वायु सेना के विमान ‘बायो जेट’ ईंधन से उड़ान भरेंगे

नई दिल्ली – भारतीय वायु सेना के विमान भविष्य में ‘बायो जेट’ ईंधन से उड़ान भरेंगे| ‘कौन्सिल ऑफ साइंटिफिक ऐण्ड इंडस्ट्रियल रिसर्च’ (सीएसआईआर) के ‘इंडियन इन्स्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम (आईआईपी) नामक लैब में विकसित किए गए ‘बायो जेट फ्यूल’ की वायु सेना के विमानों में इस्तेमाल के लिए आखिरकार मंजूरी प्राप्त हुई हैं| इसी ईंधन के बीते वर्षों से परीक्षण हो रहे थे| भारत में विकसित किए गए इस बायो जेट ईंधन का इस्तेमाल करके वायु सेना ने बीते वर्ष जनवरी में लेह जैसे अति उंचाई पर स्थित हवाई अड्डे पर विमान का लैन्डिंग और उड़ान भरी थी|

‘बायो जेट’दो वर्ष पहले देहरादून में आयोजित एक समारोह में सेंटर फॉर मिलिटरी एअरवर्दिनेस ऐण्ड सर्टिफिकेशन (सीईएमआईएलएसी) के समूह संचालक आर.कमालकन्न ने ‘सीएसआईआर-आईआईपी’ के प्रमुख वैज्ञानिक सलीम अख्तर फारुखी को उड़ान के लिए आवश्यक प्रमाण पत्र प्रदान किया| इस अवसर पर वायु सेना के ग्रूप कैपटन आशिष श्रीवास्तव और विंग कमांडर ए.सचान मौजूद थे| इस प्रमाण पत्र के साथ अब वायु सेना अपने विमानों में इस बायो जेट ईंधन का इस्तेमाल कर सकेगी| इससे भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा विकसित किए गए इस बायो जेट ईंधन का व्यावसायिक उत्पादन भी शुरू होगा, यह दावा किया जा रहा है|

कुछ एक देशों को बायो जेट ईंधन तैयार करने में सफलता हासिल हुई है| इन देशों की सूचि में भारत का समावेश हुआ है| भारत में पहली बार २८ अगस्त २०१८ के दिन बायो जेट ईंधन का यात्री विमान में परीक्षण किया गया था| तब भारत में पहली बार विमान में बायो जेट ईंधन का इस्तेमाल किया गया था| इसके बाद कुछ ही दिनों में वायु सेना के विमान में भी बायो जेट ईंधन का इस्तेमाल का परीक्षण किया गया| २६ जनवरी २०१९ के गणतंत्रदिवस के परेड में उड़ान भरनेवाले भारतीय वायुसेना के मालवाहक ‘एएन-३२’ में ‘बायो जेट’ ईंधन का इस्तेमाल किया गया और इस उड़ान के साथ ही भारत ने इतिहास रचा था| इसके बाद भारत में बायो जेट ईंधन के लगातार परीक्षण किए गए|

‘बायो जेट’३० जनवरी २०२० के दिन वायु सेना के रशियन निर्माण के लड़ाकू विमान में भी इसी ‘बायो जेट’ ईंधन का इस्तेमाल किया गया| इस दौरान इस विमान ने लेह जैसे भारी उंचाई पर बने रनवे पर लैण्डिंग करके वहां से उड़ान भी भरी थी| इसके बाद भारत द्वारा निर्मित इस ‘बायो जेट’ ईंधन का इस्तेमाल करने की भारतीय रक्षा बलों को जल्द ही अनुमति प्राप्त होगी, यह अनुमान जताया जा रहा था|

भारतीय वायु सेना, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ एअरोनॉटिक्स क्वालिटी अश्युरन्स (डीजीएक्यूए) और सीएसआईआर-आईआईपी की संयुक्त कोशिश से यह बायो जेट ईंधन निर्माण किया गया है| वर्ष २०१८ में पूर्व वायु सेना प्रमुख बी.एस.धनोआ ने वायु सेना के विमान में भी बायो जेट ईंधन का इस्तेमाल करने की कोशिश करने का ऐलान किया था| इसके चार महीनों के भीतर सीधे २६ जनवरी को गणतंत्रदिवस के समारोह में बायो जेट ईंधन से विमान ने उड़ान भरी थी| कम कार्बन उत्सर्जन वाला यह ईंधन पर्यावरण स्नेही है और इससे ईंधन का काफी खर्च बचेगा| इसके अलावा, ईस ईंधन के लिए आवश्यक फसल का उत्पादन करके देश के किसानों को इससे आय भी प्राप्त हो सकेगी, यह दावा किया जा रहा है|

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