चीन के उदय को रोकने के लिए क्वाड की स्थापना – चीन के विदेश मंत्रालय का आरोप

बीजिंग – चीन के उदय को रोकने के लिए क्वाड की स्थापना की गई है। चीन के साथ संघर्ष करने के लिए यह गुट जानबूझकर गतिविधियाँ कर रहा है, ऐसा दावा चीन ने किया है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिआन ने माध्यमों के सामने क्वाड के विरोध में अपने देश का गुस्सा ज़ाहिर किया।

शीतयुद्ध का दौर खत्म हुआ होकर आज के दौर में किसी भी देश के विरोध में गुटका निर्माण सफल साबित नहीं होगा। इसलिए चीन के विरोध में क्वाड और सफल साबित हुए बगैर नहीं रहेगा। इसी कारण दुश्मनी छोड़कर क्वाड के सदस्यदेश इस संगठन को विसर्जित कर दें कामा ऐसी सलाह झाओ लिजिआन ने दी। ऐसी चीन विरोधी हरकतों के बजाए एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए काम करना अधिक उचित होगा। अमरीका और अमरीका के सहयोगी देश, समय से सुसंगत होनेवाला फैसला करेंगे और शीतयुद्धकालीन मानसिकता से बाहर निकलेंगे ऐसी चीन को उम्मीद है, ऐसा लिजिआन ने कहा।

वहीं, चीन का सरकारी मुखपत्र होनेवाले ग्लोबल टाईम्स में क्वाड की जोरदार आलोचना की गई है। चीन और रशिया के विरोध में दो मोरचों पर युद्ध खेलने के लिए अमरीका ने क्वाड स्थापना की है। लेकिन क्वाड यह कुछ खास प्रभावी संगठन नहीं है। इस कारण यह संगठन विशेष कुछ करेगा ऐसी संभावना नहीं है, ऐसी टिप्पणी ग्लोबल टाईम्स ने की है। अमरीका अपने सामर्थ्य प्रदर्शन के लिए सर्वत्र आग लगा रही है। लेकिन अमरीका के पास यह आग बुझाने के लिए आवश्यक नेतृत्व नहीं है, इस बात पर गौर करने के लिए अमरीका तैयार नहीं है, ऐसी फटकार चीन के इस मुखपत्र ने लगाई है।

क्वाड के अन्य सदस्य देश अमरीका के साथ उत्तरदायित्व रखते समय एक बार नहीं, बल्कि कई बार सोचें, ऐसी चेतावनी भी ग्लोबल टाईम्स ने दी है। अपने स्वार्थ के लिए अमरीका क्वाड का इस्तेमाल कर रही है। इसके ज़रिए अमरीका अपनी एकाधिकार स्थापित करने की तैयारी में है, इस पर क्वाड के अन्य सदस्य देश गौर करें, ऐसी सूचना ग्लोबल टाईम्स ने की। बायडेन प्रशासन को अपनी क्षमता को लेकर काफी गलतफहमियाँ थीं और उसके बलबूते पर उन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय परिस्थिति का गलत आंकलन किया है। अमरीका के पास रशिया और चीन को रोकने के लिए आवश्यक क्षमता नहीं है। उसी समय, सहयोगी देशों का विश्वास जीतनेवाला नेतृत्व भी अमरीका के पास नहीं बचा है, ऐसा दावा ग्लोबल टाईम्स ने किया है।

चीन को क्वाड की परवाह ना होने के चाहे कितने भी दावे चीन ने किए, फिर भी इस संगठन के कारण चीन दबाव में आया होने की बात कई बार सामने आई थी। अभी भी क्वाड ने चीन के विरोध में गतिविधियाँ नहीं शुरू की हैं। लेकिन चार प्रबल देशों का यह संगठन आनेवाले समय में अपने वर्चस्ववाद को ख़त्म कर सकता है, इस डर ने चीन को ग्रस्त किया है। साथ ही, क्वाड का विस्तार होगा और अपने विरोध में जाकर अन्य देश भी उस में सहभागी होंगे, ऐसी चिंता चीन को प्रतीत हो रही है, यह बात भी छिपी नहीं है। बांग्लादेश क्वाड में सहभागी होने का विचार ना करें, इसके लिए पिछले साल चीन के राजनयिक अधिकारियों ने खुलेआम धमकियाँ दीं थीं।

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