आर्मेनिया से चर्चा के बाद रशिया ने अज़रबैजान पर लगाया युद्धविराम भंग करने का आरोप

मास्को/येरेवन – अज़रबैजान नागोर्नो-काराबाख सीमा पर किए गए हमलों के बाद इस क्षेत्र का तनाव अधिक बिगड़ने के संकेत प्राप्त हुए हैं| आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पशिनिआन ने लगातार दो दिन रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन से चर्चा करने की जानकारी सामने आयी है| इस चर्चा के बाद रशिया के रक्षा विभाग ने प्रतिक्रिया दर्ज़ की है और अज़रबैजान की गतिविधियों की आलोचना की है| अज़रबैजान पर युद्धविराम करने का आरोप लगाने के साथ ही हमलों के लिए तुर्की के ड्रोन्स का इस्तेमाल करने पर भी रशिया ने तीव्र नाराज़गी व्यक्त की है|

आर्मेनिया से चर्चा के बाद रशिया ने अज़रबैजान पर लगाया युद्धविराम भंग करने का आरोपपिछले हफ्ते अज़रबैजान की सेना ने नागोर्नो-काराबाख के फारुख नामक गांव में प्रवेश करके इस पर कब्ज़ा किया था| इसके बाद ‘काराग्लुख हाईट’ जैसे रणनीतिक कारणों से अहम क्षेत्र पर भी नियंत्रण पाने की जानकारी सामने आयी है| इस क्षेत्र में रशियन शांति सैनिक तैनात होने के बावजूद यह घटना होने से इस पर आश्‍चर्य जताया जा रहा है| अज़रबैजान ने नागोर्नो-काराबाख के सरहदी गांवों पर ड्रोन एवं मॉर्टर्स के हमले करने का बयान आर्मेनिया ने किया है|

अज़रबैजान के हमलों के बाद आर्मेनिया ने रशिया से सलाह लेने के लिए बातचीत शुरू की है| आर्मेनिया से चर्चा के बाद रशिया ने अज़रबैजान पर लगाया युद्धविराम भंग करने का आरोपइसी के हिस्से के तौर पर गुरुवार और शुक्रवार को आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पशिनिआन ने रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बातचीत की| इसी बीच आर्मेनिया के प्रधानमंत्री ने रशियन शांति सेना ने अपनाई भूमिका की जॉंच करने की मॉंग की है| इसी बीच अज़रबैजान की सेना ने बुधवार को २३ मार्च के रोज रहे स्थानों पर वापस लौटें, ऐसी आक्रामक भूमिका अपनाई है|

आर्मेनिया के प्रधानमंत्री और रशियन राष्ट्राध्यक्ष की चर्चा के बाद रशिया ने अज़रबैजान के खिलाफ तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ की है| ‘नागोर्नो-काराबाख में अज़रबैजान ने युद्धविराम का भंग किया है| आर्मेनिया से चर्चा के बाद रशिया ने अज़रबैजान पर लगाया युद्धविराम भंग करने का आरोपइस दौरान अज़ेरी सेना ने हमलों के लिए तुर्की के ड्रोन्स का इस्तेमाल किया यह चिंता की बात है| इन हमलों की वजह से नागोर्नो-काराबाख में तनाव निर्माण हुआ है और इस पर रशिया को चिंता सता रही है’, ऐसा रशियन रक्षा मंत्रायल ने कहा है| अज़रबैजान अपनी सेना शीघ्रता से पीछे हटाए, यह निदेश भी रशिया ने दिए हैं|

सन २०२० में आर्मेनिया-अज़रबैजान में हुए युद्ध में रशिया ने मध्यस्थता की थी| इसके बाद नागोर्नो-काराबाख इलाके में दो हज़ार रशियन शांति सैनिक तैनात किए गए थे| लेकिन, इसके बाद भी पिछले साल नवंबर में दो देशों में संघर्ष होने से २२ सैनिक मारे गए थे| इस पृष्ठभूमि पर नया तनाव ध्यान आकर्षित कर रहा है|

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