माली ने रशियन कान्ट्रैक्ट सैनिकों की तैनाती करने का पश्‍चिमी देशों का आरोप – माली की सरकार ने आरोपों से किया इन्कार

पैरिस/बमाको – आतंकवादविरोधी संघर्ष के लिए माली ने मर्सिनरीज अर्थात कान्ट्रैक्ट सैनिकों की आपूर्ति करनेवाली रशियन ‘वैग्नर’ कंपनी से सहयोग स्थापित किया है। रशिया के कान्ट्रैक्ट सैनिकों की तैनाती माली के साथ पश्‍चिमी अफ्रीका की स्थिरता और सुरक्षा व्यवस्था के लिए खतरा निर्माण करेगी, यह आरोप फ्रान्स समेत १६ पश्‍चिमी देशों ने लगाया है। लेकिन, पश्‍चिमी देशों के यह आरोप माली सरकार ने ठुकराए है। रशियन कान्ट्रैक्ट सैनिकों की तैनाती को लेकर लगाए गए आरोप बेबुनियाद होने का बयान करके माली की सत्ता संभाल रही विद्रोही सैन्य अधिकारी कर्नल अमिसी गोईता की हुकूमत ने इन आरोपों को नाकारा है।

western-countries-mali-1अफ्रीका के माली समेत ‘साहेल रीजन’ में आतंकवादविरोधी कार्रवाई के लिए फ्रान्स ने इस क्षेत्र में अपने पांच हज़ार सैनिक तैनात किए थे। फ्रान्स की तरह अमरीका और कुछ यूरोपिय देशों ने भी साहेल एवं अन्य अफ्रीकी देशों में अपनी फौज तैनात की थी। लेकिन, पिछले आठ वर्षों से पश्‍चिमी देशों की आतंकवादविरोधी मुहिम को उम्मीद अनुसार सफलता हासिल नहीं हुई।

ड्रोन हमले और बड़े सैन्य अभियानों के बावजूद अफ्रीका में अल कायदा, आईएस से जुड़े आतंकी संगठन एवं स्थानीय चरमपंथी गिरोहों के हमलों में बदलाव नहीं आया है। बल्कि यहां पर आतंकी संगठन अधिक ताकतवर होने का दावा किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में, फ्रान्स और अमरीका ने कुछ महीने पहले ही इस क्षेत्र में अपनी सैन्य तैनाती कम करने का निर्णय किया था।

पश्‍चिमी देशों के इस निर्णय पर माली समेत अफ्रीकी देशों की जनता में असंतोष होने की खबरें सामने आयी थी। पिछले कुछ वर्षों के दौरान आतंकवाद विरोधी कार्रवाई के तहत पश्‍चिमी देशों ने हमारे देश को लूटने का आरोप लगाए जा रहे हैं। आतंकियों से लड़ने के बजाय पश्‍चिमी देश वापसी करके माली की सुरक्षा को खतरे में धकेल रहे हैं, यह आलोचना भी हुई थी। ऐसे समय में माली की कर्नल गोईता की हुकूमत ने कान्ट्रैक्ट सैनिकों की आपूर्ति करनेवाली रशिया की ‘वैग्नर’ कंपनी से संपर्क किया था।

दो महीने पहले कर्नल गोईता की हुकूमत के इस निर्णय पर फ्रान्स और अमरीका ने फटकार लगाई थी। ‘देश की अंदरुनि सुरक्षा के लिए बाहरी शक्तियों की सहायता लेना प्रगति और स्थिरता के नज़रिये से उचित नहीं होगा’, यह इशारा अमरिकी अफसरों ने दिया था। ‘वैग्नर’ कंपनी के साथ सहयोग करना माली और यूरोपिय महासंघ एवं यूरोपिय देशों के साथ संबंध बिगाड़नेवाला साबित होगा, यह इशारा जर्मनी और महासंघ ने दिया था। इसके बावजूद माली ने ‘वैग्नर’ कंपनी के साथ सहयोग जारी रखा था। ‘वैग्नर’ कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने माली की यात्रा करने की खबरें भी सामने आयी थी।

इस पृष्ठभूमि पर फ्रान्स, जर्मनी, ब्रिटेन, कनाड़ा एवं १२ यूरोपिय देशों ने २ दिन पहले संयुक्त निवेदन जारी करके ‘वैग्नर’ के कान्ट्रैक्ट सैनिकों की माली में तैनाती होने की आलोचना की। इससे माली की शांति और सु-व्यवस्था खतरे में पड़ेंगे, यह इशारा भी पश्‍चिमी देशों ने दिया। इस इशारे के कुछ दिन पहले यूरोपिय महासंघ ने वैग्नर कंपनी पर प्रतिबंध लगाए थे। लेकिन, पश्‍चिमी देशों के इन आरोपों पर माली की सरकार ने आपत्ति जताई है।

वैग्नर के कान्ट्रैक्ट सैनिक माली में तैनात होने के सबूत पश्‍चिमी देश दें, यह माँग माली की सरकार ने रखी। तो, रशिया के सैन्य प्रशिक्षक अपने देश की सुरक्षा व्यवस्था मज़बूत करने के लिए सहायता कर रहे हैं, यह ऐलान माली सरकार ने किया है।

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