म्यानमार के लष्कर पर दबाव बढ़ाने की गतिविधियाँ तेज़

यांगून – म्यानमार में पिछले डेढ़ महीने से अधिक समय जारी होनेवाला लोकतंत्रवादी आंदोलन कुचलने के लिए लष्कर द्वारा जोरदार कोशिशें शुरू हैं। लष्कर ने की कार्रवाई में अब तक २०० से भी अधिक लोगों की जानें गईं हैं। लेकिन फिर भी म्यानमार के आंदोलन की धार अभी भी कम नहीं हुई है और अब लष्कर पर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर दबाव बनाने की गतिविधियाँ तेज़ हुईं हैं। संयुक्त राष्ट्र संगठन और ‘आसियन’ द्वारा द्वारा इसके लिए कोशिश जारी होकर, म्यानमार के लष्कर पर सख्त प्रतिबंध लगाने की माँग ज़ोर पकड़ रही है।

military-myanmarपिछले दो दिनों में संयुक्त राष्ट्र संगठन और ‘आसियन’ ने म्यानमार के मुद्दे पर गतिविधियाँ शुरू की है, ऐसा सामने आ रहा है। संयुक्त राष्ट्र संगठन के महासचिव अँटोनिओ गुतेरस ने यह बयान किया है कि सदस्य देशों से फौरन और सख्त कार्रवाई की जरूरत है। उसके लिए उन्होंने सदस्य देशों के साथ चर्चा भी शुरू की है, ऐसा गुतेरस के प्रवक्ता द्वारा बताया गया।

military-myanmarम्यानमार के लष्कर के विरोध में होनेवाली कार्रवाई के मुद्दे पर ‘आसियन’ की भूमिका निर्णायक साबित होगी, ऐसा बताया जाता है। म्यानमार यह ‘आसियन’ का सदस्य देश होकर, आर्थिक तथा अन्य क्षेत्रों में आग्नेय एशियाई देशों के साथ बड़े पैमाने पर जुड़ा हुआ है। लेकिन ‘आसियन’ के संविधान में, सदस्य देशों के अंदरूनी मामले में दखलअंदाज़ी न करने का प्रावधान है। इस कारण ‘आसियन’ से होनेवाली कार्रवाई के संदर्भ में संदेह उपस्थित किया जा रहा है।

कुछ दिन पहले ‘आसियन’ के सदस्य देशों के वरिष्ठ नेताओं द्वारा, दखलअंदाजी ना करने का प्रावधान बाजू में रखकर म्यानमार के मुद्दे पर फैसला किया जाए, ऐसी माँग करनेवाला पत्र जारी किया गया था। उसके बाद ‘आसियन’ का अग्रसर देश होनेवाले इंडोनेशिया ने, military-myanmarम्यानमार के मुद्दे पर बैठक बुलाने की माँग की थी। इंडोनेशिया के राष्ट्राध्यक्ष जोको विडोडो के प्रस्ताव का मलेशिया ने भी समर्थन किया है। इस कारण, आनेवाले कुछ दिनों में ‘आसियन’ द्वारा बैठक का आयोजन किया जा सकता है, ऐसे संकेत सूत्रों ने दिए हैं।

संयुक्त राष्ट्र संगठन और ‘आसियन’ के साथ ही, म्यानमार में सक्रिय होनेवालीं विदेशी कंपनियाँ भी लष्कर के संदर्भ में ठोस भूमिका अपनाएँ, ऐसी माँग म्यानमार के कई गुटों द्वारा सामने आई है। इंधन क्षेत्र तथा वस्त्र उद्योग क्षेत्र में कार्यरत कंपनियों को, म्यानमार के सांसद तथा स्वयंसेवी गुटों द्वारा पत्र भेजा गया है। उसके बाद फ्रान्स की ‘ईडीएफ’ और जापान की ‘किरीन’ इन कंपनियों ने म्यानमार के प्रोजेक्ट से बाहर निकलने की घोषणा की है। सिंगापुर के उद्यमी लिम कालिंग ने भी, म्यानमार में निवेश का फैसला रद्द किया होने की बात सामने आई है।

military-myanmarइसी बीच, शनिवार को लष्कर द्वारा की गई कार्रवाई में नौ प्रदर्शनकारियों की मृत्यु हुई बताई गई। इस घटना के बाद, आंदोलन में जान गँवानेवाले लोगों की संख्या २३० पर गई होने की जानकारी स्थानिक गुटों ने दी। म्यानमार के काचिन प्रांत में स्वायत्तता की माँग करनेवाले बागी संगठनों ने, लष्करी कार्रवाई को प्रत्युत्तर देने की शुरुआत की होकर, कुछ इलाकों में लष्कर और बागियों में संघर्ष होने की जानकारी दी गई है। काचिन बागियों ने लोकतंत्रवादी आंदोलन को समर्थन दिया है और सशस्त्र लड़ाई अधिक तीव्र करने की चेतावनी भी दी है।

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