चीन के विरोध में अमरीका एशियाई देशों के साथ करेगी गुप्तचरों से संबंधित सहयोग – अमरिकी अधिकारियों की जानकारी

वॉशिंग्टन – चीन ने जगह जगह पर लगाए जासूसी के उपकरण और साइबर हमलों के खतरे के विरोध में अमरीका अब एशियाई देशों से द्विपक्षीय एवं त्रिपक्षीय सहयोग कर रही हैं। चीन को घेरने के लिए अमरीका अब चीन के पड़ोसी देशों में गुप्तचरों से जुड़े सहयोग का जाल लगा रही हैं। अमरीका ने इससे पहले ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूझीलैण्ड और कनाड़ा के साथ गठित किए ‘फाईव्ह आईज्‌‍’ गुट को एशियाई देशों से सहयोग करना सहायक साबित होगा, ऐसी जानकारी अमरीकी अधिकारियों ने प्रदान की। पूर्व एशिया मेंम चीन की जारी गतिविधियां अमरीका को चुनौती देती है, ऐसी चेतावनी अमरिकी गुप्तचर यंत्रणा दे रही हैं। इस पृष्ठभूमि पर अमरीका ने एशियाई देशों के साथ ऐसे सहयोग स्थापीत करना ध्यान आकर्षित करता है।

पूर्व एशिया में अमरीका का प्रभाव खत्म करने के लिए चीन तेज़ कदम उठाने में लगा होने की चेतावनी अमरिकी गुप्तचर यंत्रणा ने अपनी रपट में दी थी। फिलीपीन्स, वियतनाम, ताइवान, ब्रुनेई और मलेशिया के साथ साउथ चाइन सी को लेकर जारी विवाद खत्म करने के लिए चीन थोड़ी भी कोशिश नहीं कर रहा हैं। उल्टा चीन ने वहां सवालाख चौरस मिल समुद्री क्षेत्र पर अपना सार्वभूम अधिकार जताया है और वहां कृत्रिम द्वीपों का निर्माण एवं सैन्य अड्डे बनाए हैं। इसपर भी अमरिकी गुप्तचर यंत्रणा ने ध्यान आकर्षित किया है।

ताइवान को लेकर भी चीन अधिक से अधिक आक्रामक हो रहा हैं। जापान के ओकिनाव द्वीपों की समुद्री सुरक्षा को भी चीन चुनौती दे रहा हैं। इसी दौरान ‘बेल्ट ॲण्ड रोड इनशिएटिव’ के तहत चीन इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के छोटे द्वीप देशों के साथ सहयोग बढ़ा रहा हैं। उन्हें कर्जे के जाल में फंसा रहा हैं, इसकी याद अमरिकी गुप्तचर यंत्रणा ने ताज़ा की। इस पृष्ठभूमि पर चीन को घेरने के लिए अमरीका एशियाई देशों के साथ खुफिया सहयोग विकसित करने में लगी होने की जानकारी अमरिकी अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर साझा की।

इसके तहत अमरीका अब जापान, वियतनाम और फिलीपीन्स के साथ द्विपक्षीय और त्रिपक्षीय सहयोग स्थापीत कर रही हैं। इसके ज़रिये मित्र और सहयोगी देशों के साथ गोपनीय जानकारी का आदान-प्रदान करेगी। इससे पहले भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ किए ‘क्वाड’ सहयोग के आगे जाकर अमरीका यह सहयोग स्थापीत करेगी, ऐसा दावा किया जाता है। इससे पहले जापान और दक्षिण कोरिया ने क्वाड में शामिल होने की उत्सुकता दिखाई थी। लेकिन, अमरीका इन दोनों देशों के साथ स्वतंत्र सहयोग कर रही हैं, ऐसा अमरिकी अधिकारी ने कहा।

चीन ने इससे पहले अमरीका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूझीलैण्ड और कनाड़ा के ‘फाईव्ह आईज्‌‍’ पर आपत्ति जताई थी। इन ‘फाईव्ह आईज्‌‍’ के लिए एशियाई देशों से सहयोग करना सहायक होगा। अमरीका फाईव्ह आईज्‌‍ की सहायता से एशियाई देशों को प्राप्त जानकारी का इस्तेमाल चीन के जासूसी करने के लगाए स्रोत नष्ट करने के लिए करेगी। साथ ही चीन के बढ़ते साइबर हमलों का खतरा मिटाने के लिए भी इस सहयोग का इस्तेमाल करने की योजना अमरीका ने बनाई है।

इसी बीच इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अमरीका ने हस्तक्षेप करने पर चीन ने पहले ही आपत्ति जताई थी। साथ ही ‘क्वाड’, ‘ऑकस’ एवं ‘फाईव्ह आईज्‌‍’ गुट को चीन ने फटकार भी लगाई थी।

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