‘आयएस’ की जगह ईरान का साम्राज्य लेगा- अमरीका के ज्येष्ठ राजनीतिज्ञ हेनरी किसिंजर का बयान

लंदन: अमरीका का राष्ट्राध्यक्ष पद स्वीकारने के बाद डोनाल्ड ट्रम्प ने अमरीका की सिरिया विषयक नीती बदली थी। सिरियन राष्ट्राध्यक्ष अस्साद का साम्राज्य उठाने की पहले की निति को बदलते हुए ‘आयएस’ इस आतंकी संघटन को बर्बाद करने को अमरीका अब प्राथमिकता देगी’ यह राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने कहा था। पर ‘आयएस’ के ख़त्म होने के बाद ईरान का कट्टरपंथी साम्राज्य उसकी जगह लेगा यह संकेत अमरीका के भूतपूर्व विदेशमंत्री और कूटनितितज्ञ हेनरी किसिंजर ने दिया है।

ईरान का साम्राज्यहेनरी किसिंजर ने ब्रिटन के एक संकेतस्थल के लिए लिखे एक लेख में ‘आयएस’ की जगह ईरान का कट्टरपंथी साम्राज्य लेगा यह चिंता व्यक्त की।

‘आयएस’ यह धर्म उन्माद पर विश्वास रखनेवाला कट्टर संघटन ईराक और सिरिया में आधुनिक जागतिक व्यवस्था को चुनौती दे रहा है। इन जगहों पर एक ही तरह का इस्लामी साम्राज्य स्थापित करने का उद्देश्य इस संघटन के सामने है। ऐसी स्थिति में शत्रु का शत्रु अपना मित्र है यह परंपरागत सोच यहाँ काम में न आते हुए’ किसिंजर ने आपना अभिप्राय इस लेख में स्पष्टरूप से प्रस्तुत किया है।

आयएस’ को शिया पंथिय देश एवं सुन्नी पंथिय देशों से विरोध हो रहा है और यह देश ‘आयएस’ को ख़त्म करने की तैयारी में लगे है। पर आयएस को ख़त्म करने के बाद, उनकी जगह सुन्नी पंथिय लेंगे या वर्चस्ववादी ईरान इसे जकडेगा, यह प्रश्न किसिंजर ने आपने लेख में किया है। ईरान का रेव्होल्युशनरी गार्ड एवं ईरान के आदेशों पर चलनेवाली दूसरी शिया पंथिय संघटन ने इसपर कब्ज़ा किया तो इसका बहुत ही बुरा परिणाम दुनिया के सामने आएगा’ यह चिंता किसिंजर ने व्यक्त की है। इस वजह से, ईरान के तेहरान से लैबनॉन के बैरुत तक की जमीन आक्रामक शियापंथियों के हात चली जायेगी यह दावा किसिंजर ने किया है।

ईराक और सिरिया के आयएस के इलाकों पर रशिया और अमरीका ने हमले शुरू किये है जिससे इन दोनों देशों में आयएस के आतंकि पीछे हटने की बात सामने आयी है। ‘आयएस’ के हाथों से कुछ महत्वपूर्ण शहर निकल जाने के बाद उनका प्रभाव कम होता दिखाई दे रहा है। ऐसी परिस्थिति में ‘आयएस’ की जगह ईरान का साम्राज्य लेगा यह अनुमान लगाते हुए किसिंजर ने अमरीका के नीतियों में बदलाव लाने की जरूरत होने के स्पष्ट संकेत दिए है। अमरीका के राष्ट्राध्यक्षपद पर काम करते वक्त बराक ओबामा से आयएस को छोड़ते हुए सिरिया के अस्साद का साम्राज्य उठाने को अधिक महत्वपूर्ण समझकर उस दिशा में नीतिया कार्यान्वित की थी।

ट्रम्प प्रशासन ने यह नीती बदलते हुए ‘आयएस’ को बर्बाद करने पर ध्यान जुटाया है। उनके इस नीती को कुछ अमरीकी अधिकारी और कूटनितितज्ञ विरोध कर रहे है। ऐसी परिस्थिति में अमरीका के विदेश नीतीयों के शिल्पकार पहचाने जानेवाले ९४ वर्षीय हेनरी किसिंजर ने ईरान के साम्राज्य विस्तार को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए, अमरीका के साथी खाड़ी देशों को भी इस मसले पर विचार करने पर विवश किया है।

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