भारत-जापान ने ‘आयटी’ क्षेत्र में सहयोग के लिए किया अहम समझौता

नई दिल्ली – भारत और जापान नेआयटीक्षेत्र में सहयोग के लिए अहम समझौता किया है। इसके अनुसार भारत और जापान एकदूसरे को५जी’, ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजन्सऔरसबमरीन केबल नेटवर्कसे संबंधित सहयोग करेंगे। भारत के सूचना एवं प्रसरण मंत्री रविशंकर प्रसाद और जापान के अंदरुनि कारोबार एवं संपर्क विभाग के मंत्रीटाकेडा रियोटाने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस वजह से भारत के५ जीक्षेत्र में वर्चस्व स्थापित करने के चीन के इरादे मिट्टी में मिले होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

कोरोना की महामारी का संकट खत्म होने के आसार दिखाई देने पर भारत ने आर्थिक मोर्चे पर लगातार कई अहम निर्णय किए हैं। देश का अर्थ व्यवस्था पटरी पर लाने के साथ ही चीन जैसे देश को अलग अलग मोर्चों पर झटके देने की बड़ी तैयारी भी भारत ने जुटाई ह। इसके अनुसार भारत ने जापान के साथआयटीक्षेत्र में सहयोग बढ़ाया है और इसका बड़ा असर आनेवाले दिनों में दिखाई देगा।

जापान के साथ समझौता करके भारत नेआयटीक्षेत्र से संबंधित५ जी’, ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजन्सऔरसबमरिन केबल नेटवर्कसे संबंधित सहयोग जापान से प्राप्त किया है। भारतजापान यह जनतांत्रिक देश समान मूल्यों पर भरोसा करते हैं। इंडोपैसिफिक क्षेत्र स्वतंत्र और मुक्त रहे, इस मुद्दे पर भी दोनों देशों की सहमति है। इसी वजह से दोनों देशों का कई मोर्चों पर सहयोग स्थापित होना आवश्‍यक साबित होता है, यह विश्‍वास हमें हैं, यह बयान करके जापान के मंत्री रियोटा ने भारत के साथ जारी सहयोग की अहमियत रेखांकित की।

५जीके मोर्चे का अपना अनुभव और कुशलता का भारत जैसे मित्रदेश को लाभ पहुँचाने के लिए जापान उत्सुक है’, यह बयान भी रियोटा ने आगे किया।आर्टिफिशियल इंटेलिजन्सऔरऑप्टिकल फायबर केबल्सकी भारत में आवश्‍यकताओं का जापान को पहले से अहसास है।

बीते वर्ष अगस्त में चेन्नई और अंड़माननिकोबार कोऑप्टिकल फायबरसे जोड़ने का कान्ट्रैक्ट भारत ने जापान की कंपनी को ही प्रदान किया था, यह जानकारी भी इस अवसर पर सामने आयी है।

भारत के४ जीऔर५ जीक्षेत्र में निवेश करने का बड़ा अवसर उपलब्ध है, जापान की कंपनियां इसका लाभ उठाकर भारत में निवेश करें, यह आवाहन भी रविशंकर प्रसाद ने इस दौरान किया। इसी बीच, चीन की हुवेई कंपनी ने भारत के५ जीबाज़ार पर कब्ज़ा प्राप्त करने की स्थिति बीते वर्ष निर्माण हुई थी। लेकिन, चीन ने लद्दाख कीएलएसीपर घुसपैठ करके भारत के साथ सहयोग बढ़ाने की सभी संभावनाएं खत्म कर दी हैं। इसका असर दिखाई देने लगा है और भारत५ जीतकनीक के लिए जापान के साथ सहयोग कर रहा है।

इसकेआगे वर्णित क्षेत्र में भारत और जापान के सहयोग का अधिक से अधिक विस्तार होता रहेगा, यह विश्‍वास भारतीय अधिकारी व्यक्त कर रहे हैं। खास तौर पर५ जीका इस्तेमाल भारत के कृषि, परिवहन और आपाद स्थिति का नियंत्रण करने के लिए हो सकता है। जापान ने अपने इस क्षेत्र में काम किया है, यह जानकारी भी भारतीय अधिकारी ने साझा की। 

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