चीन की पोल खोलनेवाले नेपाल के पत्रकार की हुई संदिग्ध मौत

नई दिल्ली/काठमांडू – नेपाल की सीमा में घुसपैठ करके नेपाल की ज़मीन पर कब्ज़ा करनेवाले चीन की पोल खोलनेवाले नेपाल के पत्रकार बलराम बनिया की रहस्यमय हालातों में मौत हुई है। चीन ने नेपाल के रुई गांव पर कब्ज़ा किया है और करीबन 11 जगहों पर घुसपैठ करने की पोल बनिया ने खोली थी। इस समाचार के बाद नेपाल में ओली सरकार एवं चीन के विरोध में गुस्से की लहर उठी थी। इसके बाद बलराम बनिया लापता होने का समाचार प्राप्त हुआ था। दो दिन पहले ही बलराम की संदिग्ध हालातों में मौत होने की जानकारी सामने आते ही नेपाल सरकार पर हो रही आलोचना और भी तीव्र हुई है।

Nepal-Reporterबलराम बनिया, नेपाल के कांतीपुर अख़बार में सहायक संपादक थे। चीन ने तिब्बत की सीमा पर स्थित रुई नामक गाँव पर बीते तीन वर्षों से कब्ज़ा किया है और अन्य 11 ज़गहों पर घुसपैठ करने का वृत्त बनिया ने बीते महीने में प्रसिद्ध किया था। कांतीपुर अखबार में चीन की घुसपैठ की जानकारी प्रसिद्ध होने के बाद नेपाल में चीन के खिलाफ जनक्षोभ उठा था। राजधानी काठमांडू में चीन के दूतावास के सामने भी प्रदर्शन हुए थे। इसी बीच नेपाल की जनता ने चीन की इस घुसपैठ के खिलाफ और नेपाल की चीन समर्थक ओली सरकार के विरोध में भारत से सहायता माँगी थी।

चीन ने इस पर बड़ा गुस्सा भी व्यक्त किया था। इसी के साथ चीन ने संबंधित अख़बार के व्यवस्थापन पर यह खबर हटाने के लिए दबाव भी डाला था। साथ ही बनिया को मामले का खुलासा करने को कहकर एक महीने के लिए छुट्टी पर जाने को कहा गया था, यह बात कई अख़बारों ने कही थी। इन गतिविधियों के बाद 10 अगस्त से वह लापता हुए थे। बलराम के घरवालों ने पुलिस में भी शिकायत दर्ज़ की थी। पुलिस उनकी तलाश कर रही थी। लेकिन 12 अगस्त के दिन उनका शव नदी के किनारे देखा गया। उनकी हत्या हुई है और इसके पीछे चीन होने की आशंका व्यक्त की जा रही है।

इसी बीच, भारत-नेपाल के सरहदी क्षेत्र पर स्थित सोनौली में संदिग्ध तरीके से घूम रहे तीन चीनी नागरिकों को भारतीय सैनिकों ने हिरासत में लिया है और उनकी जांच हो रही है। नेपाल के रास्ते चीन जाने के लिए यह तीनों दिल्ली से सोनौली पहुँचे थे, यह जानकारी सामने आ रही है। इन तीनों के पास भारत में रहने के लिए आवश्‍यक वीसा और पासपोर्ट भी था। भारत के इमिग्रेशन विभाग ने उन्हें नेपाल जाने की अनुमति दी थी। लेकिन, नेपाल के इमिग्रेशन विभाग ने उन्हें अनुमति देने से इन्कार किया था, यह जानकारी भी सामने आ रही है।

भारत और नेपाल के बीच बीते कुछ दिनों से तनाव बना है और यह तनाव बातचीत के जरिए कम किया जाएगा, यह बात नेपाल के विदेशमंत्री प्रदीपकुमार ज्ञवाली ने कही है। कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख में कुछ नेपाली नागरिक अवैध तरीके से दाखिल हो रहे हैं, यह बात भी सामने आई है। नेपाल ने कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख समेत कुल 395 चौरस किलोमीटर का भारतीय क्षेत्र अपने नक्शे का हिस्सा दिखाया है। साथ ही भारत ने उत्तराखंड से चीन की सीमा तक निर्माण किए नए ‘कैलाश मनसरोवर लिंक रोड’ पर भी नेपाल ने आपत्ति जताई है। इन्हीं कारणों से भारत और नेपाल के बीच तनाव बना है।

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