जयशंकर की ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, मालदीव और भूटान के विदेशमंत्रियों से चर्चा

नई दिल्ली – अमरीका और रशिया के विदेशमंत्रियों से चर्चा के बाद भारत के विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, मालदीव और भूटान के विदेशमंत्रियों से फोन पर बातचीत की। इस चर्चा का पूरा ब्यौरा सार्वजनिक नहीं किया गया है। लेकिन, इन देशों के साथ द्विपक्षीय संबंध अधिक मज़बूत करने के नज़रिये से व्यापक चर्चा हुई है। खास बात तो यह है कि, इन सभी देशों का फिलहाल चीन के साथ विवाद जारी है। इस पृष्ठभूमि पर जयशंकर की इन देशों के विदेशमंत्रियों से हुई चर्चा अहमियत रखती है।

मालदीव और भूटानविदेशमंत्री एस.जयशंकर ने बुधवार सुबह इंडोनेशिया के विदेशमंत्री रेटनो लस्तरी मर्सुदी से बातचीत की। ‘जी-२०’ का अध्यक्षपद फिलहाल इंडोनेशिया के पास है। ऐसे में भारत फिलहाल ‘जी-२०’ के ‘ट्रॉयका’ का हिस्सा है। ‘जी-२०’ के सदस्य देशों का मौजूदा अध्यक्ष देश और उससे पहले के वर्ष अध्यक्ष रहे देश के साथ अगला अध्यक्ष देश उन तीन देशों को ‘ट्रॉयका’ कहा जाता हैं। यह देश एक-दूसरे के सहयोग से कार्य करते हैं। ‘जी-२०’ का अध्यक्षपद भारत को अगले वर्ष मिलेगा। इस वजह से ‘जी-२०’ का वर्तमान अध्यक्ष इंडोनेशिया के विदेशमंत्री से हुई चर्चा काफी अहम साबित होती है।

इस दौरान दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को नए साल की शुभकानाएँ प्रदान करते हुए क्षेत्रिय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों के साथ द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की। इस दौरान विदेशमंत्री जयशंकर और इंडोनेशिया के विदेशमंत्री मर्सुदी के बीच म्यांमार, अफ़गानिस्तान के मुद्दे पर भी चर्चा हुई।

साथ ही ऑस्ट्रेलिया के विदेशमंत्री मैरिस पेन के साथ भी जयशंकर की फोन पर चर्चा हुई। ऑस्ट्रेलिया और भारत ‘क्वाड’ के सहयोगी देश हैं। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के वर्चस्ववाद की चुनौती बढ़ी है। इस क्षेत्र का माहौल ताइवान के मुद्दे पर भी गरमाया है। ऐसे में चीन और ऑस्ट्रेलिया का व्यापारी विवाद अभी भी कायम है। साथ ही कुछ ही महीने पहले चीन से खतरों की पृष्ठभूमि पर ऑस्ट्रेलिया ने अमरीका और ब्रिटेन के साथ ‘ऑक्स’ गुट में प्रवेश किया है। पिछले वर्ष चीन ने लद्दाख में घुसपैठ करने के बाद भारत और चीन के संबंधों में भी काफी तनाव निर्माण हुआ है और इस पृष्ठभूमि पर भारत और ऑस्ट्रेलिया अधिक करीब आए हैं। इस पृष्ठभूमि पर ऑस्ट्रेलिया के विदेशमंत्री से हुई चर्चा की अहमियत बढ़ती है। वर्ष २०२२ में दोनों देशों के सहयोग को नई उंचाई प्राप्त होगी, ऐसा जयशंकर ने कहा है।

तो, मालदीव के विदेशमंत्री अब्दुल्ला शाहीद के साथ भी द्विपक्षीय सहयोग और समान हितों पर बातचीत होने का बयान भारतीय विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने किया है। मालदीव पर चीन के कर्ज़ का बड़ा भार है। इसके ब्याज की राशि मालदीव के ‘जीडीपी’ की तुलना में ५० प्रतिशत है। ऐसी स्थिति से छुटकारा पाने के लिए भारत अब मालदीव से सहायता कर रहा है। इसके अलावा भूटान के विदेशमंत्री तान्दी डोरजी से भी विदेशमंत्री जयशंकर ने बातचीत की। कोरोना के संकट में पूरा सहयोग करने का आश्‍वासन जयशंकर ने इस दौरान डोरजी को दिया। साथ ही दोनों देशों की भागीदारी अधिक विकसित करने का निर्णय इस चर्चा में किया गया।

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