बिटकॉईन को मान्यता देने का केंद्र सरकार का विचार नहीं है – केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन

नई दिल्ली – बिटकॉईन इस क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता देने का विचार नहीं है, ऐसा केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने लोकसभा में स्पष्ट किया। इस संदर्भ में प्रस्तुत किए विधेयक में, देश की कुछ प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसियों पर पाबंदी लगाने का प्रावधान होगा, ऐसी जानकारी केंद्रीय वित्त मंत्री ने दी। वहीं, देश की अधिकृत डिजिटल करेंसी यानी डिजिटल मुद्रा शुरू करने का प्रावधान, क्रिप्टोकरेंसी के संदर्भ में रखे इस विधेयक में होगा, ऐसा केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा है।

Bitcoin-Sitharamanकुछ ही दिन पहले क्रिप्टोकरेंसी के संदर्भ में बहुत ही अहम घोषणा की गई थी। क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी लगाने से लेकर रिजर्व बैंक द्वारा जल्द ही अधिकृत डिजिटल करेंसी की घोषणा का इसमें समावेश था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘सिडनी डायलॉग’ इस परिसंवाद को संबोधित करते समय, लोकतंत्रवादी देश अपने युवाओं को बचाने के लिए क्रिप्टोकरेंसी को रोकने के लिए पहल करें, ऐसा आवाहन किया था। साथ ही, क्रिप्टोकरेंसी गलत हाथों में जाने से उसके गंभीर दुष्परिणाम संभव होते हैं, इसका भी एहसास प्रधानमंत्री ने करा दिया था। इस पृष्ठभूमि पर, भारत ने क्रिप्टोकरेंसी के विरोध में कदम उठाने की तैयारी की दिखाई दे रही है।

सोमवार को लोकसभा के सेशन में इस संदर्भ में पूछे गए सवाल का जवाब देते समय केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने, बिटकॉईन इस क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता देने का केंद्र सरकार का विचार नहीं है, यह घोषित किया। उसी समय, बिटकॉईन में होनेवाले व्यवहारों का डाटा केंद्र सरकार ने हासिल नहीं किया है, ऐसी जानकारी भी सीतारामन ने इस समय दी। इसी बीच, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने यह स्पष्ट किया कि रिजर्व बैंक ने डिजिटल करेंसी के संदर्भ में प्रस्ताव पिछले ही महीने सरकार के सामने रखा था। इस प्रस्ताव में, ‘रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ऍक्ट १९३४’ इस कानून में सुधार करने की सिफारिश की गई है। इस कानून में, रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए जानेवाले करेंसी नोटों के साथ ही, उसमें डिजिटल मुद्रा का भी समावेश हों, ऐसा बदलाव करने की माँग इस प्रस्ताव में है।

इसी बीच, मुंबई हाईकोर्ट के खंडपीठ ने, एक सुनवाई के दौरान यह सूचना की है कि केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी के संदर्भ में रखे जानेवाले विधेयक की पूरी जानकारी दें। इस बारे में दाखिल किए गए मुकदमे की अगली सुनवाई १७ जनवरी २०२२ के दिन की जाएगी। उस समय केंद्र सरकार द्वारा इस संदर्भ में जानकारी न्यायालय में प्रस्तुत की जा सकती है।

क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करनेवाले भारतीयों की संख्या बढ़ती चली जा रही होकर, इसमें भारतीयों का निवेश कुछ अरब डॉलर्स पर होने के दावे किए जाते हैं। इस संदर्भ में अधिकृत स्तर पर जानकारी उपलब्ध नहीं है। लेकिन यह निवेश आनेवाले समय में भी भारी मात्रा में बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। इसी कारण इसकी दखल भारत सरकार को लेनी पड़ी। किसी भी प्रकार की अधिकृतता और वैधता ना होनेवाली इस किस्म की करेंसी का नियमन किससे किया जाता है, यह अभी भी जगजाहिर नहीं हुआ है। इस कारण इसमें निवेश करने में बड़े पैमाने पर जोखिम होने की चेतावनियाँ भी समय-समय पर सामने आईं थीं। इसके बावजूद भी, भारी मात्रा में रिटर्न्स मिलने की उम्मीद से इसमें निवेश बड़े पैमाने पर बढ़ता हुआ दिख रहा है।

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