कालापानी में नेपाली नागरीकों की हुई घुसपैठ पर भारत की नेपाल को चेतावनी

नई दिल्ली – कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख में कई नेपाली नागरिक अवैध तरीके से दाखिल होने की बात सामने आई है। नेपाल ने कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख समेत ३९५ चौरस किलोमीटर का भारतीय क्षेत्र अपने नक्शे में शामिल किए जाने के बाद यह घुसपैठ हुई है। भारत ने इस पर संज्ञान लेकर इस क्षेत्र में नेपाली नागरिकों की जारी अवैध गतिविधियां बंद करने का स्पष्ट संदेश नेपाल की सरकार को दिया है। इस पर, यह क्षेत्र नेपाल का है, यह दावा करके भारत इस क्षेत्र में नेपाली नागरिकों को प्रवेश करने से रोक नहीं सकता, यह बात नेपाल ने कही। इससे नया विवाद शुरू होने के आसार नज़र आ रहे हैं। नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी.शर्मा ओली की सरकार संकट में है और भारत के साथ विवाद बढ़ाकर अपनी सरकार पर बना संकट दूर करने की कोशिश की जा रही है, यह बात विश्‍लेषक कह रहे हैं।

india-nepalरक्षामंत्री राजनाथ सिंग के हाथों उत्तराखंड के लिपुलेख से धारुचला को जोड़नेवाले रणनीतिक के नज़रिए से अहम रास्ते का उद्घाटन किया गया था। इसके बाद नेपाल ने अपने नए नक्शे में लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधूरा का क्षेत्र नेपाल का हिस्सा दिखाकर जारी किया और भारत को उकसाया था। इससे भारत और नेपाल के संबधों में तनाव बना हुआ है। नेपाल का इस तरह भारत के विरोध में निर्णय लेना और अपनाई गई इस भूमिका के पीछे चीन ने बहकाने का कारण होने की बात विश्‍लेषकों ने कही है।

अब इस क्षेत्र में नेपाल ने अनधिकृतक तरीके से अपने नागरिकों की घुसपैठ करवाना शुरू कर दिया है। नेपाल की चीन समर्थक कम्युनिस्ट पार्टी ही सीमा पर यह घुसपैठ कराने की कोशिश में जुटी हुई है, यह बात कही जा रही है। भारतीय सीमा में अवैध प्रवेश करनेवाले नेपाली नागरिकों को रोको वरना इस तरह के घुसपैठ से दोनों देशों के संबंधों में तनाव निर्माण होगा, ऐसा इशारा भारत ने दिया है।

पिछले कुछ दिनों से इस क्षेत्र में नेपाली जनता की घुसपैठ में बढ़ोतरी हुई है और सीमा पर भारत ने एसएसबी के सैनिकों को तैनात कर दिया है। फिर भी नेपाल की सरकार अपनी जनता को इस क्षेत्र में घसुपैठ के लिए बढ़ावा दे रही है। उत्तर प्रदेश के बलरामपुर से सटे इलाके में नेपाल नई चौकी बनाने लगी है। इसी दौरान उत्तराखंड के चंपावत ज़िले के टनकपुर क्षेत्र में नेपाली जनता की घुसपैठ बढ़ी है। इससे भारत ने भी इस क्षेत्र में गश्‍त में बढ़ोतरी की है। नेपाल में जारी सियासी संघर्ष की पृष्ठभूमि पर नेपाल के प्रधानमंत्री अपनी कुर्सी बचाने के लिए नया विवाद निर्माण करे रहे हैं, यह दावा किया जा रहा है।

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