रशिया का विरोध ठुकरा कर आर्मेनिया अंतरराष्ट्रीय अदालत की सदस्यता स्वीकार करेगा – आर्मेनिया की सेना को फ्रान्स देगा सैन्य सहायता

रोम/येरेवन/मास्को – अज़रबैजान के विरोध में रशिया से समर्थन प्राप्त न होने से नाराज़ आर्मेनिया पश्चिमी देशों के समर्थन में निर्णय कर रहा हैं। अमरीका और यूरोपिय देशों के प्रभाव में होने वाले अंतरराष्ट्रीय अदालत की सदस्यता स्वीकार करने का निर्णय आर्मेनिया ने किया है। इसी अदालत ने रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन की गिरफ्तारी के आदेश जारी किए हैं। इसके बावजूद आर्मेनिया ने यह निर्णय किया हैं और इस निर्णय की रशिया ने आलोचना की है। आर्मेनिया का यह निर्णय पुरी तरह से गलत होने की फटकार रशिया ने लगाई है।

रशिया का विरोध ठुकरा कर आर्मेनिया अंतरराष्ट्रीय अदालत की सदस्यता स्वीकार करेगा - आर्मेनिया की सेना को फ्रान्स देगा सैन्य सहायतापिछले महीने के आखिरी हफ्ते अज़रबैजान ने आर्मेनिया के नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र पर भीषण हमले किए। इससे ड़रे आर्मेनियन वंशियों ने नागोर्नो-काराबाख छोड़कर वहां से पलायन किया था। मात्र एक हफ्ते में सवा लाख लोगों ने नागोर्नो-काराबाख छोड़ने की जानकारी सामने आ रही है। यह आर्मेनियन वंशियों पर जबरन थोंपा गया विस्थापन होने की आलोचना आर्मेनिया से हो रही है। साथ ही अज़रबैजान के विरोधी संघर्ष में रशिया ने हमें पर्याप्त समर्थन नहीं दिया, ऐसा आरोप आर्मेनिया में लगाया जा रहा है। आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पाशीन्यन ने सार्वजनिक स्तर पर रशिया को फटकार लगाई थी।

चार दिन बाद, मंगलवार के दिन आर्मेनिया की संसद में अंतरराष्ट्रीय अदालत की सदस्यता पाने का प्रस्ताव पारित किया गया। इसके लिए ज़रूरी कार्रवाई करने की सूचना की गई है। अंतरराष्ट्रीय अदालत की सदस्यता को बहाल करने के लिए ६० दिन लगेंगे। रशिया का विरोध ठुकरा कर आर्मेनिया अंतरराष्ट्रीय अदालत की सदस्यता स्वीकार करेगा - आर्मेनिया की सेना को फ्रान्स देगा सैन्य सहायतालेकिन, आर्मेनिया के इस निर्णय एवं नेतृत्व को लेकर रशिया ने नाराज़गी व्यक्त की है।

रशिया को पीठ दिखाकर अन्य देशों से मित्रता करने की कोशिश में लगे आर्मेनिया के इस निर्णय पर यकिनन सवाल किए जा सकते हैं। आर्मेनिया रशिया का मित्र एवं सहयोगी देश हैं। लेकिन, अंतरराष्ट्रीय अदालत की सदस्यता अपनाने का निर्णय करने वाले आर्मेनिया का मौजूदा नेतृत्व रशिया के प्रति उत्तरदायी है’, ऐसी आलोचना रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने की।

पिछले डेढ़ सालों से यूक्रेन में शुरू युद्ध के लिए अमरीका और पश्चिमी देशों ने रशिया को ज़िम्मेदार करार दिया है। अंतरराष्ट्रीय अदालत ने भी इस मामले में रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन के विरोध में गिरफ्तारी का वॉरंट जारी किया था। इसके अनुसार अंतरराष्ट्रीय अदालत के सदस्य देशों में पहुंचने पर राष्ट्राध्यक्ष पुतिन गिरफ्तार हो सकते हैं।

रशिया का विरोध ठुकरा कर आर्मेनिया अंतरराष्ट्रीय अदालत की सदस्यता स्वीकार करेगा - आर्मेनिया की सेना को फ्रान्स देगा सैन्य सहायताआर्मेनिया इस संगठन का सदस्य नहीं था। लेकिन, प्रधानमंत्री निकोल की सरकार ने किए इस निर्णय की वजह से पूर्व सोवियत देश रहे आर्मेनिया में भी रशियन राष्ट्राध्यक्ष के विरोध में कार्रवाई हो सकती हैं। इसी वजह से आर्मेनिया के नेतृत्व पर रशिया गुस्सा होती दिख रही है।

इसी बीच, पिछले कुछ दिनों से आर्मेनिया ने पश्चिमी देशों से नज़दिकीयां बढ़ाई हैं। पिछले हफ्ते ही अमरीका के वरिष्ठ अधिकारियों ने आर्मेनिया का दौरा किया था। उस समय आर्मेनिया से यूरोप तक जाने वाले ईंधन पाइपलाईन को लेकर चर्चा होने का दावा किया जा रहा है। इसके बाद अब फ्रान्स आर्मेनिया को सैन्य सहायता मुहैया कर रहा हैं। फ्रान्स के विदेश मंत्रालय ने ही यह संकेत दिए हैं।

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