म्यानमार में जुंटा हुकूमत की कार्रवाई में २० लोगों की मौत

नेप्यितौे – म्यानमार की जुंटा हुकूमत के खिलाफ संघर्ष छेड़नेवाले गाँववालों पर लष्कर ने की कार्रवाई में २० लोगों की जान गई होकर, कई लोग घायल हुए हैं। इससे पहले चिन स्टेट के मिंदात भाग में लष्कर और स्थानीय सशस्त्र गुटों में हुई मुठभेड़ों में १० से अधिक जवानों की मौत होने की जानकारी सूत्रों ने दी है।

फरवरी महीने में म्यानमार के लष्कर ने बगावत करके सत्ता अपने कब्जे में कर ली थी। लष्कर के इस फैसले का विरोध करने के लिए म्यानमार की जनता ने सड़कों पर उतर कर जनतंत्रवादी आंदोलन छेड़ा था। लष्कर की खूंखार हरकतें और भीषण अत्याचार के बावजूद भी जनता पीछे नहीं हटी है। लगभग चार महीने बीतने के बाद भी आंदोलन बरकरार होकर, उल्टा उसकी व्याप्ति बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। यह आंदोलन जारी रहते समय ही, जुंटा हुकूमत के विरोध में शुरू हुए आंदोलन का स्वरूप भी बदलता हुआ दिखाई दे रहा है।

Myanmar-Junta-forcesम्यानमार के कई भागों में स्थानिकों ने लष्कर के विरोध में संघर्ष शुरू किया है। कुछ भागों में नए सशस्त्र गुट तैयार हुए होकर, पुराने बागी गुटों ने भी फिर से हथियार हाथ में लिए दिख रहे हैं। शनिवार को ‘इरावदी डेल्टा रिजन’ इलाके के एक गाँव में लष्कर ने छापा मारा। गाँव में हथियारों का भंडार छुपाया गया होकर, उसे बरामद करने के लिए यह कार्रवाई की जा रही है, यह बहाना लष्कर ने बनाया था। लेकिन लष्कर की इस कार्रवाई का गाँववालों ने ज़ोरदार विरोध किया। इस समय लष्कर और गाँववालों में हुए संघर्ष में २० लोगों की जान गई होकर, कई लोग घायल हुए बताए जाते हैं। लष्कर ने इस कार्रवाई पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से इन्कार किया है।

इरावदी में हुई इस कार्रवाई से पहले चिन स्टेट के मिंदात में भी लष्कर और स्थानिक गुटों में मुठभेड़ें होने की बात सामने आई है। पिछले हफ्ते में बुधवार को लष्कर ने चिन स्टेट-मागवे सीमा पर एक गाँव कब्जे में ले लिया था। इस कार्रवाई को प्रत्युत्तर देने के लिए ‘चिनलँड डिफेन्स फोर्स’ इस स्थानिक सशस्त्र गुट ने ‘हतलिन टाऊनशिप’ भाग में स्थित लष्करी थाने पर हमला किया। इसमें कम से कम ७ जवानों की मृत्यु होने का दावा स्थानिक गुट ने किया है। ‘म्यानमार नाऊ’ इस वेबसाइट ने इस संदर्भ में खबर जारी की है। लष्कर और स्थानिक सशस्त्र गुटों में ऐसी मुठभेड़ें लगातार होने की बात सामने आ रही है।

इस पृष्ठभूमि पर, जुंटा हुकूमत के प्रमुख जनरल मिन आँग हलेंग ने कबूली दी है कि म्यानमार के सभी भागों पर अभी भी लष्कर नियंत्रण प्राप्त नहीं कर सका है। पिछले महीने एक चीनी न्यूज़ चैनल को दिए इंटरव्यू के दौरान यह जानकारी सामने आई है, ऐसा ‘द इरावद्दी’ इस वेबसाईट ने कहा है।

इसी बीच, म्यानमार की समस्या का हल निकालने के लिए ‘आसियन’ द्वारा जारी प्रयासों को बड़ा झटका लगा है। म्यानमार की लोकतांत्रिक हुकूमत का भाग होनेवाले नेता और वंशिक तथा बागी गुटों ने एकसाथ आकर गठन किए ‘नॅशनल युनिटी गव्हर्मेंट’ ने, ‘आसियन’ पर हमें भरोसा नहीं है, ऐसा कहा है।

पिछले हफ्ते ‘आसियन’ की दो विशेष दूतों ने म्यानमार का दौरा किया था। इस समय उन्होंने सिर्फ जुंटा हुकूमत के प्रमुख और संबंधित अधिकारियों से मुलाकात की। म्यानमार की ‘नॅशनल युनिटी गव्हर्मेंट’ ने विनती करने के बावजूद भी उनसे मुलाकात करना ‘आसियन’ ने टाला। इस कारण म्यानमार के लोकतंत्र वादी गुटों में नाराजगी की भावना होकर, ‘नॅशनल युनिटी गव्हर्मेंट’ के बयान से यह नाराजगी जाहिर हो रही है।

म्यानमार में चल रहे संघर्ष की अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आवश्यक मात्रा में दखल नहीं ली जा रही है, ऐसी शिकायत हो रही है। खासकर, मानवाधिकार और लोकतंत्र का आग्रह रखनेवाला बायडेन प्रशासन, म्यानमार के लष्कर पर कठोर कार्रवाई करने के लिए तैयार ना होने की बात सामने आ रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.