अफगानिस्तान द्वारा भारतीय वायुसेना से सहयोग की माँग

काबुल – पाकिस्तान के शहरों पर तालिबान ने ज़बरदस्त हमलें करने का सत्र शुरू किया है। हालाँकि अफगानी लष्कर तालिबान को रोकने के लिए लड़ रहा है, फिर भी अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग के बगैर तालिबान का सामना करना अफगानी लष्कर के लिए संभव नहीं होगा, ऐसा दावा अन्तर्राष्ट्रीय विश्लेषक कर रहे हैं। इसके लिए अफगानिस्तान की सरकार ने भारत से आवाहन किया होकर, भारत अफगानिस्तान से हवाई सहयोग करें, ऐसी माँग की है। अफगानी सरकार स्थित सूत्रों ने यह दावा किया होकर, भारतीय माध्यमों में इस ख़बर की बहुत चर्चा चल रही है।

सहयोगतालिबान ने अफगानिस्तान के कुछ प्रांतों की राजधानियों पर कब्ज़ा किया है। आनेवाले समय में अगर तालिबान ऐसे ही आगे बढ़ता रहा, तो चंद कुछ हफ्तों में तालिबान अफ़गानिस्तान की राजधानी काबुल तक आ धमकेगा, ऐसी चिंता अमरिकी गुप्तचर विभाग ने ज़ाहिर की है। ऐसी परिस्थिति में अफगानिस्तान की सरकार ने, भारत के पास सहायता की माँग की दिख रही है। भारत की वायुसेना अफगानिस्तान को सहायता प्रदान करें, ऐसा अफगानिस्तान की सरकार को लग रहा होकर, वैसा आवाहन भारत को किया गया है। अफगानी सरकार के सूत्रों के हवाले से यह खबर माध्यमों में प्रकाशित हुई। इससे पहले भारत अफगानिस्तान को लष्करी सहायता प्रदान करें, ऐसी माँग अफगानिस्तान के उपराष्ट्राध्यक्ष सालेह, विदेश मंत्री अत्मार और अफगानिस्तान के भारत में नियुक्त राजदूत ने की थी। लेकिन हवाई सहयोग के बारे में जारी हुई इस खबर की, अभी तक अधिकृत स्तर पर पुष्टि नहीं की गई है।

भारत अफगानिस्तान में लष्करी तैनाती करने की तैयारी में होने के दावे पाकिस्तान के माध्यमों ने किए थे। कुछ पाकिस्तानी विश्लेषक तो, तालिबान पर हो रहे हवाई हमलों के पीछे भारत होने का आरोप कर रहे हैं। तालिबान ने इस मामले में भारत पर आरोप नहीं किया है। फिर भी अफगानिस्तान की सरकार और लष्कर को बचाने के लिए भारत ने तालिबान पर ये हवाई हमले किए, ऐसा बताकर पाकिस्तानी विश्लेषक तालिबान को भारत के विरोध में उकसा रहे हैं। अफगानिस्तान की लोकनियुक्त सरकार को अपना समर्थन होगा, ऐसा भारत ने घोषित किया। साथ ही, किसी भी परिस्थिति में भारत अफगानी जनता को बीच रास्ते में नहीं छोड़ेगा, ऐसा यकीन भारतीय नेताओं ने दिलाया था। लेकिन इसका अर्थ ऐसा नहीं होता कि भारत अफगानिस्तान में लष्करी हस्तक्षेप करेगा।

तालिबान के विरोध में अफगानी सरकार और लष्कर की सहायता करने के लिए भारत के सामने अन्य कई विकल्प हैं। अफगानिस्तान में तालिबान मचा रहा खूनखराबा और उसके पीछे होनेवाली पाकिस्तान की साज़िश जगज़ाहिर करके, अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय का ध्यान इस पर केंद्रित करने में भारत अहम भूमिका निभा रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद में विशेष बैठक आयोजित करके, भारत ने अफगानिस्तान की इस परिस्थिति पर दुनिया का गौर फरमाया था। उसका परिणाम दिखाई देने लगा होकर, तालिबान को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर होनेवाला विरोध बढ़ता चला जा रहा है। तालिबान ने अगर ताकत का इस्तेमाल करके अफगानिस्तान पर कब्ज़ा किया, तो उसे पाकिस्तान मान्यता नहीं देगा, ऐसा पाकिस्तान को भी घोषित करना पड़ा था।

लेकिन अफ़ग़ानिस्तान की सरकार ने की माँग को प्रतिसाद देकर, क्या भारत इस देश की लष्करी सहायता करेगा, इस सवाल का अधिकृत पर अभी भी जवाब नहीं मिला है। पूर्व लष्करी अधिकारी और सामरिक विश्लेषक भी इस विषय पर परस्पर विरोधी विचार ज़ाहिर कर रहे हैं।

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