चीन और पाकिस्तान का एक ही समय सामना करने के लिए वायुसेना सुसज्जित – भारत के नए वायुसेना प्रमुख का संदेश

नई दिल्ली – चीन और पाकिस्तान का एक ही समय सामना करने की पूरी सिद्धता भारत की वायुसेना ने रखी है, ऐसा संदेश नए वायुसेना प्रमुख विवेक राम चौधरी ने दिया। लद्दाख के दक्षिणी भाग के पास होनेवाले तिब्बत में चीन ने भारी मात्रा में तैनाती बढ़ाई होकर, चीन के हवाई बल ने यहाँ ज़ोरदार तैयारी शुरू की होने की खबरें आ रही हैं। लेकिन चीन की यहाँ की तैनाती का भारत की सुरक्षा पर असर नहीं होगा, क्योंकि वायु सेना ने आवश्यक सारे एहतियात बरते हैं, ऐसा यकीन वायुसेना प्रमुख ने दिलाया।

iaf-chief-china-pakवायु सेना के ८९ वें स्थापना दिन की पूर्व संध्या पर एअरचीफ मार्शल व्हीआर चौधरी ने माध्यमों के साथ संवाद किया। पिछले कुछ दिनों से चीन ने लद्दाख की एलएसी से सटे भाग में बड़े पैमाने पर तैनाती की होने की खबरें आ रही हैं। ख़ासकर तिब्बत में तीन रनवेज़ चीन ने कार्यान्वित किए होकर, यहाँ के चीन के हवाई बल की हरकतें गौरतलब साबित हो रहीं हैं। उसी समय चीन ने अपने लष्कर की भी इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर तैनाती की है। इससे ये दावे किए जा रहे हैं कि चीन फिर एक बार एलएसी पर भारत के विरोध में हरकत करने की तैयारी कर रहा है। उस पृष्ठभूमि पर, नए वायुसेना प्रमुख ने देश को आश्वस्त किया।

आरकेएस भदौरिया से ३० सितंबर को पदभार का स्वीकार करनेवाले नए वायुसेनाप्रमुख व्हीआर चौधरी ने यह स्पष्ट किया कि चीन की इन गतिविधियों की ओर वायुसेना सावधानी से देख रही है। साथ ही, चीन से होनेवाले इस ख़तरे का सामना करने की पूरी सिद्धता वायुसेना ने रखी है। इतना ही नहीं, बल्कि एक ही समय चीन और पाकिस्तान की चुनौतियों का सामना करने की क्षमता वायुसेना के पास है, ऐसा विश्वास एअरचीफ मार्शल व्हीआर चौधरी ने व्यक्त किया। उसी समय, चीन का हवाई बल हालाँकी लद्दाख की एलएसी पर तैयारी कर रहा है, फिर भी इस ऊँचाई पर के क्षेत्र में चीन की हवाई क्षमता बहुत ही मर्यादित है, इसका एहसास वायुसेना प्रमुख ने करा दिया।

केवल पाकिस्तान के जरिए पश्चिमी तंत्रज्ञान चीन को प्रदान किया जा रहा है, यही एकमात्र चिंता का विषय साबित हो सकता है, ऐसा वायुसेना प्रमुख ने कहा। अमरीका ने पाकिस्तान को प्रदान की हुई रक्षा सामग्री का इस्तेमाल करके, चीन उसका तंत्रज्ञान प्राप्त कर रहा होने की बात इससे पहले सामने आई थी। अफगानिस्तान में तालिबान के हाथ लगे अमरिकी हथियार और रक्षा सामग्री पाकिस्तान के जरिए चीन तक पहुँच रही होकर, उसके रिव्हर्स इंजिनिअरिंग के द्वारा चीन उसका तंत्रज्ञान हासिल करने की कोशिश कर रहा है, ऐसी खबरें आईं थीं। उस पृष्ठभूमि पर वायुसेनाप्रमुख ने यह चिंता ज़ाहिर की है। इसके द्वारा पाकिस्तान अमरीका का विश्वासघात कर रहा है, इस बात पर वायुसेनाप्रमुख ने गौर फ़रमाया है।

इसी बीच, अत्याधुनिक रफाएल लड़ाकू विमान तथा अन्य प्रगत यंत्रणाओं के समावेश से वायुसेना की मारक क्षमता भारी मात्रा में बढ़ी है, इसपर एयर चीफ मार्शल चौधरी ने गौर फ़रमाया। साथ ही, आनेवाले दौर में भारतीय रक्षा बलों के एकीकृत प्रतिसाद पर जोर दिया जाएगा, यह बताकर वायु सेना प्रमुख ने स्पष्ट किया कि वायुसेना इसके लिए उत्तरदाई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.