चीन में लंबे लॉकडाऊन की पृष्ठभूमि पर स्थानिकों में बढता हुआ असंतोष

बीजिंग/शांघाय – चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने कुछ दिनों पूर्व लॉकडाऊन का विरोध बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, ऐसा इशारा दिया था। पर इस इशारे के बावजूद लॉकडाऊन की वजह से त्रस्त चीनी जनता अपना असंतोष सोशल मीडिया के माध्यम से व्यक्त करते हुए सरकार की नीतियों पर खुलेआम नाराजगी दर्शाई है। इसमें सामान्य नागरिकों समेत प्राध्यापक, वकील एवं आरोग्य विशेषज्ञों का भी समावेश है। निरंतररूप से बडनेवाले लॉकडाऊन के खिलाफ पत्र, लेख एवं वीडियो़स सोशल मीडिया पर बडे पैमाने पर प्रसिद्ध हो रहे हैं। जनता में बढती नाराजगी के कारण चीन के सियासी वर्तुल में भी बेचैनी निर्माण होने के दावे पश्चिमी माध्यम तथा विश्लेषक कर रहे हैं।

china-prolonged-lockdown-2 (1)कोरोना संक्रमण के उगमस्थान चीन में फिरसे मरीज़ों की संख्या में बडी बढोतरी होने लगी है। पिछले तीन दिनों में चीन में २८ हजार से अधिक मरीज पाए गए हैं। इस बढती हुई संख्या को रोकने के लिए चीन की हुकूमत ने फिरसे लॉकडाऊन की व्यप्ति बढाई है। पिछले दो महीनों में कम्युनिस्ट हुकूमत ने आघाडी के शहर शांघाई के निर्बंध दो बार शिथिल किए थे। पर अब सोमवार से फिरसे शांघाई में ’ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ अंतर्गत कठोर निर्बंधों की घोषणा की गई है।

शांघाई में १६ उपविभागों में से चार में कठोर निर्बंध लागु किए गए हैं। इस भाग के नागरिकों को नोटिस भेजा गया है, तो रास्तों पर मेगाफोन के जरिए ’गो होम’ के आदेश दिए जा रहे हैं। मरीज पाए जानेवाले इलाकों के घरों में जबरदस्ती से कीटनाशकों के छिडकाव किया जा रहा है और नागरिकों पर घरों की चाभियां प्रशासकीय पथकों के हवाले करने की जबरदस्ती की जा रही है। कुछ इलाकों में मरीज़ों को जबरदस्ती से क्वारंटाईन केंद्र में ले जाया जाता है, इसके वीडियोस भी प्रसिद्ध हुए हैं। टेस्ला कंपनी की एक फैक्टरी में स्थानिक कर्मचारी एवं सुरक्षा कर्मियों में झडप होने की खबर सामने आई है।

china-prolonged-lockdown-1ऐसी घटनाओं पर सोशल मीडिया पर तीव्र प्रतिक्रियाएं उमडने लगी हैं। ‘ईस्ट चायना युनिवर्सिटी’ के प्राध्यापक टाँग ज्वेई ने कोरोना के खिलाफ प्रशासकीय उपायों पर नाराजगी व्यक्त करने वाला लेख प्रसिद्ध किया है। शांघाई में कोरोना के मरीज़ एवं नागरिकों से जिस तरह का बर्ताव किया जा रहा है, वह केवल आपात स्थिति के दौर में समर्थनीय हो सकता है, ऐसी टीका टाँग ने की है। उन्होंने कहा है कि, उन्हें विविध सहयोगी और हितचिंतकों से प्रशासन की कार्यवाई की जानकारी मिली है।

चीन के आघाडी के लॉ फर्म में कार्य करनेवाले लिऊ डैलि नामक वकील ने सीधे प्रशासन के नाम पत्र लिखा है, यह बात सामने आई है। इसमें उन्होंने कोरोना लॉकडाऊन के दौर में प्रशासन द्वारा की गई कार्वाईयों पर आपत्ति दर्ज की है। टाँग तथा लिऊ को चीन की सोशल मीडिया पर बडा प्रतिसाद मिला है। पर इसके बाद चीन के सत्ताधारियों ने दोनों लेखों पर बंदी लाई है। बंदी के चलते कुछ लोग स्क्रीनशॉट्स के माध्यम से दोनों लेख प्रसिद्ध करने की बात सामने आई है।

इन दिनों चीन में राजधानी बीजिंग एवं शांघाई समेत लगभग १० से अधिक आघाडी के शहरों में ’ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ अनुसार निर्बंध लागू किए गए हैं। इसमें नागरिकों का निरंतर परीक्षण करना तथा उनकी गतिविधियों पर नियंत्रण लगाने समावेश है। चीन में कई आघाडी की परदेसी कंपनियों के काम खंडित हुए हैं और इसका झटका वैश्विक स्तर की आपूर्ति श्रृंखला पर पडा है। तथा, लॉकडाऊन के कारण चीन में मांग घटने की वजह से ईंधन के दरों में भी गिरावट आने की खबर प्रसिद्ध हुई है।

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