चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत की प्रचारक ‘कन्फ्युशियस इन्स्टिट्यूट’ की गणना आगे ‘फॉरेन मिशन’ के तौर पर होगी – अमरिकी विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ

वॉशिंग्टन – अमरीका के 60 से अधिक विश्‍वविद्याल और शिक्षा संस्थाओं में कार्यरत रहकर चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत का प्रचार कर रही ‘कन्फ्युशियस इन्स्टिट्यूट’ की गणना भविष्य में ‘फॉरेन मिशन’ के तौर पर की जाएगी, यह ऐलान अमरिकी विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने किया है। चीन की शासक कम्युनिस्ट पार्टी और उसके उपक्रमों से जारी प्रचार से अमरीका के विश्‍वविद्यालय और छात्र मुक्त रहें, इस उद्देश्‍य से यह निर्णय किया जा रहा है, यह जानकारी अमरिकी विदेशमंत्री ने साझा की। अमरीका का यह निर्णय चीन-अमरीका सहयोग से संबंधित मुद्दों को कालिख लगाने की कोशिश है, यह आरोप चीन ने किया है।

‘फॉरेन मिशन’

‘बीते चार दशकों में चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने अमरीका की मुक्त और खुली व्यवस्था का लाभ उठाकर अपनी विचारधारा इस देश पर थोपने के लिए व्यापक प्रचारमुहीम चलाई है। ‘कन्फ्युशियस इन्स्टिट्यूट यूएस सेंटर’ भी इसी प्रचारमुहीम का हिस्सा है और अमरीका के विश्‍वविद्यालय एवं स्कूलों में यह संस्था चीनी हुकूमत का प्रभाव बढ़ाने की हरकतें कर रही है। इस संस्था को आवश्‍यक पूरा निधी चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत प्रदान करती है। यह ध्यान में रखकर आगे से इस संस्था की गणना अमरीका में कार्यरत विदेशी राजनीतिक कार्यालय के तौर पर करने के आदेश दिए गए हैं’, इन शब्दों में विदेशमंत्री पोम्पिओ ने चीन की हुकूमत के खिलाफ जारी कार्रवाई तीव्र करने की बात स्पष्ट की। अमरिका के शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञ और स्कूल के प्रशासन को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की हरकतों की जानकारी प्रदान करके आगे निर्णय करना आसान हो, इस लिए यह कार्रवाई करने की बात अमरिकी विदेशमंत्री ने स्पष्ट की।

‘फॉरेन मिशन’

अमरीका के निर्णय पर चीन ने कड़ी नाराज़गी व्यक्त की है। शिक्षा से संबंधित कार्यक्रमों को सियासी रंग देना अमरीका बंद करे। दो देशों के नागरिकों के बीच एवं सांस्कृतिक क्षेत्र में हो रहे आदान-प्रदान में दखलअंदाज़ी ना करें। चीन और अमरिकी संबंधों की विश्‍वासार्हता कमज़ोर करने की गतिविधियों को रोकना आवश्‍यक है, यह इशारा चीन के विदेश विभाग ने दिया है। कुछ महीने पहले अमरीका ने चीन के नौं समाचार चैनल्स और अख़बारों को भी बतौर ‘फॉरेन मिशन’ पंजीकरण करने के लिए मज़बूर किया था।

दो वर्ष पहले, अमरिकी गुप्तचर संस्था ‘सीआयए’ ने चीन से अमरिकी शिक्षासंस्था और अन्य उपक्रमों में प्रभाव बढ़ाने की कोशिश होने की रपट रखी थी। इसमें चीन से अमरीका के 100 से अधिक विश्‍वविद्यालयों में शुरू ‘कन्फ्युशियस इन्स्टिट्यूट’ का ज़िक्र किया गया था। इसके ज़रिए चीन की अमरिकी विश्‍वविद्यालयों में चीनी संस्कृति के पैर जमाने की और साथ ही आर्थिक सहायता के बल पर शिक्षासंस्थाओं में वर्चस्व स्थापित करने की कोशिश होने का इशारा भी दिया गया था। अमरिकी जांच यंत्रणा ‘एफबीआय’ ने भी अमरिकी विश्‍वविद्यालयों में शुरू ‘कन्फ्युशियस इन्स्टिट्यूट’ के केंद्रों की जांच जारी होने की बात उस समय हुई संसदीय सुनवाई के दौरान कही थी। अमरिकी यंत्रणा ने ‘कन्फ्युशियस इन्स्टिट्यूट’ चीन के लिए जासूसी के जगहों के तौर पर काम कर सकते हैं, यह चिंता भी व्यक्त की थी।

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