पश्चिमियों ने युक्रेन को दिए हुए समर्थन की वजह से चीन बेचैन – सीआयए के प्रमुख का दावा

china-western-countries-ukraine-3वॉशिंग्टन – रशिया ने युक्रेन पर किए हमले के बाद पश्चिमी देशों द्वारा उमडी तीव्र प्रतिक्रिया के कारण चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग एवं सत्ताधारी कम्युनिस्ट हुकूमत बेचैन होने का दावा ’सीआयए’ के प्रमुख विल्यम बर्न्स ने किया। राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग समेत चीन की सत्ताधारी हुकूमत रशिया-युक्रेन युद्ध पर नजरें जमाए हुए हैं और इसके अनुसार तैवान की योजना में बदलाव ला सकते हैं, ऐसा भी बर्न्स ने कहा है।

china-western-countries-ukraine-2रशिया द्वारा युक्रेन पर हमला किए जाने के बाद तैवान पर आक्रमण के लिए चीन के पास मौका अपनेआप चलकर आया है और इसके लिए चीन ने ज़ोरदार तैयारी की है ऐसे इशारे अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों ने दिए थे। चीन के लडाकू विमान तैवान की सीमा में बारंबार घुसखोरी करके तैवान पर दबाव बना रहे हैं ऐसा पिछले कुछ दिनों में दिखाई दिया हैं। इसके बावजूद अमेरिका द्वारा मात्र ऐसा चित्र निर्माण करने की कोशिश कर रही है कि, चीन से तैवान को धोखा कम हो गया है। अमेरिका की गुप्तचर प्रणाली ’सीआयए’ के प्रमुख का बयान भी इस बात की पुष्टि कर रहा है।  

china-western-countries-ukraine-1’रशिया ने युक्रेन पर किए हमले के बाद रशिया का साथ देनेवाले चीन की प्रतिमा को झटका लगा है। तो, युक्रेन युद्ध के बाद रशिया पर लादे गए प्रतिबंधों ने रशियन अर्थव्यवस्था को पहुंचाए हुए नुकसान ने चीन के राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग को बेचैन कर दिया है। युक्रेन पर हमले के बाद युरोप एवं अमेरिका के मिलने से चीन को धक्का लगा है।’ ऐसा दावा सीआयए के प्रमुख विल्यम बर्न्स ने किया। जिनपिंग ने तैवान पर कब्जा करने की योजना त्यागी नहीं है, पर इसके लिए बनाई गई योजनाएं युक्रेन युद्ध के बाद बदलती रहने की बात बर्न्स ने कही।

युक्रेन युद्ध की शुरुआत के बाद अमेरिका तथा जापान एवं तैवान के विश्लेषक और विशेषज्ञ कह रहे हैं कि, अगली बारी तैवान की हो सकती है। पर अमेरिका का बायडेन प्रशासन इस बात को अनदेखा कर रहा है, ऐसा पता चला है। जापान के भूतपूर्व प्रधानमंत्री ऐबे शिंजो ने कुछ सप्ताह पहले बायडेन प्रशासन की तैवानविषयक नीति पर जमकर टीका भी की थी।

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