चीन की ‘बीआरआय’ को म्यानमार और पाकिस्तान में झटके

नौ पी ता/इस्लामाबाद – म्यानमार ने चीन की ‘बेल्ट ऐण्ड रोड़ इनिशिएटिव’ (बीआरआय) के कुछ प्रकल्प रद करने के बाद लगे झटकों से चीन की यकायक नींद खुली। चीन के जिनपिंग की हुकूमत को वरिष्ठ अधिकारी यांग जिएची ने अपने इस प्रकल्प को बचाने के लिए तुरंत म्यानमार का दौरा करने की बात सामने आयी है। इसी समय पाकिस्तान में भी चीन के ‘बीआरआय’ को जोरदार झटके लग रहे है। पाकिस्तान में तालिबान से चीन के प्रकल्पों के लिए खतरा है और ऐसा हुआ तो पाकिस्तान में आर्थिक कोहराम मचेगा, ऐसा इशारा पाकिस्तानी लष्करी अधिकारी दे रहे हैं। इसके अलावा यूरोपिय देशों में भी चीन की महत्वाकांक्षी ‘बीआरआय’ की घेराबंदी होने के समाचार बीते महीने में सामने आए थे।

china-BRIचीन के कर्ज़ के शिकंजे में फंसे पाकिस्तान और श्रीलंका से सबक सीखकर म्यानमार ने कुछ दिन पहले ‘बीआरआय’ के कुछ प्रकल्प रद किए है। चीनी प्रकल्पों में पारदर्शिता ना होने का आरोप म्यानमार ने लगाया था। इसके बाद बेचैन हुए चीन ने वरिष्ठ अधिकारी यांग जिएची को म्यानमार रवाना किया है। यांग जिएची ने म्यानमार की स्टेट कौन्सिलर आँग सैंन स्यू की, राष्ट्राध्यक्ष विन मिंट और लष्करी अधिकारियों से भेंट करके म्यानमार की नाराज़गी दूर करने की कोशिश की। इस दौरान चीन ने म्यानमार के सामने कुछ प्रस्ताव रखे। लेकिन, इस प्रस्ताव के बाद भी म्यानमार में चीन के ‘बीआरआय’ का बेड़ा गर्क होने के दावे म्यानमारी माध्यम कर रहे हैं। म्यानमार में चीन की ‘बीआरआय’ को झटके लगना शुरू होने की जानकारी सामने आने के तुरंत बाद पाकिस्तान से भी ऐसी ही जानकारी सामने आने लगी है।

पाकिस्तान में तेहरिक-ए-तालिबान एवं जमात-उल-अहरार, हिजाब-हुल-अहरार और मेहसूद के गुट एक हुए हैं। वर्ष २०१४ में पाकिस्तान में मौजूद तालिबान के गुटों में दरार निर्माण हुई थी। लेकिन, पाकिस्तान की सरकार और सेना के विरोध में खड़े हुए इन तालिबानीयों से ‘बीआरआय’ के प्रकल्पों को खतरा बना है। तालिबान के आतंकी ‘बीआरआय’ प्रकल्प और चीनी कामगारों पर हमले करेंगे, ऐसा ड़र पाकिस्तान के लष्करी अधिकारियों ने जापानी माध्यमों से की हुई बातचीत के दौरान व्यक्त किया था। खैबर पख्तून प्रांत में चीनी प्रकल्पों के काम बड़ी मात्रा में जारी हैं। इस दुर्गम इलाके में तालिबान और उससे जुड़े संगठनों का वर्चस्व है। इसी कारण वहां पर मौजूदा प्रकल्पों के लिए सबसे बड़ा खतरा होने की बात कही जाती है। तालिबान ने सीपीईसी और अन्य प्रकल्पों पर हमले किए तो पाकिस्तान में आर्थिक कोहराम मचेगा और पाकिस्तान अस्थिर होगा’, ऐसा इशारा इस लष्करी अधिकारी ने दिया।

china-BRIपाकिस्तान में पहले ही ‘सीपीईसी’ के खिलाफ़ जनता नाराज़ है। ‘पीओके’ में स्थानीय जनता भी इस प्रकल्प के विरोध में जोरदार प्रदर्शन कर रही है। तभी बलोच बागियों ने ‘सीपीईसी’ पर जारी हमले बढ़ाए हैं। इसके अलावा ‘सीपीईसी’ में बहुत बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है और इसमें पाकिस्तानी सेना अधिकारी शामिल होने की जानकारी अब सामने आ रही है। ऐसी स्थिति में पाकिस्तान की सरकार के सामने अब सीपीईसी की सुरक्षा की चुनौती बढ़ चुकी है।

इसी बीच, चीन ने वर्ष २०१३ में बड़ी बयानबाज़ी करके ‘बीआरआय’ का ऐलान किया था। लगभग ७० देश इस योजना में शामिल हुए थे। लेकिन, इस योजना के पीछे चीन का उद्देश्‍य ध्यान में आते ही कुछ देश बीआरआय से पीछे हट रहे हैं। इसकी वजह से चीन काफ़ी बेचैन है।

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