने बगावत की थी। राजधानी मास्को की दिशा में बढ़ने के आदेश वैग्नर ग्रुप के प्रमुख प्रिगोझिन ने दिए थे। इससे रशिया में भयंकर रक्तपात होने की बड़ी खतरनाक संभावना सामने आ रही थी। इसी बीच एक ही रात में इस बगावत को खत्म करने में रशिया कामयाब हुई थी। फिर भी इस विद्रोह के साथ ही राष्ट्राध्यक्ष पुतिन के नेतृत्व पर सवाल होने के दावे पश्चिमी देशों के माध्यम कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में रशिया के सभी मित्र देशों ने राष्ट्राध्यक्ष पुतिन को अपना समर्थन घोषित किया था। शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्राध्यक्ष पुतिन से हुई चर्चा में भी यही गवाही दी कि, रशिया के नेतृत्व को भारत का भी समर्थन हैं।

रशिया में न्याय और व्यवस्था कायम रखने के लिए राष्ट्राध्यक्ष पुतिन कर रहे कोशिशों को हमारा समर्थन है, ऐसा प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान कहा। साथ ही दोनों देशों का रणनीतिक सहयोग अधिक बढ़ाकर दोनों देशों के बीच जारी संवाद व्यापक करने के मुद्दे पर दोनों नेताओं का एकमत हुआ है। साथ ही यूक्रेन युद्ध पर बोलते हुए बातचीत के ज़रिये समस्या का हल निकालने के लिए यूक्रेन तैयार नहीं हैं, यह जानकारी प्रधानमंत्री मोदी को रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने प्रदान की।

प्रधानमंत्री मोदी से हुई इस चर्चा से पहले राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने भारत के प्रधानमंत्री रशिया के मित्र हो का दावा किया। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने कुछ साल पहले जारी की हुई ‘मेक इन इंडिया’ योजना काफी प्रभावीत करती है, ऐसा पुतिन ने कहा। मेक इन इंडिया का भारत की अर्थव्यवस्था को बड़ा लाभ प्राप्त हुआ, इसपर ध्यान आकर्षित करके रशिया भी इसे दोहरा सकती है, ऐसा बयान रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने किया। अपने मित्र से अच्छी बाते स्वीकारना, उसकी कॉपी करने में कुछ भी गैर नहीं है, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने आगे कहा।

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्राध्यक्ष पुतिन की हुई यह चर्चा और पुतिन ने भारत प्रधानमंत्री की सराहना करने से इन दोनों देशों के बीच मित्रता से भरा सहयोग अबाधित होने की बात स्पष्ट हो रही है। भारत-अमरीका रणनीतिक सहयोग विकसित हो रहा है, फिर भी रशिया से विकसित हुआ अपना पारंपरिक मित्रता का सहयोग भारत नहीं छोड़ेगा, यह ऐलान विदेश मंत्री जयशंकर ने हाल ही में किया था। इसका अनुभव प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्राध्यक्ष पुतिन की चर्चा से पूरे विश्व को पहुंचा हैं। खास तौर पर प्रधानमंत्री मोदी के अमरीका दौरे को प्राप्त हुई आभूतपूर्व कामयाबी के बाद भारत के रशिया के साथ भी उतने ही मज़बूत संबंध होने का संदेश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचा है। इस वजह से भारत अपनी विदेश नीति की स्वतंत्रता और संतुलन से समझौता नहीं करेगा, यह मुद्दा फिर से स्पष्ट हुआ है। इसका प्रभाव दुनिया के अन्य देशों पर होने की कड़ी संभावना सामने आ रही है। यह भारत की विदेश नीति को प्राप्त हुई बड़ी कामयाबी है।

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