वायुसेना के अड्डे पर हुए हमले में पाकिस्तान का हाथ होने की कड़ी संभावना – केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी.किशन रेड्डी

नई दिल्ली – जम्मू स्थित भारतीय वायु सेना के अड्डे पर हुए ड्रोन हमले में पाकिस्तान का हाथ होने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता, ऐसा बयान केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी.किशन रेड्डी ने किया है। पाकिस्तान की सीमा से ‘एके-४७’ राइफल्स और नशीले पदार्थों के ‘ड्रोन’ के ज़रिये तस्करी की जा रही थी, इस ओर ध्यान आकर्षित करके गृह राज्यमंत्री ने जम्मू में हुए हमले में पाकिस्तान का हाथ होने की कड़ी संभावना जताई। इस हमले की जाँच जारी है और इस जाँच के नतीजे सामने आने के लिए कुछ समय लगेगा, यह बात भी रेड्डी ने कही। लेकिन भारत के पूर्व सेना अधिकारी यह इशारा दे रहे हैं कि, ऐसी हरकत करके पाकिस्तान ने काफी बड़ी गल्ती की है और इसके परिणाम पाकिस्तान को जल्द ही भुगतने पड़ेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार के दिन सुरक्षा के मुद्दे पर उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की थी। इस बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शहा, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल शामिल थे। इस बैठक की चर्चा का ब्यौरा अभी सामने नहीं आया है। लेकिन, ड्रोन हमलों से एवं प्रगत तकनीक का इस्तेमाल करके किए जानेवाले हमलों से देश की सुरक्षा के लिए बन रहे खतरों पर इस बैठक में चर्चा होने की बात कही जा रही है। अगले दिनों में ऐसे हमलों से बचने के लिए ‘ड्रोन्स’ संबंधी आवश्‍यक नीति तय करने की अनुमति इस दौरान प्रधानमंत्री ने रक्षामंत्री को प्रदान की है, ऐसे दावे माध्यमों में हुए हैं। खास तौर पर रक्षाबलों को इस मुद्दे पर अधिक सावधानी बरतने की सूचना करने के निर्णय इस बैठक में होने की बात माध्यमों ने सूत्रों के दाखिले से कही है।

जम्मू स्थित वायु सेना के अड्डे पर ‘ड्रोन्स’ द्वारा दो विस्फोट करने के कुछ ही घंटों बाद सीमा पर ‘ड्रोन्स’ की दोबारा घुसपैठ होने की घटना सामने आयी थी। लेकिन, सुरक्षा बल के सैनिकों ने घुसपैठ की यह साज़िश नाकाम की। इस वजह से अगले दिनों में ‘ड्रोन्स’ की घुसपैठ और इसके ज़रिये हमले करने की कोशिश पाकिस्तान छोड़ेगा नहीं, यही स्पष्ट तौर पर दिख रहा है। भारत ने जम्मू में हुए हमलों के लिए अभी तक पाकिस्तान को अधिकृत स्तर पर ज़िम्मेदार नहीं ठहराया है। इस हमले की जाँच पूरी होने के बाद ही अधिकृत स्तर पर संबंधित ऐलान किया जाएगा। वायुसेना के अड्डे पर विस्फोट करनेवाले ‘ड्रोन्स’ जम्मू के इस अड्डे से १४ किलोमीटर दूरी पर स्थित पाकिस्तान के इलाके से नियंत्रित किए जा रहे थे या जम्मू में मौजूद पाकिस्तान के किसी गुर्गे की सहायता से इस हमले को अंज़ाम दिया गया, यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है। लेकिन, इस हमले में पाकिस्तान का ही हाथ है और इस पर दोराय नहीं है, ऐसे दावे पूर्व लष्करी अधिकारी एव सामरिक विश्‍लेषक कर रहे है।

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी.किशन रेड्डी ने भी इस मामले के लिए पाकिस्तान का हाथ होने की कड़ी आशंका जताई है। अब तक पाकिस्तान ने ‘ड्रोन’ का इस्तेमाल करके ‘एके-४७’ राइफल्स और नशीले पदार्थों की तस्करी करने की बात स्पष्ट हुई है। सुरक्षा बलों ने कई बार पाकिस्तान की ऐसी कोशिशें नाकाम की हैं और पाकिस्तान के ‘ड्रोन्स’ भी मार गिराए हैं, ऐसी घटनाओं की याँदे भी जी.किशन रेड्डी ने ताज़ा की हैं। इस वजह से जम्मू में हुए हमले में पाकिस्तान का हाथ होने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता, ऐसा गृह राज्यमंत्री ने कहा है।

इस हमले के बाद भारत की प्रतिक्रिया क्या हो सकती है, पाकिस्तानी माध्यम इसका अंदाज़ा लगा रहे हैं। पाकिस्तान के पत्रकार भारतीय विश्‍लेषक और पूर्व लष्करी अफसर इससे संबंधित सवाल कर रहे हैं। यह हमला करके पाकिस्तान ने काफी बड़ी कल्पकता दिखाई है और इसके दुष्प्रभाव कितने भयंकर हो सकते हैं, इसका विचार पाकिस्तान ने नहीं किया, ऐसी तीखी प्रतिक्रिया भारत के पूर्व लष्करी अधिकारी दर्ज़ कर रहे हैं। जम्मू और कश्‍मीर में मौजूद आतंकी ‘ड्रोन्स’ का इस्तेमाल करके आतंकी हमले करने की क्षमता रखते हैं तो ऐसी ही क्षमता बलोचिस्तान एवं पाकिस्तान के अन्य प्रांतों के विद्रोही भी प्राप्त कर सकते हैं, ऐसा इशारा पूर्व लष्करी अधिकारी पाकिस्तान को दे रहे हैं। इतना ही नहीं, बल्कि भारत अपनी ज़मीन पर होनेवाले ‘ड्रोन’ हमलों के जवाब में पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों के ठिकानों पर सटीक हमलें कर सकता हैं, यह अहसास भी इन अफसरों द्वारा पाकिस्तान को कराया जा रहा है।

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