एलएसी पर भारत कर रहा बुनियादी सुविधाओं का विकास, यही चीन की समस्या – विदेशमंत्री एस. जयशंकर

नई दिल्ली – ‘एलएसी’ पर भारत कर रहा बुनियादी सुविधाओं का विकास, यही चीन की असली समस्या है। इसी कारण चीन एलएसी पर घुसपैंठ लर रहा होने का दावा भारत के विदेशमंत्री एस. जयशंकर ने किया। पिछले कुछ सालों से भारत ने चीन से सटे सीमाभाग में बुनियादी सुविधाओं की विकास परियोजनाएँ तेज़ कीं थीं। इसके लिए किया जानेवाला आर्थिक प्रावधान भारत ने तीन गुना बढ़ाया और इन परियोजनाओं में चार गुना वृद्धि हुई थी। इससे चीन बेचैन हुआ और भारत को चुनौती देने के लिए चीन ने हरक़तें शुरू कीं, ऐसा जयशंकर ने स्पष्ट किया।

विदेश मंत्रालय में संपन्न हुई एक बैठक में विदेशमंत्री जयशंकर ने, चीन के साथ लद्दाख की एलएसी पर जारी विवाद पर पूछे गये सवालों के जवाब दिये। दो घंटों से अधिक समय तक यह बैठक जारी थी। इस दौरान जयशंकर ने लद्दाख की एलएसी पर बने विवाद का मूल कारण स्पष्ट किया। भारत ने एलएसी पर बड़े पैमाने पर बुनियादी सुविधाओं की विकास परियोजनाएँ तेज़ कीं हैं। इस इलाक़े में लष्कर तथा वायुसेना की गतिविधियाँ तेज़ गति से हों, इसके लिए ख़ास प्रयास किये जा रहे हैं। इन विकास परियोजनाओं की गति तथा उनके लिए किये प्रावधान भारी मात्रा में बढ़ाये गये हैं। इस कारण ये परियोजनाएँ गतिमान हुईं हैं। चीन ने बार बार इनपर ऐतराज़ जताया था। साथ ही विवादग्रस्त भूभाग में भारत कर रहे निर्माणकार्य के गंभीर परिणाम होंगे, ऐसी धमकी भी चीन ने दी थी।

इस पृष्ठभूमि पर विदेशमंत्री जयशंकर ने, इसे ही चीन की मूल समस्या बताकर, इसके लिए ही चीन ने भारत को चुनौती देने के लिए, लद्दाख की एलएसी पर घुसपैंठ की कोशिशें कीं, ऐसा कहा है। सन २०१४ से पहले चीन से सटे सीमाक्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं की विकास परियोजनाएँ धीमी गति से शुरू थीं। वे तेज़ होने के बाद चीन ने ये हरकतें शुरू कीं होने के दावें विश्‍लेषकों ने भी इससे पहले किये थे। इस क्षेत्र की विकास परियोजनाओं को बंद करने के लिए चीन ने इससे पहले काफ़ी सारीं कोशिशें करके देखीं थीं। लेकिन लद्दाख की एलएसी पर हुई मुठभेड़ के बाद भी भारतीय लष्कर ने इन परियोजनाओं को अंजाम दिया होने की ख़बर है। इसका बहुत बड़ा झटका चीन को लगा है।

आनेवाले समय में भारत की ये परियोजनाओं को बंद नहीं किया जा सकता, इसका एहसास चीन को हुआ है। इस कारण नज़दीकी भविष्य में चीन भारत के विरोध में लष्करी कार्रवाई के साथ अन्य उपाययोजनाओं पर अमल कर सकता है, इस बात पर ग़ौर करने का आवाहन सामरिक विश्‍लेषकों द्वारा किया जा रहा है। लेकिन चीन की इन हरक़तों पर भारतीय लष्कर कड़ी नज़र रखे हुए है। हमारे सब्र का इम्तिहान मत लेना, ऐसा भारत के लष्करप्रमुख ने एक ही दिन पहले चीन को जताया था। वहीं, भारत के सम्मान को ठेंस पहुँचानेवालों को क़रारा जवाब मिलेगा, ऐसी चेतावनी रक्षामंत्री राजनाथ सिंग ने दी थी।

केवल लद्दाख में ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों में भी एलएसी पर सिद्धता बढ़ाने का फ़ैसला लष्कर ने किया है। रक्षाबलप्रमुख जनरल रावत ने कुछ दिन पहले अरुणाचल प्रदेश की एलएसी का दौरा किया था। लद्दाख की एलएसी पर भारत ने की तैनाती के कारण बढ़े दबाव को कम करने के लिए चीन अन्यत्र घुसपैंठ कर सकता है, इसका पूरा एहसास भारत के रक्षाबलों को है, यही बात इससे स्पष्ट हो रही है।

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