मतभेद विवाद में तब्दिल ना होने दें – चीन ने जताई भारत से उम्मीद

बीजिंग – सीमा पर बनी स्थिति को और द्विपक्षीय संबंधों को अलग रखकर देखना संभव नहीं होगा, यह बयान भारत के विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने किया था। इस बयान से विदेशमंत्री जयशंकर ने चीन को संदेश दिया हुआ दिखाई दे रहा है। क्योंकि, इस पर चीन ने प्रतिक्रिया दर्ज़ की है और मतभेद विवाद में तब्दिल ना हो, इस बात का भारत ध्यान रखेगा, यह उम्मीद भी चीन ने व्यक्त की है। साथ ही द्विपक्षीय हितसंबंधों की रक्षा करने के लिए भारत-चीन साथ में काम करेंगा, यह उम्मीद भी चीन ने व्यक्त की है।

मतभेद

दो दिन पहले ही विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने सीमा पर बने तनाव की वजसे होनेवाले परिणामों का एहसास दिलानेवाला तेज़तर्रार संदेश चीन को दिया था। सीमा पर जारी चीन की गतिविधियों का असर व्यापार पर होना जाहिर है और भारत को चीन का मुकाबला करने के लिए खड़ा होना ही होगा, यह बयान विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने किया था। इससे भारत सीमा मसले पर पीछे नहीं हटेगा और इसके लिए आवश्‍यक कड़े से कड़े निर्णय भी लेगा। इस दौरान भारत द्विपक्षीय संबंधों की भी परवाह नहीं करेगा, यह संदेश विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने चीन को दिया होने की बात विश्‍लेषक कह रहे हैं।

मंगलवार के दिन चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वँग वेनबीन ने इस पर प्रतिक्रिया दर्ज़ की। दो सबसे बड़े विकासशी देश और अर्थव्यवस्थाओं के बीच का सहयोग दोनों देशों के विकास के लिए आवश्‍यक है। साथ ही स्थिरता और जागतिक शांति एवं समृद्धी के लिए सकारात्मक ऊर्जा होने की बात वेनबीन ने कही है। इसी कारण दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों में सीमा का मसला उचित जगह पर रखना होगा और मतभेद विवाद में तब्दिल नही होंगे, इस पर ध्यान दें, यह उम्मीद वेनबीन ने व्यक्त की।

भारत में चीन से निर्यात हो रहे उत्पादन भारत की माँग के लिए पर्याप्त हैं। भारतीय नागरिकों की आवश्‍यकता पूरी करनेवाले हैं। दोनों देशों में व्यावसायिक सहयोग एक दूसरे के लिए फायदेमंद साबित होंगे। इस वजह से यह सहयोग तोड़ने की कोशिश करना भारत के हित में नहीं रहेगा, यह सलाह देने की कोशिश भी वेनबीन ने इस दौरान की।

इस प्रतिक्रिया के साथ ही भारत से प्राप्त हो रहे आर्थिक झटकों की दाहता चीन को महसूस होने की बात दिखाई दे रही है। भारत को जागतिक स्तर पर प्राप्त हो रहा समर्थन और चीन को आर्थिक स्तर पर लग रहे भारत के झटकों का जागतिक स्तर पर संज्ञान लिया जाना चीन को बेचैन कर रहा है। चीन के विरोध में खड़े होन की क्षमता और इच्छाशक्ति भारत ने दिखाई है। ‘इंडो-पैसिफिक’ क्षेत्र के अन्य देश भारत से प्रेरणा लेंगे, यह बयान अमरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा कौन्सिल की अध्यक्षा लिसा कर्टीस ने हाल ही में किया था। इस पृष्ठभूमि पर चीन की दर्ज़ हुई नई प्रतिक्रिया भारत की आक्रामकता से चीन कितना बेचैन हुआ है, यह बात रेखांकित कर रही है।

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