कश्‍मीरी युवकों को आतंकवाद के लिए उकसाने की पाकिस्तान की कोशिश अब भी जारी है – चिनार कोर के कमांडर लेफ्टनंट जनरल बी.एस.राजू

श्रीनगर – भारतीय सेना की प्रतिमा मलीन करने की कोशिश पाकिस्तान कर रहा है। भीड़ वाले ठिकानों पर सुरक्षा बलों के सैनिकों पर हमले करने की पद्धति भी अपनाई जा रही है। इस दौरान सुरक्षा बल की कार्रवाई में बड़ी संख्या में आम नागरिक मारे जाएं, यह मंशा इसके पीछे होने का बयान भारतीय सेना के चिनार कोर के कमांडर लेफ्टनंट जनरल बी.एस.राजू ने किया है। इसी बीच कश्‍मीर घाटी में युवाओं को आतंकी संगठन में भर्ती करने के लिए पाकिस्तान युवकों को शिक्षा का लालच दिखा रहा है, यह बात भी उन्होंने कही।

pak-kasmir-youthकश्‍मीर घाटी के युवकों को आतंकी संगठन में भर्ती करने के लिए पाकिस्तान तरह तरह के हथकंडे अपना रहा है। इसी बीच पाकिस्तान शिक्षा के नाम से बड़ी संख्या में युवकों को आकर्षित करने में जुटा है। इसके बाद इनमें से कुछ युवकों के मन में गलत प्रभाव डाला जाता हैं। इन युवकों का ब्रेनवॉश करने के बाद उन्हें आतंकवाद का प्रशिक्षण देकर भारत भेजा जाता है, यह बात लेफ्टनंट जनरल बी.एस.राजू ने कही।

बीते कुछ दिनों की घटनाएं देखें तो पाकिस्तान भीड़ से भरे ठिकानों पर हमले करके सुरक्षा सैनिक और आम नागरिकों को लक्ष्य कर रहा है। भीड़ भरे ठिकानों पर हमले करने से सुरक्षा बलों ने आतंकियों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने पर होनेवाली मुठभेड़ में अधिक से अधिक आम नागरिक मारे जाएं, इसी मंशा से यह हमले किए जा रहे हैं। साथ ही इन हमलों की गलत जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से युवकों में फैलाई जाती है। गलत जानकारी की सहायता से युवकों को भड़काकर उन्हें आतंकी संगठनों में भर्ती किया जा रहा है, यह बयान लेफ्टनंट जनरल बी.एस.राजू ने किया।

पाकिस्तान द्वारा युवकों की आतंकी संगठनों में हो रही भर्ती रोकने के लिए विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कारण बीते वर्ष युवकों का आतंकी संगठन में शामिल होने की मात्रा कम हुई थी, इस ओर भी सेना अधिकारी ने ध्यान आकर्षित किया। बीते वर्ष कुल २१७ युवा आतंकी संगठन में शामिल हुए थे। बीते दशक में यह सबसे कम संख्या रही, यह जानकारी भी उन्होंने साझा की।

जम्मू-कश्‍मीर में अशांति फैलाने के लिए पाकिस्तान अलग अलग हथकंड़े अपना रहा है। आतंकियों की घुसपैठ के साथ ही उन्हें हथियारों की आपूर्ति करने के लिए ड्रोन्स का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके साथ ही सुरंग का भी इस्तेमाल हो रहा है। बीते छह महीनों में नियंत्रण रेखा पर तीन सुरंगें देखी गई हैं। पाकिस्तान के सहयोग के बगैर ऐसी सुरंग बनाना संभव नहीं है। बीते कुछ दिनों में हथियारों की तस्करी के लिए ड्रोन्स का इस्तेमाल भी बढ़ा है। तस्करी रोकने के लिए सुरक्षा यंत्रणा प्रगत तकनीक का इस्तेमाल कर रही है, यह भी उन्होंने कहा।

इसके साथ ही दोनों देशों की सीमा पर घुसपैठ या तस्करी के लिए छुपे विकल्प देखें तो इन्हें बंद करने की कोशिश भी हो रही है। इसके लिए अलग अलग तकनीक एवं नई पद्धति का इस्तेमाल हो रहा है, यह बयान भी लेफ्टनंट जनरल राजू ने किया।

आतंकियों को घुसपैठ के लिए सहायता प्रदान करने की मंशा से ही पाकिस्तान सीमा पर गोलीबारी कर रहा है, यह भी उन्होंने कहा। लेकिन, भारतीय सैनिक पाकिस्तान के हमलों को जोरदार प्रत्युत्तर दे रहे हैं। आतंकियों की घुसपैठ की कोशिशें नाकाम की जा रही हैं। आतंकी संगठन में शामिल हुए युवाओं के लिए आत्मसमर्पण और उनके पुनर्वसन की योजना चलाई जाएगी, यह जानकारी भी चिनार कोर के लेफ्टनंट जनरल बी.एस.राजू ने साझा की।

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