आतंकवाद का सबसे बड़ा प्रायोजक पाकिस्तान स्वयं को आतंकवाद का शिकार बताने का ढ़ोंग कर रहा है – संयुक्त राष्ट्रसंघ में भारत ने की तीखीं आलोचना

संयुक्त राष्ट्रसंघ – ‘आतंकवाद का सबसे बड़ा प्रायोजक पाकिस्तान स्वयं को आतंकवाद का शिकार बताकर विश्‍व को गुमराह कर रहा है। भारत पर झूठे आरोप लगानेवाला पाकिस्तान पहले अपने देश में हिंदू, ईसाई, सिख और बौद्ध धर्मियों का संहार रोके’, ऐसी तीखी आलोचना भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ में की। सीमा के उस पार से निर्यात हो रहे छोटे हथियारों की तस्करी का इस्तेमाल करके आतंकियों ने भारत को बड़ा नुकसान पहुँचाया है, इस बात की याद भी संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के राजदूत टी.एस.तिरुमूर्ति ने करायी।

आतंकवाद का बड़ा प्रायोजकसंयुक्त राष्ट्र संघ की आम सभा और राष्ट्र संघ के अन्य व्यासपीठों का इस्तेमाल करके पाकिस्तान कश्‍मीर मसले पर विश्‍व का ध्यान आकर्षित करने की कड़ी कोशिश कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ में पाकिस्तान के राजदूत मुनीर अक्रम ने जम्मू-कश्‍मीर में भारत मानव अधिकारों को कुचल रहा है, ऐसा बयान किया था। इस पर भारत के प्रतिनिधि डॉ.काजल भट ने मुँहतोड़ जवाब दिया।

संयुक्त राष्ट्र संघ की कमिटी के सामने बोलते समय आतंकवाद का सबसे बड़ा प्रायोजक एवं समर्थक देश पाकिस्तान खुद को आतंकवाद का शिकार होने का मुखौटा पहन रहा है, यह आरोप भी उन्होंने ड़टकर किया। पाकिस्तान ने भारत पर लगाए आरोप खोखले हैं और भारत इन सभी आरोपों को ठुकरा रहा है, यह बयान भी डॉ.भट ने किया।

जम्मू-कश्‍मीर भारत का अभिन्न अंग था और आगे भी रहेगा, यह बात डॉ.काजल ने ड़टकर कही। भारत को मानव अधिकारों के मुद्दे पर उपदेश कर रहे पाकिस्तान पहले अपने देश में अल्पसंख्यांक हिंदू, ईसाई, सिख और बौद्ध धर्मियों का संहार रोके, ऐसी जोरदार फटकार भी डॉ.भट ने लगाई। इसी बीच संयुक्त राष्ट्र संघ में नियुक्त भारत के राजदूत टी.एस.तिरूमूर्ति ने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर सीमा के उस ओर से तस्करी द्वारा भेजे जा रहे छोटे हथियारों का इस्तेमाल करके आतंकियों ने भारत में कई हमले किए, इसकी ओर ध्यान आकर्षित किया। इस वजह से बीते दो दशकों से भारत का काफी बड़ा नुकसान हुआ है और आतंकियों की अंधाधुंध गोलिबारी में महिलाओं और बच्चों की भी मौत हुई है, ऐसा कहकर राजदूत तिरूमूर्ति ने सभी देश इसके खिलाफ पुख्ता भूमिका अपनाएं, यह आवाहन भी किया।

वर्तमान में छोटे हथियारों की तस्करी के लिए ड्रोन्स का भी इस्तेमाल किया जा रहा है, ऐसा कहकर इसकी गंभीरता राजदूत तिरूमूर्ति ने रेखांकित की। इसी बीच बीते कुछ महीनों से पाकिस्तान फिर से कश्‍मीर का मसला एवं भारत में मानव अधिकारों का हनन हो रहा है, ऐसे मुद्दे अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठा रहा है। अफ़गानिस्तान में अपनी हरकतों पर विश्‍व का ध्यान ना जाए, इसी मंशा से पाकिस्तान ने भारत पर आरोप लगाने की तीव्रता बढ़ाई है क्योंकि, अफ़गानिस्तान में तालिबान की चरमपंथी और आतंकी गतिविधियाँ लगातर सामने आ रही हैं और तालिबान को हर तरह की सहायता प्रदान कर रहा पाकिस्तान इसकी वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक बदनाम हुआ है। इस नुकसान से बचने के लिए पाकिस्तान ने अब स्वयं को आतंकवाद का सबसे बड़ा शिकार बताना शुरू किया है।

अमरीका ने अफ़गानिस्तान में शुरू किए आतंकवाद विरोधी युद्ध में शामिल होने की वजह से पाकिस्तान में कुल ८० हज़ार लोग मारे गए, ऐसे दावे पाकिस्तान के नेता एवं अधिकारी ठोक रहे हैं। इन दावों का कोई भी आधार नहीं है। इसके अलावा जिन आतंकी संगठनों ने पाकिस्तान में आतंक फैलाया, उन्हीं आतंकी संगठनों के साथ बातचीत करने के लिए पाकिस्तान सरकार तैयार है। इस वजह से आतंकवाद ही पाकिस्तान की राष्ट्रीय नीति है और केवल यही एक कुशलता इस देश ने पाई हैं, यह आरोप भारतीय विश्‍लेषकों ने लगाया है।

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