वायुसेना के १७ वें स्क्वाड्रन और थलसेना की सिख लाईट इन्फन्ट्री में हुआ समझौता

अंबाला – सुरक्षा विषयक चुनौतियों का दायरा बढ़ने की स्थिति में मुकाबला करने के लिए भारतीय रक्षाबलों का समन्वय और सहयोग अधिक व्यापक करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। इसके अनुसार सोमवार के दिन भारतीय वायुसेना के १७ वें स्क्वाड्रन और भारतीय थलसेना की सिख लाईट इन्फन्ट्री रेजिमेंट ने संलग्नता के मुद्दे पर समझौता हुआ। सेनाप्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे की मौजूदगी में इस समझौते पर हस्ताक्षर करने का समारोह हुआ।

इन्फन्ट्रीलद्दाख की ‘एलएसी’ पर चीन की सेना ने घुसपैठ करने के बाद भारतीय सेना के साथ वायुसेना भी इस क्षेत्र में चीन को भारत पर वर्चस्व स्थापित करने का अवसर प्राप्त ना मिल सके, इसके लिए पूरी सावधानी बरत रही है। ‘एलएसी’ का हवाई क्षेत्र भारतीय वायुसेना के नियंत्रण में होने की गवाही पूर्व वायुसेनाप्रमुख आर.के.एस.भदौरिया ने दी थी। उस दौर में थलसेना और वायुसेना का समन्वय और सहयोग अधिक मज़बूत करने की आवश्‍यकता फिर से सामने आयी। रक्षाबलों की संगठित कार्रवाई ऐसी चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए बड़ी आवश्‍यक होने की बात कहकर रक्षाबलप्रमुख जनरल रावत, सेनाप्रमुख जनरल नरवणे, पूर्व वायुसेनाप्रमुख भदौरिया और नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबिर सिंह ने ‘युनिफाईड थिएटर कमांड’ की कल्पना रेखांकित की है।

इन्फन्ट्रीसोमवार के दिन अंबाला स्थित वायुसेना के अड्डे पर वायुसेना के १७ वें स्क्वाड्रन और भारतीय थलसेना की सिख लाईट इन्फन्ट्री रेजिमेंट का यह समझौता हुआ। यह समझौता ‘युनिफाईड थिएटर कमांड’ की दिशा में उठाया गया अहम कदम होने की बात कही जा रही है। वर्ष १९६५ और १९७१ में पाकिस्तान के साथ युद्ध में वायुसेना के १७ वें स्क्वाड्रन और भारतीय थलसेना की सिख लाईट इन्फन्ट्री रेजिमेंट ने बड़ी प्रभावी कारीगरी की थी। इसलिए इस समझौते की बड़ी अहमियत है।

इसी बीच, वायुसेना के १७ वें स्क्वाड्रन के बेड़े में फ्रान्स से खरीदे गए प्रगत रफायल लड़ाकू विमानों को शामिल किया गया है। इसी वजह से वर्णित समझौते को बड़ी सामरिक अहमियत प्राप्त हुई है। चीन की सेना भारत की सीमा में घुसपैठ करके दबाव ड़ालने की हर मुमकिन कोशिश कर रही है। तो दूसरी ओर पाकिस्तान ने भी कश्‍मीर की नियंत्रण रेखा से आतंकियों की घुसपैठ करने की गतिविधियाँ शुरू की हैं। इस वजह से निर्माण हुई सुरक्षा विषयक चुनौतियों की पृष्ठभूमि पर भारत ने एक ही समय पर दोनों मोर्चों पर युद्ध की तैयारी की है। ऐसे दौर में रक्षाबलों को प्राप्त साधन एवं स्रोत का अधिक प्रभावी इस्तेमाल करने का उद्देश्‍य रक्षाबलों ने सामने रखा गया है। वायुसेना के १७ वें स्क्वाड्रन और सेना की सिख लाईट इन्फन्ट्री रेजिमेंट के बीच स्थापित हुआ सहयोग इसकी शुरूआत है और अगले दिनों में रक्षाबलों का समन्वय और सहयोग बढ़ानेवाले इस तरह के अधिक समझौते होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

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