भारत को पाकिस्तान के ड्रोन युद्ध का एहसास है – वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों का दावा

नई दिल्ली – पाकिस्तान ने छेड़े ड्रोन युद्ध का हमें पूरी तरह एहसास है, ऐसा भारत के लष्कर ने डटकर कहा। ‘ड्रोन्स सड़क पर तैयार नहीं किये जा सकते। ड्रोन्स का तंत्रज्ञान और उसके पीछे होनेवाला एक देश का हाथ और आतंकवादी संगठनों का इसमें होनेवाला सहभाग, इन सारी बातों का भारतीय लष्कर को पूरी तरह एहसास है’, ऐसा भारतीय लष्कर के १५ कॉर्प्स के कमांडर लेफ्टनंट जनरल डीपी पांडे ने कहा है। एक ही दिन पहले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने कहा था कि जम्मू में वायुसेना के अड्डे पर हुए घातपात के पीछे पाकिस्तान का हाथ होने की संभावना नकारी नहीं जा सकती।

रविवार को वायुसेना के जम्मू स्थित अड्डे पर ड्रोन्स द्वारा दो विस्फोट करवाए गए थे। ये दोनों विस्फोट कम तीव्रतावाले थे। इसमें वायु सेना का नुकसान नहीं हुआ है। लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से बहुत ही संवेदनशील होनेवाले अड्डे पर ड्रोन की घुसपैठ, यह सुरक्षा बलों के लिए वार्निंग बेल है, ऐसे दावे किए जाते हैं। इस विस्फोट की जाँच जारी होकर, इसके बारे में अधिक जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा सकती, ऐसा लेफ्टनंट जनरल पांडे ने स्पष्ट किया। लेकिन ऐसा होने के बावजूद भी, इस ड्रोन युद्ध के पीछे कौन है इसका भारतीय लष्कर को पूरी तरह एहसास होने की चेतावनी ले. जनरल पांडे ने दी।

ड्रोन अथवा ड्रोन युद्ध का किसी देश द्वारा किया जानेवाला इस्तेमाल, उसके पीछे होनेवाली सपोर्ट सिस्टम, इस बारे में भारतीय लष्कर को जानकारी है। इतना ही नहीं, बल्कि घातपात करवाने के लिए ड्रोन्स में जो बदलाव करने पड़ते हैं, वे स्थानीय स्तर पर भी करवाए जा सकते हैं, यह भी भारतीय लष्कर जानता है। उसी समय, ऐसे घातपात के लिए किसी देश द्वारा प्रशिक्षण तथा अन्य प्रकार की सहायता प्रदान की जा सकती है, इसका भी अंदेशा भारतीय लष्कर को है, ऐसा ले. जनरल पांडे ने स्पष्ट किया।

उनके इस बयान से यही संकेत मिल रहे हैं कि भारतीय लष्कर ने पाकिस्तान द्वारा करवाए गए इस घातपात की गंभीर दखल ली है। पूर्व लष्करी अधिकारियों ने भी, वायुसेना के अड्डे पर ड्रोन द्वारा विस्फोट करवाकर पाकिस्तान ने बहुत बड़ी गलती की है, ऐसा जताया है। यह घातपात करवाकर हालांकि पाकिस्तान ने बहुत बड़ी कल्पकता दिखाई, फिर भी इसके अंजाम के बारे में पाकिस्तान ने पूरी तरह नहीं सोचा है। कश्मीर के आतंकवादियों के पास ऐसा घातपात करवाने का तंत्र हो सकता है, ऐसा पाकिस्तान के पत्रकार बता रहे हैं। लेकिन ऐसा ही तंत्रज्ञान इसके आगे बलोचिस्तान के बागियों के पास भी आ सकता है, इसका एहसास पूर्व लष्करी अधिकारी करा दे रहे हैं।

इतना ही नहीं, बल्कि आनेवाले समय में पाकिस्तान में खुलेआम विचरण करनेवाले आतंकवादियों को भी ड्रोन हमले द्वारा टारगेट किया जा सकता है, इसपर भारत के पूर्व अधिकारी अधिकारी गौर फरमा रहे हैं।

कुछ दिन पहले भारत के रक्षाबलप्रमुख जनरल बिपीन रावत और लष्करप्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने, पाकिस्तान भारत में ड्रोन द्वारा हथियार और नशीले पदार्थों की तस्करी कर रहा होने का दोषारोपण किया था। इस कारण, कश्मीर की नियंत्रण रेखा पर किए हुए संघर्षविराम का कोई मतलब नहीं है, ऐसा जनरल रावत ने जताया था। लेकिन अब घातपात के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करके पाकिस्तान ने बहुत बड़ी गलती की है और भारतीय लष्कर पाकिस्तान को इसका जवाब दिए बगैर नहीं रहेगा, ऐसा विशेषज्ञ जता रहे हैं।

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