बालाकोट हमले ने वायुसेना की अहमियत रेखांकित की – एअर चीफ मार्शल वी.आर.चौधरी

नई दिल्ली – राजनीतिक इच्छाशक्ति होने पर युद्ध भी नहीं और शांति भी नहीं, ऐसी स्थिति में वायुसेना स्थिति को अधिक बिगाड़े बिना प्रभावी कार्रवाई कर सकती है, यही बालाकोट हवाई हमले से साबित हुआ है, ऐसा वायु सेना प्रमुख एअर चीफ मार्शल वी.आर.चौधरी ने कहा। भारत से बैर रखनेवाले दोनों देश परमाणुधारी हैं। इस पर गौर करें तो परमाणु युद्ध तक स्थिति नहीं बिगड़ेगी, इस तरह लेकिन प्रभावी और सटीक हमला करने का विकल्प वायुसेना के कारण नेतृत्व को प्राप्त हुआ है, इस अहम बात पर वायुसेना प्रमुख ने ध्यान आकर्षित किया।

बालाकोट‘एअरोस्पेस पॉवर : पिवोट टू फ्यूचर बैटल स्पेस ऑपरेशन्स’ नामक आयोजित सेमीनार में वायुसेना प्रमुख बोल रहे थे। वर्ष २०१९ में ‘जैश-ए-मोहम्मद’ जैसे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी संगठन ने पुलवामा में कायराना आतंकवादी हमला करके ‘सीआरपीएफ’ के ४० सैनिकों की हत्या की थी। इसके बाद भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में हमला करके जैश के आतंकवादियों को खत्म किया था। वायु सेना के इस हमले का दाखिला देकर एअर चीफ मार्शल वी.आर.चौधरी ने वायु सेना की अहमियत रेखांकित की। पाकिस्तान परमाणु धारी देश है और भारत ने हम पर हमला किया तो परमाणु हमले से जवाब दिया जाएगा, ऐसी चेतावनी पाकिस्तान लगातार देता रहा है। लेकिन, बालाकोट में भारत द्वारा हवाई हमला किए जाने के बाद पाकिस्तान की यह धमकियां खोखली साबित हुईं।

इसका दाखिला देकर वायु सेना प्रमुख ने ‘युद्ध भी नहीं और शांति भी नहीं’ ऐसी स्थिति में वायु सेना काफी प्रभावी मुहिम सफल कर सकती है, इसपर ध्यान आकर्षित किया। इससे हवाई क्षेत्र में वायुसेना का वर्चस्व काफी अहम साबित होता है। भविष्य के युद्ध में यह बात निर्णायक साबित होगी, ऐसा दावा एअर चीफ मार्शल चौधरी ने किया। इसकी वजह से वायुसेना के लिए आगे के दिनों में ‘कॉम्प्लिमेंटर मेटल ऑक्साईड सेमीकंडक्टर्स’ (सीएमओएस सेन्सर्स) और आर्टिफिशल इंटेलिजन्स की प्रौद्योगिकी अधिक विकसित करना आवश्यक है। इस वजह से जल्द निर्णय करना आसान होगा। साथ ही मानवी और मानव रहित तकनीक का मेलजोल करना आवश्यक है। कितनी भी प्रगत प्रौद्योगिकी उपलब्ध होने के बावजूद उसे नियंत्रित करनेवाले कुशल वर्कफोर्स का विकल्प नहीं होगा। इसी वजह से उच्चतम प्रशिक्षित, स्थिति का अहसास और प्रगत प्रौद्योगिकी में कुशल कारोबारी हमारे लिए अहम होने का दावा वायु सेना प्रमुख ने इस दौरान किया।

सबसे पहले बात को ठिक से देखना और सबसे पहले और सबसे तेज़ गति से वहां तक पहुंचने के साथ सटिकता से हमला करके उसे नष्ट करना आधुनिक दौर के युद्ध के तीन प्रमुख मंत्र है, इसका अहसास वायुसेनाप्रमुख ने कराया। पांचवे वर्ग के अतिप्रगत लड़ाकू विमान भविष्य के युद्ध में निर्णायक भूमिका निभागएंगे, यह अनुमान वायुसेनाप्रमुख ने दर्ज़ किया।

इसी बीच, पाकिस्तान की हवाई सीमा में घुसकर वायुसेना ने बालाकोट पर किए हवाई हमले का एअर चीफ मार्शल वी.आर.चौधरी ने किया हुआ ज़िक्र ध्यान आकर्षित करता है। कुछ दिन पहले विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने भी युगांड़ा में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए बालाकोट के हवाई हमले का ज़िक्र किया था। पाकिस्तान का कुख्यात गुप्तचर संगठन ‘आईएसआई’ फिर से भारत विरोधी हरकतें करने मे जुटा है, ऐसे संकेत प्राप्त हो रहे हैं। खास तौर पर अमरीका, कनाड़ा और ब्रिटेन के खलिस्तानी अलगाववादियों को मोहरा बनाकर ‘आईएसआई’ भारत के पंजाब की स्थिति बिगड़ने का भ्रम निर्माण कर रहे हैं। भारतीय माध्यमों में इसकी खबरें भी प्रसिद्ध हुईं थीं।

भारत में अलगाववादी सक्रिय होने का चित्र दिखाकर आईएसआई अपनी भारत विरोधी गतिविधियां तेज़ कर रही हैं और इसके परिणाम पाकिस्तान को भुगतने होंगे, ऐसा स्पष्ट संदेश भारत से पाकिस्तान को दिया जा रहा हैं, इसके संकेत विदेश मंत्री और वायुसेनाप्रमुख के बयान से प्राप्त हो रहे हैं।

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