उत्तर कोरिया को परमाणु सहायता देनेवालों को ज़िम्मेदार ठहराओ – भारत के विदेशमंत्री की मांग

संयुक्त राष्ट्रसंघ: परमाणु परीक्षण करके कोरियन क्षेत्र के साथ सारी दुनिया को बंधक करने वाले उत्तर कोरिया को परमाणु संवर्धन के लिए जिन्होंने सहायता की है, उन्हें भी जिम्मेदार करने की जरूरत है, यह मांग भारत के विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने की है। संयुक्त राष्ट्रसंघ की आमसभा में आये विदेश मंत्री स्वराजने पाकिस्तान का उल्लेख न करते हुए इस देश ने दिए उत्तर कोरिया के परमाणु सहायता पर कड़ी टीका की है। अमरीका एवं जापान के विदेश मंत्रियों के साथ त्रिपक्षीय बैठक में विदेश मंत्री स्वराज ने यह मांग की है।

पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम का जनक के तौर पर पहचाने जानेवाला शास्त्रज्ञ ‘अब्दुल कादिर खान’ ने कुछ देशों को अपना परमाणु तंत्रज्ञान प्रदान करने की बात घोषित की थी। इतना ही नहीं तो पाकिस्तान ने उत्तर कोरिया को परमाणु संवर्धन के लिए सहायता भी की थी। इस वजह से उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को बहुत बड़ी गति मिली है। इसके लिए परमाणु परीक्षण की श्रृंखला करके जागतिक स्थिरता और शांति को झटका देने वाले उत्तर कोरिया के इस कारवाई के लिए पाकिस्तान भी जिम्मेदार है। इस पर ध्यान केंद्रित करते हुए विदेशमंत्री स्वराज ने उत्तर कोरिया को सहायता करने वाले देशों पर निशाना साधने की मांग, इस त्रिपक्षीय चर्चा में की है।

परमाणु सहायताविदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने यह जानकारी दी है। इस बारे में पत्रकारों ने अधिक प्रश्न पूछने पर उत्तर कोरिया को मदद करनेवाला देश कौन है यह सभी जानते हैं, यह कहते हुए रवीश कुमार ने पाकिस्तान का उल्लेख नहीं किया। पर भारत ने संयुक्त राष्ट्रसंघ की आम सभा के दौरान किए इस मांग से बहुत बड़ा प्रभाव होने की आशंका है। उत्तर कोरिया परमाणु हमले की धमकियां दे रहा है। अमरीका एवं जापान इन देशों के विदेश मंत्रियों के साथ त्रिपक्षीय चर्चा में विदेश मंत्री स्वराज ने किया यह विधान अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

इस त्रिपक्षीय चर्चा में भारत, अमरीका एवं जापान के दौरान सागरी सुरक्षा, अंतरराष्ट्रीय परिवहन की स्वतंत्रता इन मुद्दों पर प्रमुख तौर पर चर्चा होने की बात कही जा रही है। चीन आशिया प्रशांत क्षेत्र में कर रहे कारवाईयों की वजह से अंतर्राष्ट्रीय परिवहन की स्वतंत्रता खतरे में आते हुए, इसके विरोध में अमरीका एवं जापान ने चीन को रोकने के लिए गतिविधियां शुरू की है। इस विषय को त्रिपक्षीय चर्चा में बड़ा महत्व प्राप्त हुआ है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से भेंट लेकर उनसे चर्चा की। इस चर्चा में रोहिंग्या का विषय नहीं था, यह जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने दी है। दोनों नेताओं की यह द्विपक्षिय मुलाकात थी ऐसा रवीश कुमार ने कहा है।

तथा भूतान के प्रधानमंत्री त्शेरिंग तोगे से विदेश मंत्री स्वराज ने मुलाकात की है। इस मुलाकात में डोकलाम पर चर्चा नहीं हुई, ऐसा खुलासा रवीश कुमार ने दी किया है। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प की कन्या इवांका ट्रम्प से भी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की चर्चा हुई। इसके साथ ट्यूनीशिया, बहरीन, लाटविया, संयुक्त अरब अमीरात एवं डेनमार्क इन देशों के विदेश मंत्रियों से भी सुषमा स्वराज ने चर्चा की है।

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