नवाज़ शरीफ ने तीखी आलोचना करने पर पाकिस्तानी सेना में बेचैनी

इस्लामाबाद – पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ ने पाकिस्तानी सेना पर तीखी आलोचना करने के बाद इस देश की सियासत में बड़ी उथल-पुथल शुरू हुई है। पाकिस्तानी सेना ने इस देश पर ३३ वर्ष राज किया और अन्य वर्षों में किसी भी जनतांत्रिक सरकार को ठीक से काम भी करने नहीं दिया, यह आरोप करके नवाज़ शरीफ ने पाकिस्तानी सेना को लक्ष्य किया था। इस पर सेना से कड़ी प्रतिक्रिया प्राप्त हो रही है। नवाज़ शरीफ का भाषण प्रसारित करने के आदेश किसे पूछकर दिए गए, ऐसा सवाल पाकिस्तानी सेना ने प्रधानमंत्री इम्रान खान की सरकार से करने की बात कुछ पत्रकार कर रहे हैं। इसके साथ ही पाकिस्तान की गुप्तचर संगठना ‘आयएसआय’ विपक्ष के नेताओं से भेंट करने लगी है, ऐसे समाचार भी प्राप्त हो रहे हैं।

nawazपूरे विश्‍व में पाकिस्तानी सेना को आज तक ‘स्टेट विदिन द स्टेट’ यानी देश में मौजूद स्वतंत्र देश कहा जा रहा था। लेकिन, अब पाकिस्तान की सेना का वर्चस्व इतनी मात्रा में बढ़ा है कि अब पाकिस्तानी सेना यानी ‘स्टेट अबोव स्टेट’ बनी है, ऐसी तीखी आलोचना नवाज़ शरीफ ने की। पाकिस्तान की सेना देश से भी बड़ी हो गई है, ऐसी आलोचना नवाज़ शरीफ ने करने से पाकिस्तानी सेना को बड़ी मिर्च लगी है। इसके साथ ही पाकिस्तानी सेना कर रहे भ्रष्टाचार की ओर ध्यान आकर्षित करके ऐसे मामलों में कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है? यह सवाल भी शरीफ ने किया है। शरीफ के भाषणा की गूँज़ सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं बल्कि पूरे विश्‍व में सुनाई दे रही है और अंतरराष्ट्रीय माध्यमों ने भी इस आलोचना का संज्ञान लिया है। इस वजह से पाकिस्तान की सेना और भी गुस्सा हुई है।

नवाज़ शरीफ का भाषण प्रसारित ना करें, ऐसी सूचनाएं पाकिस्तानी समाचार चैनलों के लिए सरकार ने जारी की थीं। फिर भी उनका भाषण प्रसारित किया गया, इसके पीछे प्रधानमंत्री इम्रान खान का हाथ होने की बात कही जा रही है। नवाज़ शरीफ क्या बोलेंगे, इसकी जानकारी इम्रान खान रख रहे थे। इस भाषण में वह हम पर आलोचना किए बिना पाकिस्तान की सेना को लक्ष्य करेंगे, यह जानकारी इम्रान खान को पहले ही प्राप्त हुई थी। इसी कारण उन्होंने यह भाषण प्रसारित करने की अनुमति समाचार चैनलों को प्रदान की थी, ऐसा दावा पाकिस्तान के ज्येष्ठ पत्रकार नज़म सेठी ने किया है। नवाज़ शरीफ ने पाकिस्तानी सेना को लक्ष्य करने पर उनके खिलाफ़ देशद्रोह का आरोप अधिक आक्रामकता से लगाना संभव होगा, इसके अलावा अपनी सेना के साथ और भी नज़दिकियां बढ़ेंगी, यह तर्क लगाकर इम्रान खान ने यह सियासी चाल खेली है, ऐसा सेठी का कहना है।

Bajwa_Imranलेकिन, इस वजह से पाकिस्तान की सेना और भी गुस्सा हुई है और इस मामले में पाकिस्तानी सेना ने इम्रान खान की सरकार से सवाल करने का समाचार है। किसे पूछकर नवाज़ शरीफ का भाषण प्रसारित करने दिया, यह सवाला पाकिस्तानी सेना ने अपनी ही सरकार से बड़े तीखे रवैये के साथ किया होने का दावा माध्यमों ने किया है। साथ ही पाकिस्तान की कुख्यात गुप्तचर संगठना ‘आयएसआय’ ने विपक्ष के नेताओं से गुप्त तरीके से भेंट करने की खबरें भी प्राप्त हो रही हैं। बीते कुछ महीनों से पाकिस्तान की सेना प्रधानमंत्री इम्रान खान के कारोबार पर बड़ी नाराज़ है। सियासी, आर्थिक और विदेश नीति जैसे क्षेत्रों में इम्रान खान की सरकार पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है। ऐसे में इस तरह की नाकाम सरकार को सत्ता पर बिठाने के लिए पाकिस्तानी सेना ने बड़ी सहायता की यह आरोप भी अब जोर पकड़ रहा है। नवाज़ शरीफ ने अपने भाषण में हमारा विवाद इम्रान खान से नहीं है, बल्कि उनके जैसे अयोग्य व्यक्ति को सत्ता पर बिठानेवालों से होने की बात कही थी। इम्रान खान की नाकामी पाकिस्तानी सेना के लिए मुश्‍किल बन रही है और नवाज़ शरीफ जैसा तेज़ सियासी नेता इस स्थिति का पूरा लाभ उठा रहा है, ऐसा कुछ सियासी विश्‍लेषकों का कहना है। इस पृष्ठभूमि पर पाकिस्तानी सेना की बेचैनी और भी बढ़ रही है।

नवाज़ शरीफ के भाषण के बाद पाकिस्तानी सेना के हस्तक समझे जा रहे पत्रकार उन पर आक्रामकता से आलोचना कर रहे हैं। इस भाषण के ज़रिए नवाज़ शरीफ ने अपना सियासी भविष्य दांव पर लगाया और अब उनका सफर अल्ताफ हुसेन की दिशा में हो रहा है, ऐसी आलोचना भी यह सेना समर्थक पत्रकार कर रहे हैं। साथ ही नवाज़ शरीफ रॉ के एजंट हैं, ऐसे आरोप भी हो रहे हैं। पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय प्रतिमा मलीन करने के लिए नवाज़ शरीफ के भाषण का इस्तेमाल भारत कर सकता है, ऐसा दावा सेना के वफादार पाकिस्तानी माध्यम कर रहे हैं। साथ ही कु्छ तटस्थ पत्रकार नवाज़ शरीफ के भाषण पर गंभीरता से सोचने का यही अवसर होने का इशारा जनता को दे रहे हैं। पाकिस्तानी सेना राजनीति में दखलअंदाज़ी ना करे, यह उम्मीद भी शरीफ ने व्यक्त की। इसमें क्या गलत है? यह सवाल भी यह पत्रकार उठा रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.