अल कायदा का मौजूदा प्रमुख जवाहिरी अफ़गानिस्तान-पाकिस्तान के सरहदी क्षेत्र में छुपा है – संयुक्त राष्ट्रसंघ की रिपोर्ट का दावा

जवाहिरीसंयुक्त राष्ट्रसंघ – अमरीका ने पाकिस्तान में घुसकर एबोटाबाद में छुपकर बैठा अल कायदा का प्रमुख ओसामा बिन लादेन को मार गिराया। अमरीका के इस ‘ऑपरेशन जेरोनिमो’ के दस वर्ष पूरे हुए। लेकिन, लादेन पाकिस्तान में कैसें पहुँचा, इसका जवाब पाकिस्तान अभी भी दे नहीं सका है। लादेन के बाद अल कायदा का सर्वोच्च नेता बना आयमन अल जवाहिरी भी अफ़गानिस्तान-पाकिस्तान के सरहदी क्षेत्र में ही छुपकर बैठा है, ऐसी आशंका संयुक्त राष्ट्रसंघ ने व्यक्त की है। इस वजह से, पाकिस्तान अन्तर्राष्ट्रीय आतंकी संगठनों का घर बना होने की बात फिर एक बार सामने आ रही है।

अमरीका ने अफ़गानिस्तान से सेना वापसी करने की तैयारी शुरू की है। अमरीकाऔर तालिबान के बीच कतार के दोहा में इससे संबंधित समझौता किया था और इस समझौते में तालिबान ने, हम अल कायदा के साथ संबंध नहीं रखेंगे, यह बात कबुल की थी। लेकिन तालिबान के अल कायदा के साथ अभी भी संबंध हैं, ऐसा आरोप संयुक्त राष्ट्रसंघ की रिपोर्ट में रखा गया है। अल कायदा और अन्य आतंकी संगठनों के नेता अफ़गानिस्तान और पाकिस्तान के सरहदी क्षेत्र में मौजूद हैं, यह बात यह रिपोर्ट कह रही है। अल कायदा के प्रमुख नेता भी इसी क्षेत्र में छुपे हुए हैं और इनमें अल कायदा का प्रमुख आयमन अल जवाहिरी का भी समावेश होने का दावा इस रपट में किया गया है।

जवाहिरी अभी भी जीवित है, लेकिन वह अल कायदा का नेतृत्व करने की स्थिति में नहीं है। उसके साथ अल कायदा के करीबन पाँच सौ आतंकी अफगानिस्तान और पाकिस्तान के सरहदी क्षेत्र में छुपे हैं, यह जानकारी इस रिपोर्ट में दर्ज़ है। अफ़गानिस्तान-पाकिस्तान की सीमा पर हक्कानी नेटवर्क का नियंत्रण है। हक्कानी नेटवर्क तालिबान का ही एक प्रभावी गुट है और यह गुट पाकिस्तान के इशारों पर काम करता है। इस गुट के आतंकियों का इस्तेमाल करके पाकिस्तान अफ़गानिस्तान में अपने उद्देश्‍य प्राप्त करने की कोशिश करता हैं। जवाहिरीलेकिन, अब आयमन अल जवाहिरी भी इसी क्षेत्र में होने की जानकारी सामने आने से पाकिस्तान की मुश्‍किलें बढ़ सकती हैं।

जागतिक आतंकवाद के केंद्र के तौर पर पाकिस्तान कुविख्यात है। हमारा देश आतंकी नहीं है, बल्कि आतंकवाद का शिकार हैं, यही बात साबित करने के लिए पाकिस्तान कोशिश कर रहा है। साथ ही, आतंकियों पर सख्त कार्रवाई करने की ज़िम्मेदारी निभाने की कोशिश भी पाकिस्तान कर रहा हैं, यह भरोसा इस देश की सरकार दिला रही है। लेकिन, अभी तक राजनीतिक उद्देश्‍य प्राप्त करने के लिए पाकिस्तान आतंकवाद का ही इस्तेमाल कर रहा है, यह बात भी साबित हुई है। इस मसले पर अफ़गानिस्तान ने कुछ दिन पहले भी पाकिस्तान की कड़े शब्दों में आलोचना की थी।

ऐसी स्थिति में जवाहिरी का अफ़गानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा पर रहने की सच्चाई सामने आयी हैं। आनेवाले दिनों यदि जवाहिरी का इस क्षेत्र में रहना और उसे पाकिस्तान की सहायता प्राप्त होने की बात साबित हुई, तो फिर एक बार पाकिस्तान आतंकी देश होने के आरोपों की पुष्टि होगी। इसी वजह से संयुक्त राष्ट्रसंघ की यह रिपोर्ट पाकिस्तान की चिंता बढ़ानेवाली साबित हो रही है।

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