अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन के विरोध में रिपब्लिकन पार्टी द्वारा अविश्वास प्रस्ताव दाखिल

वॉशिंग्टन – अफगानिस्तान से वापसी और मैक्सिको सीमा पर शरणार्थियों की समस्या हैंडल करने में मिली असफलता, इन मुद्दों पर रिपब्लिकन पार्टी में राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन के विरोध में अविश्‍वास प्रस्ताव दाखिल किया है। ओहिओ के संसद सदस्य बॉब गिब्स की पहल से यह प्रस्ताव रखा गया होकर अन्य तीन संसद सदस्यों ने भी उसे अनुमोदन दिया है। कुछ ही दिन पहले सत्ताधारी डेमोक्रॅट पार्टी का एक गुट राष्ट्राध्यक्ष के अधिकार कम करने के संदर्भ में विधेयक लानेवाला होने की खबर जारी हुई थी। इस पृष्ठभूमि पर, रिपब्लिकन पार्टी द्वारा दाखिल किया गया अविश्‍वास प्रस्ताव गौरतलब साबित होता है।

Bob-Gibbs-Biden-impeachment‘बतौर राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने मैक्सिको सीमा पर बनी शरणार्थियों की समस्या को पूरी तरह नजरअंदाज किया। यह बात अमरीका की सार्वभौमिकता सुरक्षित रखने में आई असफलता दर्शाती है। इस मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश भी उन्होंने ठुकरा दिए। कोरोना के मरीज़ होनेवाले शरणार्थियों को अमरीका में घुसपैंठ करने दी। अमरीका से वापसी यही केवल आपत्ति नहीं है। अमरिकी नागरिकों की रिहाई करने से पहले उन्होंने अमरिकी जवानों की वापसी की और उससे उन नागरिकों की जान खतरे में डाल दी’, ऐसे कड़े आरोप करते हुए बॉब गिब्स ने अविश्‍वास प्रस्ताव दाखिल करने की जानकारी दी।

गिब्स ने प्रतिनिधीगृह में दाखिल किए इस अविश्वास प्रस्ताव को अँडी बिग्ज्, ब्रायन बॅबिन और रँडी वेबर इन रिपब्लिकन सांसदों ने अनुमोदन दिया है। फिलहाल संसद में डेमोक्रॅट पार्टी का बहुमत होने के कारण अविश्वास प्रस्ताव को समर्थन नहीं मिलेगा, यह हम जानते हैं, ऐसा गिब्स ने स्पष्ट किया। लेकिन सन २०२२ के ‘मिडटर्म इलेक्शन’ के बाद स्थिति बदल सकती है, ऐसा दावा भी उन्होंने किया। राष्ट्राध्यक्ष बायडेन, उपराष्ट्राध्यक्ष हॅरिस और संपूर्ण प्रशासन को हम नोटिस दे रहे हैं, ऐसी चेतावनी भी संसद सदस्य गिब्स ने दी।

US-Biden-impeachmentइसी बीच, राष्ट्राध्यक्ष बायडेन के विरोध में अमरिकी जनता में होनेवाली नाराज़गी बढ़ती चली जाने की बात विभिन्न सर्वेक्षणों में से सामने आ रही है। आयोवा प्रांत में किए एक सर्वेक्षण में लगभग ६२ प्रतिशत ने नागरिकों ने बायडेन के प्रशासन पर नाराज़गी दर्शाई है। मार्च महीने में बायडेन पर नाराज़ होनेवालों की संख्या ४४ प्रतिशत थी। लेकिन अफगान वापसी की पृष्ठभूमि पर, उसमें ६ महीनों में १८ प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ‘सीएनएन’ इस न्यूज़ चैनल ने, आयोवा में सामने आए ये निष्कर्ष डेमोक्रॅट पार्टी के लिए खतरे की घंटी होने की चेतावनी दी है। अगर यही नाराज़गी कायम रही, तो डेमोक्रॅट पार्टी संसद में बहुमत गँवा देगी, ऐसा ‘सीएनएन’ की खबर में चेताया गया है। आयोवा प्रांत में हुए सर्वेक्षण के बाद ‘गॅलप पोल’ इस अग्रसर संस्था ने किए सर्वेक्षण के निष्कर्ष भी सामने आए हैं।

‘गॅलप पोल’ के सर्वेक्षण के अनुसार, बायडेन को समर्थन देनेवालों की संख्या ४३ प्रतिशत तक फिसल गई है। लगभग ५३ टक्के नागरिकों ने बायडेन के प्रशासन के ख़िलाफ नाराज़गी ज़ाहिर की होकर, यह बायडेन के कार्यकाल का नीचांक होने का दावा भी किया गया है।

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