‘सीपीईसी’ के लिए पाकिस्तान कर रहा हैं गिलगित-बाल्टिस्तान को राज्य का दर्ज़ा देने की साज़िश – ‘पीओके’ के कार्यकर्ता का आरोप

जेनीवा – भारत ने ‘धारा ३७०’ और ‘धारा ३५ए’ को रद करके जम्मू-कश्‍मीर को दिया गया विशेष दर्जा हटाने से चीन और पाकिस्तान पर काफी दबाव बढ़ा है। इस निर्णय की वजह से अरबों डॉलर्स का ‘चायना पाकिस्तान इकॉनॉमिक कॉरिडोर’ (सीपीईसी) प्रकल्प मुश्‍किलों में फंसने का ड़र इन दोनों देशों को सता रहा है। इसी कारण ‘सीपीईसी’ को बचाने के लिए पाकिस्तान ने गिलगित-बाल्टिस्तान को पांचवा राज्य घोषित करने की साज़िश की है, ऐसा आरोप ‘पीओके’ के कार्यकर्ता डॉ.अमजद मिर्जा ने किया है। इसी के लिए पाकिस्तान में इम्रान खान की सरकार ने आनेवाले नवंबर महीने में गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव करने की योजना बनाई है, यह आरोप डॉ.मिर्जा ने किया है।

imran-jinping-cpecकरीबन ७० अरब डॉलर्स निवेष का ‘सीपीईसी’ प्रकल्प चीन के ज़िनजियांग प्रांत से गिलगित-बाल्टिस्तान के रास्ते पाकिस्तान तक पहुँचा है। चीन की महत्वाकांक्षी ‘बेल्ट ऐण्ड रोड़’ योजना का यह एक अहम प्रकल्प समझा जाता है। गिलगित-बाल्टिस्तान में निर्माण हो रहे इस प्रकल्प को भारत ने पहले भी कड़ा विरोध किया था। लेकिन, चीन और पाकिस्तान ने भारत के इस विरोध की ओर अनदेखा करके इस प्रकल्प का काम जारी रखा था। लेकिन, बीते वर्ष भारत ने जम्मू-कश्‍मीर को दिया हुआ विशेष दर्जा हटाने के बाद और पीओके और गिलगित-बाल्टिस्तान भारत का अभिन्न हिस्सा होने का ऐलान करने के बाद चीन और पाकिस्तान की चिंता बढ़ी है।

इस बढ़ती चिंता की वजह से ही पाकिस्तान ने गिलगित-बाल्टिस्तान को पाकिस्तान का पांचवां राज्य घोषित करने की साज़िश का आरोप गिलगिट-बाल्टिस्तान में जन्मे और फिलहाल इंग्लैंड़ में बसे मिर्जा ने किया। जम्मू-कश्‍मीर से दोनों धाराएं रद करने के बाद अंतरराष्ट्रीस स्तर पर भारत को बड़ी मात्रा में समर्थन प्राप्त हो रहा है। लेकिन, इससे पाकिस्तान में मौजूद चरमपंथियों की बेचैनी में बढ़ोतरी हुई है और उन्हें खुश करने के लिए इम्रान खान की सरकार इस तैयारी में जुटी होने की आलोचना मिर्जा ने की। गिलगित-बाल्टिस्तान को पांचवें राज्य का दर्जा देने का ऐलान करके इम्रान खान की सरकार नवंबर महीने में इस क्षेत्र में हो रहे चुनाव की प्रक्रिया पर प्रभाव डालने की कोशिश कर रही है, यह आरोप भी मिर्जा ने किया।

imran-jinping-cpecलेकिन गिलगित-बाल्टिस्तान को पांचवे राज्य का दर्जा देना इम्रान खान की सरकार के लिए इतना आसान नहीं होगा, इस बात का एहसास भी डॉ.मिर्जा ने दिलाया। गिलगित-बाल्टिस्तन को पांचवा राज्य घोषित करने से पहले वहां पर गिरफतार किए गए सियासी विरोधकों की रिहाई करना आवश्‍यक होगा। साथ ही गिलगित-बाल्टिस्तान की जनता को अभिव्यक्ती आज़ादी से दूर रखनेवाला ‘शेड्युल ४’ का कानून हटाना होगा। वहां की ज़मीन पर जबरन कब्ज़ा करना एवं दियामेर-बाशा बांध का निर्माण कार्य रोकना होगा। लेकिन, मानव अधिकारों का हनन कर रहे पाकिस्तान के लिए यह बात उतनी आसान नहीं रहेगी, यह दावा मिर्जा ने किया।

इसी बीच, गिलगित-बाल्टिस्तान में जनता पाकिस्तान एवं वहां पर खनिज संपत्ति लूटनेवाले चीन के खिलाफ़ होने का दावा मिर्जा ने कुछ सप्ताह पहले किया था। आनेवाले दिनों में अगर पाकिस्तान और चीन के साथ भारत का युद्ध शुरू होता है तो यहां की जनता भारत के पक्ष में लड़ेगी, यह बयान भी मिर्जा ने किया था।

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