क्रिप्टोकरेंसी से आर्थिक स्थिरता के सामने चुनौती खड़ी होगी

नई दिल्ली – देश की अर्थव्यवस्था को क्रिप्टोकरेंसी से खतरे की संभावना है। रिज़र्व बँक ने इस मामले में प्रतीत होनेवालीं चिन्ताएँ जाहिर रूप में दर्ज़ कीं हैं। आर्थिक तथा वित्तीय स्थिरता को क्रिप्टोकरेंसी से होनेवाले ख़तरे की संभावना के मद्देनज़र, रिज़र्व बैंक इसपर पाबंदी लगाने की माँग कर रही है, ऐसा केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा है। लोकसभी में पूछे गये सवाल को दिये लिखित जवाब में वित्तमंत्री ने यह उल्लेखनीय जानकारी दी।

आर्थिक स्थिरताक्रिप्टोकरेंसी के विरोध में भारत ने खुले आम भूमिका अपनाई है। रिज़र्व बैंक ने सन 2018 में ही क्रिप्टोकरेंसी के व्यवहारों को लेकर देशवासियों को सचेत किया था। इस करेंसी में होनेवाले व्यवहारों को किसी भी प्रकार का क़ानूनी संरक्षण नहीं है। इसलिए क्रिप्टोकरेंसी के व्यवहार में धोख़ाधड़ी हो सकती है, इस बात पर रिज़र्व बैंक ने ग़ौर फ़रमाया था। सोमवार को भी लोकसभा में पूछे गये सवाल को दिये लिखित जवाब में केंद्रीय वित्तमंत्री ने क्रिप्टोकरेंसी के लिए किसी भी प्रकार का क़ानूनी आधार नहीं है, ऐसा डटकर कहा है।

किसी भी देश की करेंसी के पीछे उस देश का मध्यवर्ती बैंक होता है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी के पीछे ऐसी कोई भी वैध यंत्रणा नहीं है। इसके व्यवहार अंदाज़ा और अनुमान पर आधारित होते हैं, यह बताकर, इसमें किये हुए निवेश पर आनेवाले रिटर्न्स् पर भी किसीका नियंत्रण नहीं, इसपर वित्तमंत्री ने ग़ौर फ़रमाया। इसीलिए उसका देश की आर्थिक तथा वित्तीय स्थिरता पर विपरित असर हो सकता है, ऐसी चेतावनी भी सीतारामन ने दी है।

ऐसा होने के बावजूद भी, किसी एक देश ने हालाँकि क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी लगाने जैसी कार्रवाई की, फिर भी उसका कुछ ख़ास प्रभाव नहीं पड़ेगा। अगर सभी देशों ने इसके लिए संयुक्त रूप में प्रयास किये, तो ही क्रिप्टोकरेंसी पर कार्रवाई की जा सकती है, ऐसा वित्तमंत्री ने अपने लिखित उत्तर में कहा है। इसी बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक आन्तर्राष्ट्रीय परिषद में, क्रिप्टोकरेंसी से रहनेवाले ख़तरे का ज़िक्र करके, दुनियाभर के जनतांत्रिक देश इसके विरोध में एकजूट करें, ऐसा आवाहन किया था। अवैध क़ारनामों के लिए क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल किया जा सकता है और इससे जनतांत्रिक देशों की युवापीढ़ी ख़तरे में पड़ सकती है, ऐसी चेतावनी प्रधानमंत्री मोदी ने इस आन्तर्राष्ट्रीय परिषद में दी थी।

भारत लगातार क्रिप्टोकरेंसी के विरोध में भूमिका अपना रहा है। युक्रेन का युद्ध तथा ईंधन के दामों में वृद्धि इनसे निर्माण हुईं आर्थिक उथलपुथल की पृष्ठभूमि पर केंद्रीय वित्तमंत्री ने देश की अर्थव्यवस्था को क्रिप्टोकरेंसी से होनेवाले संभाव्य ख़तरे पर ग़ौर फ़रमाया, यह बात महत्त्वपूर्ण है। भारत से भी भारी रिटर्न्स की उम्मीद से क्रिप्टोकरेंसी में बड़े पैमाने पर निवेश किया जा रहा होने के दावे किये जाते हैं। यह रक़म निश्चित रूप में कितनी है, इसकी अधिकारिक स्तर पर जानकारी अभी भी सामने नहीं आयी है। लेकिन देश का युवावर्ग क्रिप्टोकरेंसी की ओर भारी मात्रा में आकर्षित हो रहा है, ऐसे दावे कुछ न्यूज़ एजेंसियों ने किये थे।

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