म्यांमार में लष्करी हुकूमत के खिलाफ जारी प्रदर्शनों की तीव्रता बढ़ी – सुरक्षा बलों की कार्रवाई में ५४ की मौत

यांगून – म्यांमार में लष्करी हुकूमत के खिलाफ जारी प्रदर्शनों की तीव्रता प्रतिदिन बढ़ रही है। राजधानी नेप्यितौ समेत यांगून और अन्य प्रमुख शहरों में हो रहें प्रदर्शनों का दायरा भी बढ़ा है और सरकारी कर्मचारियों ने शुरू किए असहयोग प्रदर्शनों को भी अधिक समर्थन प्राप्त होता दिख रहा है। इसी बीच लष्करी हुकूमत ने प्रदर्शनों को कुचलने के लिए अधिक आक्रामक मुहिम शुरू करने की बात सामने आ रही है। सुरक्षा बलों ने अबतक की हुई कार्रवाई में ५४ लोग मारे गए हैं और १,७०० से अधिक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है।

myanmar-protestsम्यांमार की सेना ने बीते महीने जनतांत्रिक सरकार का तख्तापलट करके पूरा नियंत्रण अपने हाथों में लिया था। सेना की इस कार्रवाई से गुस्सा हुई म्यांमार की जनता सड़कों पर उतरी है और चार हफ्तों से अधिक समय लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। ये प्रदर्शन कुचलने के लिए लष्करी हुकूमत ने देश की सड़कों पर टैंक्स उतारकर बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती करके कार्रवाई शुरू की है। लेकिन, इस कार्रवाई की परवाह किए बगैर प्रदर्शनों की तीव्रता बरकरार होने की बात रविवार के दिन हुए प्रदर्शनों से दिखाई पड़ी है।

myanmar-protestsयांगून के साथ देश के १० प्रमुख शहरों में रविवार के दिन बड़ी मात्रा में प्रदर्शन हुए। सिर्फ यांगून शहर के सात अलग अलग हिस्सों में इन प्रदर्शनों का आयोजन हुआ था। लष्करी हुकूमत खत्म करने के लिए हम मौत का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं, ऐसी आक्रामक प्रतिक्रिया प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान व्यक्त की। सुरक्षा बल प्रदर्शनकारियों के घरों पर छापे मार रहे हैं और प्रदर्शनकारियों से ज़ोरदार मारपीट करके उनका उत्पीड़न भी कर रहे हैं, ऐसी जानकारी स्वयंसेवी गुटों ने प्रदान की है। शनिवार के दिन इसी तरह की कार्रवाई के दौरान सत्तापक्ष ‘एनएलडी’ के नेता खिन माऊंग लात की मौत होने की बात सामने आयी है।

myanmar-protestsइसी बीच म्यांमार की लष्करी हुकूमत ने, असहयोग कर रहें सरकारी कर्मचारियों को धमकाना शुरू किया है। प्रदर्शन अगर जारी रहा, तो इसमें उतरे सभी कर्मचारियों को काम से निकाल देने की चेतावनी लष्करी हुकूमत ने दी है। लेकिन, कर्मचारियों ने यह चेतावनी ठुकराकर, लष्करी हुकूमत को हटाए बगैर प्रदर्शनों को रोकेंगे नही, यह प्रत्युत्तर दिया है।

म्यांमार में हो रहें इन प्रदर्शनों की गुंज अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सुनाई दे रही है और संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद में बीते हफ्ते इन प्रदर्शनों का मुद्दा उठाया गया था, यह भी सामने आया है।

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