बांगलादेश में पाकिस्तान द्वारा भारत के खिलाफ ज़हरीला दुष्प्रचार – बांगलादेशी पत्रकारों ने ही किया पर्दाफाश

ढ़ाका – ‘बांगलादेश के संस्थापक शेख मुजिब उर रेहमान पाकिस्तानी राष्ट्रवादी थे। लेकिन, तब भारत ने पाकिस्तान में निर्माण हुई राजनीतिक अस्थिरता और विसंवाद का लाभ उठाया। इसी कारण बांगलादेश पाकिस्तान से अलग हुआ’, यह प्रचार बांगलादेश के माध्यमों में किया जा रहा है। पाकिस्तान इस तरह का ज़हरीला दुष्प्रचार करके बांगलादेशी जनता में भारत के खिलाफ विद्वेष फैलाने का काम कर रहा है, ऐसा आरोप बांगलादेश के नामांकित पत्रकार साजिद युसूफ शहा ने लगाया।

भारत के खिलाफबांगलादेश की स्थापना का यह ५० वां साल है और बांगलादेश के साथ भारत में भी इसका जश्न मनाया जा हा है, ऐसे में पाकिस्तान में यह साल राष्ट्रीय शोक का दौर है। वर्ष १९७१ के युद्ध में पाकिस्तान निश्चित ही पराभूत हुआ। लेकिन, इस हार को जीत में बदलने की कोशिश इस देश ने अभी भी छोड़ी नहीं है। बांगलादेश में पाकिस्तान फैला रहे ज़हरिले प्रचार अभियान से यही साबित हो रहा है। इसके लिए पाकिस्तान ने पिछले वर्ष ही तैयारी करने की जानकारी साजिद युसूफ शहा ने प्रदान की।

पिछले वर्ष ९ नवंबर को लाहौर में पाकिस्तान-बांगलादेश फ्रेंडशिप कान्फरन्स का आयोजन किया गया था। इसके लिए पाकिस्तान के बंगाली नागरिकों को विशेषरूप से आमंत्रित किया गया था। अब तक पाकिस्तान के नेता, सैन्य अधिकारी, माध्यम एवं विश्‍लेषक भी बांगलादेश के संस्थापक वंगबंधू मुजिब उर रेहमान का ज़िक्र गद्दार कहकर ही किया करते थे। इसके साथ ही मुजिब उर रेहमान भारत के हस्तक होने का आरोप पाकिस्तान में आज भी लगाया जाता है। लेकिन, पाकिस्तान-बांगलादेश फ्रेंडशिप कान्फरन्स मे मुजिब उर रेहमान पर ऐसी आलोचना न करते हुए वे पाकिस्तान पर प्रेम करनेवाले राष्ट्रवादी नेता थे, यह दावा आयोजकों ने किया।

मुजिब उर रेहमान को पाकिस्तान से स्वतंत्र होकर बांगलादेश का निर्माण नहीं करना था। लेकिन, उन दिनों भारत ने पश्‍चिम और पूर्व पाकिस्तान में उभरे राजनीतिक विसंवाद का लाभ उठाया और बांगलादेश का निर्माण हुआ। बांगलादेश में पाकिस्तान समर्थकों की कत्ल हुई, इसके लिए विद्रोही और भारतीय सेना ज़िम्मेदार होने का आरोप इस परिषद में लगाया गया था। असल में पाकिस्तानी सेना के अत्याचारों से क्रोधित बांगलादेशी नागरिकों से पाकिस्तान के सेना अधिकारी एवं सैनिकों को भारतीय सेना ने ही सुरक्षित रखा था। इसे अनदेखा करके लाहौर के इस परिषद में गुमराह करनेवाली जानकारी साझा की गई।

इस परिषद के बाद बांगलादेश के लिए पाकिस्तान में काफी प्रेमभाव की दिखाने की कोशिश की गई। ‘बांगलादेश की प्रधानमंत्री शेख हसिना को पाकिस्तान से अच्छे ताल्लुकात रखने हैं। लेकिन, उनकी सरकार में मौजूद भारत के एजंट उन्हें ऐसा करने नहीं देते’, ऐसे दिखावटी दावे करने तक पाकिस्तान के कुछ लोग जा पहुँचे होने का बयान साजिद युसूफ शहा ने किया है। साथ ही पाकिस्तान और बांगलादेश प्रमुख इस्लामधर्मी देश हैं और यह देश मिलकर ‘ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन’ (ओआईसी) एवं इस्लामी देशों का नेतृत्व कर सकते हैं। बांगलादेश क्षेत्रिय परमाणु शक्ति बनाने के लिए पाकिस्तान सहायता कर सकता है। लेकिन, भारत इसे कभी भी मंजूरी नहीं देगा, ऐसे दावे सोशल मीड़िया पर किए जा रहे हैं। इस पर कुछ बांगलादेशी सकारात्मक रिस्पान्स दे रहे हैं, यह चिंता का मुद्दा होने का बयान भी साजिद शहा ने किया।

२ जनवरी के दिन ही पाकिस्तान के लाहौर में फिर से पाकिस्तान-बांगलादेश फ्रेंडशिप कान्फरन्स का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर साजिद शहा ने अपने देशवासियों को पाकिस्तान की इस साज़िश से सावधान किया है। बांगलादेश के कुछ चरमपंथी अभी भी पाकिस्तान के पक्ष में हैं और उनसे बांगलादेश को काफी बड़ा खतरा है। पाकिस्तान के कुख्यात गुप्तचर संगठन आईएसआई बांगलादेश में अस्थिरता फैला रही है, यह आरोप प्रधानमंत्री शेख हसिना ने पिछले महीने ही लगाया था। इस पृष्ठभूमि पर बांगलादेश के पत्रकारों ने पाकिस्तान की साज़िश का पर्दाफाश किया दिख रहा है।

प्रधानमंत्री शेख हसिना की सरकार सत्ता हासिल ना करे, इसके लिए ‘आईएसआई’ ने पहले भी कई भयंकर साज़िशें रचीं थी। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि, शेख हसिना की सरकार का तख्ता पलटने की साज़िश भी आईएसआई ने की थी। इस साज़िश को नाकाम किया गया और इसके बाद पाकिस्तान ने अपनी रणनीति में बदलाव लाया है और अब भारत के खिलाफ ज़हरीला प्रचार शुरू किया है। इसे काफी बड़ी सफलता प्राप्त होने की संभावना फिलहाल नज़र नहीं आ रहे है, फिर भी बांगलादेश और भारत को पाकिस्तान की ऐसी साज़िशों से सावधान रहने की आवश्‍यकता है।

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